
मगर जनता के बीच मोदी के बाद योगी की मांग ही सर्वाधिक है। बताया जा रहा है कि उम्मीदवारों और कार्यकर्ताओं की मांग को देखते हुए भाजपा आलाकमान योगी से कुछ ज्यादा दिन गुजरात में गुजारने को कह सकता है।
सूरत में सर्वाधिक लोकप्रिय हैं योगी
एक तरफ सिल्क नगरी सूरत भाजपा के लिए सबसे बड़ी मुसीबत बनी हुई है। तो यहीं से ही योगी की मांग सबसे ज्यादा उठ रही है। सूरत में अपनी जमीन बचाने की कवायद में भाजपा को योगी का ही अब आसरा नजर आ रहा है।
यहां आरक्षण की मांग को लेकर पाटीदार समाज और जीएसटी के वजह से व्यापारी वर्ग भाजपा से नाराज चल रहा है। पार्टी की उम्मीदें यहां रह रहे उत्तर भारतीयों से बढ़ गई है। ताकि पटेल और व्यापारी वर्ग की नाराजगी से होने वाले नुकशान की भरपाई की जा सके। हालांकि किसी पूर्व को उम्मीदवार न बनाए जाने की वजह से पूर्वांचल का मतदाता भी खफा है। मगर पार्टी को उम्मीद है कि मोदी और योगी उनकी नाराजगी को थाम लेंगे। यही वजह है कि भाजपा की नजरें यहां पीएम मोदी के साथ योगी पर भी जम गई हैं।
योगी ने यहां पहुंचकर 26 नवंबर को सिल्क नगरी में दो-दो चुनावी सभाओं को संबोधित किया। उनके चुनावी सभाओं की सफलता और जनता में उसके पड़ रहे असर से सूरत भाजपा ने पार्टी आलाकमान से योगी का और समय मुहैया कराने की मांग की है। इसके अलावा व्यापी, बड़ौदा, अहमदाबाद और राजकोट से भी योगी की मांग बढ़ रही है। चुनाव प्रचार में उनकी बढ़ रही मांग को देखकर लगता है कि वे पीएम मोदी के बाद पार्टी के सबसे लोकप्रिय नेता के रूप में शुमार हो गए हैं।
जैसा यूपी के विधानसभा चुनाव के वक्त पीएम मोदी ने अपने संसदीय क्षेत्र बनारस में रोड शो किया था। सूरत में योगी के रोड शो के लिए पार्टी ने 6 दिसंबर की तिथि तय की है। वैसे सूरत इकाई योगी का रोड शो 28 नवंबर को कराने का विचार कर रही थी।
मगर 29 नवंबर को शहर में पीएम मोदी की दोबारा से होने वाली रैली के मद्देनजर पार्टी ने योगी के रोड शो की तिथि को आगे सरकाया है। इसलिए उनका रोड शो अब 6 दिसंबर को आयोजित करने की रणनीति तैयार की गई है। बताया जा रहा है कि यूपी के निकाय चुनावों से निपटने के बाद योगी दोबारा से गुजरात की ओर रुख करेंगे। वैसे पहले चरण के अंतिम दौर में प्रचार के लिए उन्होंने 4 से 6 दिसंबर तक का वक्त गुजरात भाजपा को दिया है।
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