ओबामा ने कहा- मोदी से दोस्ती, मनमोहन के साथ भी खूब जमती थी

ओबामा ने कहा- मोदी से दोस्ती, मनमोहन के साथ भी खूब जमती थी

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने शुक्रवार को दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ उनकी दोस्ती है, लेकिन पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के साथ भी उनकी खूब जमती थी. उन्होंने कहा कि दोनों ही नेता बहुत प्रभावी हैं. मनमोहन सिंह हमारे पहले पार्टनर थे, जब हम आर्थिक मंदी से जूझ रहे थे. प्रधानमंत्री मोदी पेरिस समझौते के साथ हमारे सहयोगी थे.ओबामा ने कहा- मोदी से दोस्ती, मनमोहन के साथ भी खूब जमती थीनयी चालः कड़ाके की ठंड में भी डोकलाम के पास ही तैनात रहेगी चीनी सेना

मोदी के बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि मैं उन्हें पसंद करता हूं. मुझे लगता है कि भारत के लिए उनके पास विजन है. वे अफसरशाही को आधुनिक बनाने में लगे हुए हैं.

ओबामा ने कहा कि डॉ. मनमोहन सिंह के साथ हमारी दोस्ती बहुत अच्छी थी. डॉ. सिंह ने भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए शानदार काम किया है. आप देखेंगे कि यही आधुनिक भारतीय अर्थव्यवस्था की नींव है.

‘हमें नहीं पता था PAK ओसामा के बारे में जानता था’

पाकिस्तान में ओसामा के मारे जाने के बारे में पूछे गए एक सवाल पर पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि हमारे पास ऐसा कोई सबूत नहीं था, जिससे पता चलता हो कि पाकिस्तानी सरकार को ओसामा बिन लादेन के एबटाबाद में होने की जानकारी थी.

कार्यक्रम में अपने संबोधन की शुरुआत में ओबामा ने कहा कि दिल्ली वापस लौटना शानदार है. बतौर अमेरिकी राष्ट्रपति दो बार भारत का दौरा करना मेरे लिए गर्व की बात है. पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि अमेरिका और भारत विविधता से पहचाने जाते हैं. दोनों देशों के पास काफी कुछ साझा है.

खिंचे-खिंचे हैं अंतरराष्ट्रीय संबंध

ओबामा ने कहा कि हमने अंतरराष्ट्रीय बाध्यताओं को समर्पित कर वैश्विक साझेदारी को मजबूती दी, लेकिन अंतरराष्ट्रीय संबंध अब ज्यादा खींचतान से भरे हैं. ग्लोबलाइजेशन, आतंकवाद और गैरबराबरी इसके लिए जिम्मेदार है. उन्होंने कहा कि दुनिया भर में हिंसा में कमी आई है, जैसा कि मानवता के इतिहास में हिंसा देखने को मिलती है.

पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच कई मूल्यों पर साझेदारी है. जैसे कि विविधता और सहिष्णुता, एक उदारवादी बाजार और व्यक्तिगत अधिकार… टेक्नोलॉजी के नेगेटिव इंपैक्ट के बारे में बोलते हुए ओबामा ने कहा कि हर तरह के बदलावों के बीच लोग स्थिरता पाना चाहते हैं. हम पहले इस तरह के माहौल से गुजर चुके हैं. कृषि से लेकर इंडस्ट्रियल सेक्टर तक. महत्वपूर्ण ये है कि इनकी-उनकी राजनीति को पीछे धकेलना. हमें उन मूल्यों को आगे बढ़ाना है कि जो हम सबमें साझा हैं.

ट्रंप से ज्यादा फॉलोवर हैं मेरे पास

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर तंज कसते हुए ओबामा ने कहा कि मेरे पास कुछ लोगों से ज्यादा फॉलोवर थे, जो अक्सर इसे यूज करते हैं. अपने ट्वीट के बारे में ओबामा ने कहा कि मैं अपने टेक्स्ट में मुहावरे प्रयोग करता हूं.

डोनाल्ड डक और डोनाल्ड ट्रंप में से अमेरिका का प्रतिनिधित्व कौन करता है के सवाल पर पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि अमेरिकी की विविधता को मैं पसंद करता हूं.

विरोधाभासी है अमेरिका

राजनीतिक रुझान जीवन का अंग हैं. अमेरिका के बारे में जो खुशी और फ्रस्टेशन की बात है वो ये है कि अमेरिका विरोधाभासी हो सकता है. हम दयालु और निर्दयी भी हो सकते हैं. मुझे लगता है कि भारत के साथ भी यही है. 

‘लोकतंत्र में भरोसा है, तो चुप न रहें’

ओबामा ने कहा कि दुनिया की सबसे पुराने और सबसे बड़े लोकतंत्र की साझेदारी निर्णायक है. मोदी और हमारी 9 बार मुलाकात हुई, वैश्विक स्तर पर भारत जब बड़ी भूमिका में आएगा, तो हमारी चुनौतियां एक होंगी. उन्होंने कहा कि जो लोग डेमोक्रेसी में विश्वास करते हैं, उन्होंने मुद्दों पर बोलने की जरूरत है. यही वजह है कि एक प्राइवेट सिटीजन के रूप में यहां बोल रहा हूं.

‘दाल पसंद है और कीमा शानदार बनाता हूं’

उन्होंने कहा कि मैं पहला अमेरिकी राष्ट्रपति होऊंगा, जिसे दाल रेसिपी थी, मैं शानदार कीमा बना लेता हूं लेकिन चिकन उतना बढ़िया नहीं बना पाता. रोटी बनाना बहुत मुश्किल है, मेरी रोटी बढ़िया नहीं होती.

अपनी सामाजिक एकता को संजोकर रखे भारत

लोकतंत्र में एकता और भागीदारी की बात पर उन्होंने कहा कि भारत जैसे देश में मुस्लिमों की एक बड़ी आबादी है और सब लोग मिल जुलकर रहते हैं. हालांकि दुर्भाग्य की बात है कि हर देश में ऐसा नहीं होता है. भारत को अपनी साझेदारी और एकता पर गर्व करने और संजो कर रखने की जरूरत है.

प्रगति के लिए एकता में विश्वास करते हैं मोदी

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एकता में विश्वास करते हैं. वे मानते हैं कि विकास के लिए प्रगति बहुत जरूरी है. इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री के जवाब के बारे में ओबामा ने कहा कि अगर कोई राजनेता ऐसा करता है, तो इस पर सवाल उठाना जरूरी है.

उन्होंने कहा कि आप एक सवाल खुद से पूछ सकते हैं कि मैं किस चीज को बढ़ावा दे रहा हूं. अगर भारतीय समुदाय कहता है कि वे बंटवारे की राजनीति में नहीं उलझेंगे, तो ये उन नेताओं के लिए बेहतर हैं, जो एकता को बढ़ावा देना चाहते हैं. ओबामा ने कहा कि नेता समाज का ही प्रतिनिधित्व करते हैं.

NSG सदस्यता दिलाने के लिए बहुत कोशिश की

पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि हमने भारत को एनएसजी की सदस्यता दिलाने के लिए भरसक प्रयास किए लेकिन अन्य देशों से कोई सहयोग नहीं मिला. 26/11 मुंबई हमले के बाद भारत के साथ मिलकर हम आतंक को खत्म करना चाहते थे. किसी भी तरह का आतंक सबको प्रभावित करता है.

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