रिलायंस जियो अगले 12 से 18 महीनों तक अपने धांसू प्लान पर कायम रह सकता है। यह भी हो सकता है कि कंपनी कंप्लिमेंट्री सर्विस और ऑफर से एक बार फिर टेलीकॉम सेक्टर में तहलका मचा दे। विशेषज्ञों का कहना है कि देश के 15 फीसदी वायरलेस सब्सक्राइबर बेस हासिल करने के लिए रिलांयस पूरा जोर लगाएगा जिसका खामियाजा एयरटेल और वोडाफोन जैसी दूसरी टेलीकॉम कंपनियों को भुगतना पड़ेगा।
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अमेरिकी फर्म मॉर्गन स्टेनली के मुताबिक यदि रिलायंस ऐसा करती है तो इसका सीधा असर भारती एयरटेल, वोडाफोन और आइडिया के प्रति ग्राहक आमदनी (ARPU) पर पड़ेगा। इसका असर इतना होगा कि जियो के अलावा दूसरी कंपनियों का ARPU 300 रुपये तक सीमित रह सकता है। रिपोर्ट में बताया गया है कि जियो ने 5 सितंबर को भारतीय टेलीकॉम सेक्टर में कदम रखा और अभी तक कंपनी को 6 फीसदी वायरलेस सब्सक्राइबर मार्केट हासिल हुआ है लेकिन कंपनी का टारगेट 15 फीसदी है।
मार्च में जियो ने 2020-2021 तक टेलीकॉम इंडस्ट्री का आधा रेवेन्यू मार्केट शेयर हासिल करने का टारगेट किया था, वहीं दिसंबर तिमाही के अंत तक एयरटेल के पास 33.1 फीसदी, वोडाफोन के पास 23.5 फीसदी और आइडिया के पास 18.7 फीसदी रेवेन्यू मार्केट शेयर था।
विशेषज्ञ की मानें तो जियो के पास लॉन्चिंग के बाद पहले 170 दिनों में कंपनी के पास 10 करोड़ ग्राहक हैं। औसत की बात करें तो प्रतिदिन 6 लाख ग्राहक जियो से जुड़ रहे हैं। 31 मार्च तक जियो के ग्राहकों की संख्या 10 करोड़ 9 लाख हुई है। यानी 40 दिन में 90 लाख लोग जियो से जुड़े हैं। औसत की बात करें तो प्रतिदिन 2.25 लाख। ऐसे में जियो से जुड़ने वाले ग्राहकों की रफ्तार में कमी आई है जिसे देखते हुए कंपनी नए ऑफर ला सकती है या फिर कंप्लिमेंट्री और सरप्राइज ऑफर को बरकरार रख सकती है।
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