कोरोना ने बढ़ाई चिंता, दिल्ली के भीड़भाड़ वाले बाजारों में लग सकता है लॉकडाउन

आने वाले दिनों दिल्ली के प्रमुख बाजारों में एक बार फिर लॉकडाउन का नजारा देखने को मिल सकता है। इस दौरान लोगों को बाजार और मार्केट बंद मिलेंगी। दरअसल, इस तरह का प्रस्ताव है कि अगर दिल्ली में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले और तेजी से बढ़े तो राजधानी के प्रमुख बाजारों को बंद किया जा सकता है। इस बाबत दिल्ली में सत्तासीन आम आदमी पार्टी सरकार ने एक प्रस्ताव केंद्र सरकार के पास भेजा है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल मंगलवार को डिजिटल पत्रकार वार्ता में बताया कि कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों पर लगाम नहीं लगी तो दिल्ली के प्रमुख बाजारों को कुछ समय के लिए बंद किया जा सकता है।

भीड़भाड़ वाले बाजारों में लगेगा लाॅकडाउन

अरविंद केजरीवाल ने बताया कि केंद्र सरकार को भेजे प्रस्ताव में कहा गया है कि जिन बाजारों में भीड़भाड़ अधिक है। इसके साथ ही शारीरिक दूरी का पालन भी नहीं हो रहा है। दिल्ली सरकार ऐसे बाजारों में कुछ दिनों के लिए लॉकडाउन लगाना चाहती है। दिल्ली सरकार ने केंद्र सरकार के पास प्रस्ताव भेजा है कि अगर किसी बाजार में लाॅकडाउन लगाना पड़ता है तो इसकी इजाजत दिल्ली सरकार को दी जाए। अभी किसी राज्य सरकार के पास लाॅकडाउन लगाने का अधिकार नहीं है।

ये बाजार आ सकते हैं लॉकडाउन के दायरे में

सदर बाजार

नई सड़क

पहाड़ गंज

करोल बाग

चांदनी चौक

सरोजनी नगर

लक्ष्मी नगर

नेहरू प्लेस

कमला मार्केट

गांधी नगर

कृष्णा नगर

लाल क्वार्टर

चावड़ी बाजार

लाजपतनगर

जनपथ मार्केट

पालिका बाजार

पिछले 19 दिन में बढ़ गए 1317 कंटेनमेंट जोन

वहीं, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एक बार फिर कोरोना की रोकथाम के लिए बनाए जा रहे कंटेनमेंट जोन की समीक्षा करने के निर्देश दिए हैं। मंत्रालय का मानना है कि कोरोना की रोकथाम के लिए कंटेनमेंट जोन की प्रक्रिया अधिक प्रभावी है। इससे पहले मंत्रालय ने 21 जून को माइक्रो स्तर पर कंटेनमेंट जोन बनाने की बात कही थी। उसके बाद से दिल्ली सरकार ने कंटेनमेंट जोन की संख्या तेजी से बढ़ाई है। अब फिर जिस तरह से दिल्ली में कोरोना के मरीज बढ़ रहे हैं। कंटेनमेंट (हॉट स्पॉट) जोन की संख्या भी उसी तरह से बढ़ रही है। दिल्ली में पिछले 19 दिन में 1317 कंटेनमेंट जोन बढ़ गए हैं।

आंकड़ों की बात करें तो कंटेनमेंट जोन की संख्या 28 अक्टूबर को 3113 थी वह बढ़कर अब 4430 हो गई है। यानी पिछले 19 दिनों में 1317 कंटेनमेंट जोन बढ़ गए हैं। 30 सितंबर को कंटेनमेंट जोन की संख्या 2615 थी। उस हिसाब से 28 अक्टूबर तक केवल 432 कंटेनमेंट जाेन बढ़े थे। मगर 28 अक्टूबर से एकाएक आैर तेजी से बढ़े हैं। आने वाले दिनों के लिए विशेषज्ञों ने प्र्रतिदिन 15 हजार कोरोना मरीज आने की आशंका जाहिर की है। इसके चलते सरकार को चिंता सता रही है कि कहीं ज्यादा लोग कोरोना से प्रभावित न हो जाएं इसलिए सरकार ने कंटेनमेंट जोन बढ़ाने पर जोर और बढ़ा दिया है। राजस्व विभाग की तरफ से जारी रिपोर्ट की बात करें तो दिल्ली में अभी तक कुल 9333 जोन बने हैं। 21 जून के बाद 8999 जोन बने हैं। अभी तक कुल 4903 डी-कंटेंड हुए हैं। इस समय 4430 कंटेनमेंट जोन हैं। यह संख्या 9 नवंबर को 3878 थी। यानी पिछले आठ दिन में ही 552 कंटेनमेंट जोन बढ़ गए हैं।

दिल्ली में माइक्रो स्तर पर कंटेनमेंट जोन बनाए जा रहे हैं। इसमें एक या दो से तीन घरों को मिलाकर कंटेनमेंट जोन बनाया जाता है। जिससे कि ज्यादा आबादी प्रभावित न हो। रिपोर्ट के अनुसार अब तक सबसे ज्यादा कंटेनमेंट जोन दक्षिण पश्चिमी जिले में 1542 और सबसे कम उत्तर पूर्वी जिले में 382 बने हैं।

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