दिल्ली में आए दिन भारी ट्रैफिक जाम से निजात पाने के लिए केजरीवाल सरकार ने कमर कस ली है. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के मुख्य सचिव से राजधानी के हर इलाके में सड़कों पर लगने वाले ट्रैफिक जाम के लिए जिम्मेदार कारणों और और ज्यादा से ज्यादा ट्रैफिक जाम लगने वाले इलाकों के बारे में विस्तृत रिपोर्ट मांगी है.
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केजरीवाल ने मुख्य सचिव को निर्देश दिया है कि वह 15 अगस्त के पहले उन सड़कों के बारे में भी रिपोर्ट दें जिस की बनावट की कमी और जगह-जगह बने संकरेपन के चलते जाम की समस्या होती है. इतना ही नहीं मुख्य सचिव को दिए निर्देश में केजरीवाल नेकहा है कि वह ट्रैफिक पुलिस से बात करके भी जाम के बड़े कारणों और उससे निपटने के लिए सुझाव पर एक रिपोर्ट बनाकर पेश करें.
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2016 में दिल्ली के तत्कालीन ट्रांसपोर्ट मंत्री सत्येंद्र जैन ने भी राजधानी की कई सड़कों की बनावट पर सवाल उठाते हुए उनको री डिजाइन करने का प्रस्ताव दिया था. पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू में 10 लड़कों को चुना गया था, जहां पूरे सड़कों की रीडिजाइन होनी थी. सरकार की रिपोर्ट के मुताबिक राजधानी में ज्यादातर जाम लगने की समस्या सड़कों की गलत डिजाइन की वजह से है और अब इन्हीं से निपटकर केजरीवाल सरकार दिल्ली में ट्रैफिक जाम की समस्या को खत्म करने की तैयारी कर रही है. सरकार के सूत्रों की मानें तो मुख्य सचिव की रिपोर्ट के बाद सरकार सभी विभागों के साथ बैठक करके सड़कों के रीडिजाइन के मेगा प्रोजेक्ट की तैयारी करेगी.
नॉर्थ-साउथ कॉरिडोर प्रोजेक्ट को मंजूरी
वहीं उत्तरी दिल्ली को दक्षिण दिल्ली से जोड़ने के लिए नॉर्थ साउथ कॉरिडोर के प्रोजेक्ट पर भी उपराज्यपाल ने सहमति दे दी है, जिस पर यूटीपैक की अगली बैठक में चर्चा के लिए लाया जाएगा. सरकार के मुताबिक यह कॉरिडोर साढ़े तीन साल में बनकर तैयार हो जाएगा. 6 लेन के इस कारिडोर के बनने के बाद वजीराबाद से एयरपोर्ट मात्र 30 मिनट में पहुंचा जा सकेगा. लगभग 29 किलोमीटर लंबे कॉरिडोर पर हाई स्पीड बसें चलाना भी संभव होगा और वजीराबाद से एयरपोर्ट की दूरी महज 20 मिनट में तय की जा सकेगी.
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