अभी-अभी: कैबिनेट ने लिए कई बड़े फैसलेः कर्मचारियों की बढ़ेगी सैलरी, 330 दवाएं फ्री, निकली बंपर नौकरियां

अभी-अभी: कैबिनेट ने लिए कई बड़े फैसलेः कर्मचारियों की बढ़ेगी सैलरी, 330 दवाएं फ्री, निकली बंपर नौकरियां

हिमाचल सरकार की मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में कई बड़े फैसले लिए गए हैं। सरकार ने नौकरियों का पिटारा तो खोला ही। साथ ही कर्मचारियों पर भी पैसा बरसाया है। हिमाचल में इस वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव में सरकार ने पंचायत चौकीदारों को रिझाने की कोशिश की है।अभी-अभी: कैबिनेट ने लिए कई बड़े फैसलेः कर्मचारियों की बढ़ेगी सैलरी, 330 दवाएं फ्री, निकली बंपर नौकरियांबांग्लादेश के खिलाफ ऑस्ट्रेलियाई स्पिनर ने बनाया टेस्ट क्रिकेट का अनोखा रिकॉर्ड

वर्ष 2016 – 17 बजट भाषण में 300 रुपये की बढ़ोतरी के बाद सरकार ने मंगलवार को कैबिनेट की बैठक में चौकीदारों के मानदेय में 700 रुपये की और बढ़ोतरी की है। पंचायत चौकीदारों के मानदेय में बढ़ी हुई दोनों राशि एक साथ मिलेगी।

बताया जा रहा है कि अगले महीने से पंचायत चौकीदारों के खाते में 1000 रुपये बढ़कर आएगा। पंचायत राज विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक हिमाचल में 3226 पंचायत चौकीदार है। वर्तमान में इन चौकीदीरों को 2350 रुपये प्रति माह मानदेय मिलता था।

अब उन्हें अगले महीने से 3050 रुपये मासिक मानदेय मिल सकता है। चौकीदार एसोसिएशन लगातार प्रदेश सरकार ने मानदेय बढ़ाने की मांग कर रहे थे। इसको लेकर कई बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह और पंचायती राज मंत्री से भी मिले थे। गौरतलब है कि पंचायत में चपड़ासी की कमी है। चौकीदारों से ही यह काम लिया जा रहा है। 

सरकार ने फिक्स किया कंप्यूटर शिक्षकों का वेतन, अब इतना मिलेगा 

हिमाचल सरकार ने कंप्यूटर शिक्षकों का वेतन फिक्स करने का फैसला लिया है। हालांकि शिक्षा विभाग द्वारा मंत्रिमंडल की बैठक में इस संबंध में कोई भी प्रस्ताव नहीं लाया गया था। मंत्रिमंडल ने स्वयं यह फैसला लिया।

अब मंत्रिमंडल की मंजूरी का नोट जारी होने पर मामला वित्त और शिक्षा विभाग के पास जाएगा। देखना दिलचस्प होगा कि वित्त महकमा चुनावी साल में मंत्रिमंडल के फैसले पर क्या प्रतिक्रिया देता है।

उधर, मंत्रिमंडल ने फैसला लिया है कि कंप्यूटर शिक्षकों को अब फिक्स वेतन मिलेगा। इसके तहत 5 वर्ष से अधिक सेवाएं दे रहे कंप्यूटर शिक्षकाें को दस हजार रुपये, 10 वर्ष तक वालों को 12500 रुपये और 10 वर्ष से अधिक समय से सेवाएं दे रहे शिक्षकों को 15000 रुपये मिलेंगे।

कंप्यूटर शिक्षक बीते लंबे समय से सरकार से नीति बनाने की मांग कर रहे हैं। मंगलवार को शिक्षकों ने कक्षाओं का बहिष्कार कर अपना विरोध भी जताया। इस दौरान शिक्षक संघ के प्रतिनिधिमंडल ने युवा कांग्रेस अध्यक्ष विक्रमादित्य सिंह से मिलकर मांग भी उठाई।

1368 पीटीए शिक्षकों का भी बढ़ गया मानदेय, अब इतने पैसे मिलेंगे ​ 
प्रदेश सरकार ने अनुबंध पर आने से छूट चुके 1368 पीटीए शिक्षकों का मासिक मानदेय एक हजार रुपये बढ़ा दिया है। मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में लेफ्ट आउट पीटीए शिक्षकों को अनुबंध शिक्षकों के वेतन के बराबर मानदेय और सभी तरह की सुविधाएं देने का फैसला लिया है।

कैबिनेट ने इन शिक्षकों के मानदेय में हर साल वृद्धि करने, छुट्टियों का पैसा देने और पांच स्पेशल लीव देने को भी हरी झंडी दी। पहले इन शिक्षकों को दस कैजुअल और दस मेडिकल लीव मिलती थीं। छुट्टियों के दौरान का मानदेय भी इन्हें नहीं मिलता था। इन शिक्षकों को बढ़ा पैसा पहली जून से दिया जाएगा।

शिक्षकों को मिलेगा फायदा, ये है पूरा मामला
 
साल 2015 में नौकरी में गैप पीरियड होने के चलते 1368 पीटीए शिक्षक अनुबंध पर आने से छूट गए थे। इस दौरान सरकार ने करीब 5100 से पीटीए शिक्षकों को अनुबंध पर लिया था। बाद में सुप्रीम कोर्ट में पंकज कुमार बनाम स्टेट केस विचाराधीन होने के चलते ये शिक्षक अनुबंध पर आने से छूट गए।

इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने यथास्थिति बनाए रखने के आदेश दिए हैं। इसके चलते प्रदेश सरकार लेफ्ट आउट पीटीए शिक्षकों को अनुबंध पर नहीं ला पा रही है। चुनावी साल में सरकार ने बड़ा दांव खेलते हुए लेफ्ट आउट शिक्षकों को अनुबंध पर लाने के आड़े आ रहे नियमों के चलते मानदेय बढ़ाने का फैसला लिया है।

अनुबंध पर नियुक्त पीटीए शिक्षकों में असिस्टेंट प्रोफेसर को 26100, पीजीटी को 17650, डीपी-टीजीटी को 16600 और सीएंडवी को 15900 रुपये प्रतिमाह दिया जा रहा है। कैबिनेट के फैसले के बाद लेफ्ट आउट शिक्षकों के मानदेय में 800 से एक हजार रुपये की बढ़ोतरी होगी।

लेफ्ट आउट पीटीए को अभी तक अनुबंध शिक्षकों के वेतन का 90 फीसदी जीआईए ग्रांट के तहत दिया जाता है। उधर, पीटीए अनुबंध शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष विवेक मेहता और महासचिव शिशुपाल गाजटा ने मानदेय बढ़ोतरी के लिए मुख्यमंत्री सहित वित्त और शिक्षा विभाग के अधिकारियों का आभार जताया है। 

अब 330 तरह की दवाएं और चिकित्सा वस्तुएं मिलेंगी बिल्कुल फ्री 
अब हिमाचल में सभी लोगों को 330 तरह की दवाएं और चिकित्सा वस्तुएं मुफ्त मिलेंगी। ये व्यवस्था प्रदेश के तमाम स्वास्थ्य केंद्रों में होगी। चाहे वह पीएचसी हो या जोनल अस्पताल हो। अब तक केवल 56 तरह की दवाएं ही मुफ्त दी जा रही हैं।
 
इसका प्रदेश के सभी मरीजों को लाभ होगा। हिमाचल मंत्रिमंडल ने राज्य के सभी सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में बिना किसी आय सीमा के सभी रोगियों को निशुल्क दवाइयां और उपभोग की जाने वाली वस्तुएं प्रदान करने का फैसला लिया है।
 
यह निर्णय ज्यादा से ज्यादा औषधियों और उपभोक्ता वस्तुओं को प्रदेश सरकार की निशुल्क दवा नीति के तहत जनहित में लिया गया है। इंदिरा गांधी निशुल्क औषधि योजना के तहत इसके लिए बजट का 71 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। रोगियों को 330 निशुल्क दवाइयां और उपभोग वस्तुएं प्रदान की जाएंगी।
हिमाचल में स्तरोन्नत किए गए कई स्वास्थ्य संस्थान 
मंत्रिमंडल की ओर से हमीरपुर जिले के बड़सर में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को जरूरी स्टाफ के सृजन सहित 50 बिस्तरों वाले नागरिक अस्पताल में स्तरोन्नत करने की भी मंजूरी प्रदान की है। मंत्रिमंडल ने मंडी जिले के करसोग तहसील के चूरीधार, ज्वालामुखी के शिरहोपियां, हमीरपुर जिला के बिझड़ी के टिक्कर राजपुतां, सिरमौर जिले के भेड़ों, कुल्लू जिला के दुपकन तथा पालमपुर के ग्वाल टिक्कर में नए आयुर्वेदिक स्वास्थ्य केंद्र और औषधालय खोलने को मंजूरी दी।

प्रत्येक आयुर्वेदिक स्वास्थ्य केंद्र में तीन पद होंगे। इस बैठक में मंडी जिला के कटिण्डी में आवश्यक पदों सहित स्वास्थ्य उपकेंद्र खोलने को मंजूरी दी गई।  मंत्रिमंडल ने लाहौल स्पीति जिले के कोकसर में जरूरी पदों सहित प्राथमिक स्वास्थ्य खोलने को अपनी मंजूरी प्रदान की। सोलन जिला के भ्युंखड़ी में पदों सहित नया प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खोलने का निर्णय लिया गया।

बैठक में सोलन जिला की ग्राम पंचायत मंधाला के बागूवाला में आवश्यक पदों सहित स्वास्थ्य उपकेंद्र खोलने और स्वास्थ्य उपकेंद्र गोयला को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में स्तरोन्नत करने की मंजूरी दी गई। कांगड़ा जिले के द्रंग में तीन पदों के सृजन सहित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खोलने का निर्णय लिया गया। शिमला जिला के शेलग में तीन पदों के सृजन सहित स्वास्थ्य उपकेंद्र को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में स्तरोन्नत करने का निर्णय लिया गया।

मंत्रिमंडल ने मुख्यमंत्री की घोषणा के अनुरूप देहरा के खाबली गांव में आयुर्वेदिक स्वास्थ्य केंद्र खोलने को मंजूरी प्रदान की। सिरमौर जिला के स्वास्थ्य उपकेंद्र भवाई को पदों के सृजन सहित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में स्तरोन्नत करने का बैठक में निर्णय लिया गया। मंडी जिला की बल्ह तहसील के नलसर, समलौण, बरसवैण तथा मल्वाणा में आयुर्वेदिक स्वास्थ्य केंद्र खोलने को मंत्रिमंडल ने अपनी स्वीकृति प्रदान की। बैठक में सोलन जिला की अर्की तहसील के शीलघाट में नया आयुर्वेदिक स्वास्थ्य केंद्र खोलने का निर्णय लिया गया।

हिमाचल के इन स्कूलों को किया गया अपग्रेड 

कैबिनेट ने प्रदेश के 11 स्कूलों को अपग्रेड कर दिया है। इसमें जिला चंबा के खराड़ा स्थित राजकीय माध्यमिक पाठशाला रंग को आवश्यक स्टाफ  सहित राजकीय उच्च पाठशाला में स्तरोन्नत करने का निर्णय लिया गया।

मंत्रिमंडल ने आवश्यक पदों के सृजन एवं भरने की स्वीकृति के साथ जिला कांगड़ा के ज्वाली के राजकीय माध्यमिक पाठशाला जरोट को स्तरोन्नत कर उच्च पाठशाला तथा राजकीय उच्च पाठशाला छात्रा ज्वाली को राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला में स्तरोन्नत करने का निर्णय लिया।

आवश्यक स्टाफ सहित जिला सिरमौर की राजकीय माध्यमिक पाठशाला बंदल और कुफर कियारा को स्तरोन्नत कर उच्च पाठशाला करने, राजकीय उच्च पाठशाला मंडवाड को स्तरोन्नत कर राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला करने का निर्णय भी लिया गया।

मंडी के राजकीय उच्च विद्यालय कोट मोरस, दरंग के राजकीय उच्च विद्यालय मेगल तथा भरमौर के राजकीय उच्च विद्यालय कूनर को राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों में स्तरोन्नत करने का निर्णय लिया।

जिला सिरमौर की राजकीय उच्च पाठशाला खरकान को स्तरोन्नत कर राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला में स्तरोन्नत करने का निर्णय भी लिया गया। इसके अलावा जिला सिरमौर के संगड़ाह की ग्राम पंचायत संगना के भालटा तथा ददाहू की ग्राम पंचायत महीपुर के मराठ गांव में नई प्राथमिक पाठशालाएं  खोलने का निर्णय लिया गया। जिला बिलासपुर के घुमारवीं में ग्राम पंचायत कोठी के कांशी में नई प्राथमिक पाठशाला को भी स्वीकृति प्रदान की।

सरप्लस स्टाफ को करेंगे समाहित
मंत्रिमंडल ने भर्ती एवं पदोन्नति नियमों के अनुसार लिपिक के पद के लिए आवश्यक शैक्षिक योग्यता रखने वाले सरप्लस स्टाफ  को शिक्षा विभाग में सेकेंडमेंट आधार पर समाहित करने का निर्णय लिया।

कैबिनेट के ये फैसले भी बड़े अहम

मंत्रिमंडल ने जिला कुल्लू के दलाश में आवश्यक स्टाफ सहित राजकीय पॉलिटेकनिक स्थापित करने को मंजूरी प्रदान की।

मंत्रिमंडल ने जिला मंडी के नेरचौक तथा जिला कांगड़ा के नगरोटा बगवां में आवश्यक स्टाफ सहित उप रोजगार कार्यालय खोलने की स्वीकृति प्रदान की।

मंत्रिमंडल ने हिमाचल प्रदेश कर्मचारीध्अन्य कामगार कल्याण बोर्ड के कार्यकाल की अवधि तीन साल करने का निर्णय भी लिया।

मंत्रिमंडल ने केडर समीक्षा समिति की सिफारिशों के अनुसार हिमाचल प्रदेश प्रशासनिक सेवा की केडर संख्या को 206 से बढ़ाकर 228 करने का निर्णय भी लिया।

मंत्रिमंडल ने जिला शिमला के रामपुर में देलाठ में नया राजकीय आईटीआई खोलने का निर्णय भी लिया।

कैबिनेट ने ये बड़े फैसले भी लिए 

मंत्रिमंडल ने बसदेहरा ;मेहतपुरद्ध में उप तहसील खोलने को भी स्वीकृति दी।

बैठक में जिला मंडी के पांगना में उप तहसील में पटवार वृत प्रेसी को समाहित करने को भी स्वीकृति प्रदान की।

मंत्रिमंडल ने बिलासपुर के कलोल स्थित राजकीय पॉलिटेकनिक कॉलेज का नाम नायब सुबेदार संजय कुमार राजकीय पॉलिटेकनिक रखने का भी निर्णय लिया।

मंत्रिमंडल ने जिला शिमला की ग्राम पंचायत धरोगड़ा के संदोहा तथा ग्राम पंचायत चनावगद के मचरयाणा में नये पशु औषधालय खोलन का भी निर्णय लिया। बैठक में आवश्यक स्टाफ सहित पशु औषधालय धर्मपुर को स्तरोन्नत कर चिरगांव के जांगला में पशु अस्पताल करने की स्वीकृति प्रदान की।

विश्व बैंक के प्रोजेक्टों के लिए श्रम शक्ति स्वीकृत 

विश्व बैंक तथा जीका की सहायता से कार्यान्वित किए जा रहे वन विभाग के दो प्रोजेक्टों के पहले चरण के लिए श्रम शक्ति सृजन करने की स्वीकृति प्रदान की है। वर्तमान में विभाग हिमाचल प्रदेश वानिकी समृद्धि परियोजना तथा हिमाचल प्रदेश वन ईको सिस्टम प्रबंधन जीवनयापन सुधार परियोजना को संचालित कर रहा है।

इन्हीं को ध्यान में रखते हुए मंत्रिमंडल ने दोनों के प्रारंभिक चरण के लिए श्रम शक्ति सृजन को स्वीकृति प्रदान की है। यह प्रक्रिया मध्य हिमालयन जलागम विकास परियोजना तथा स्वां नदी परियोजना जैसे बाह्य वित्त पोषित परियोजनाओं के विभिन्न पदों को पुन: समायोजन के माध्यम से की जाएगी।

हिमाचल प्रदेश वानिकी समृद्धि परियोजना का मुख्यालय ऊना होगा जबकि हिमाचल प्रदेश वन पारिस्थितिकीय प्रबंधन जीवनयापन सुधार परियोजना का मुख्यालय कुल्लू में तथा इसका क्षेत्रीय कार्यालय रामपुर में होगा। इन दोनों परियोजनाओं में प्रारंभिक चरण में 67 लोगों की आवश्यकता होगी।

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