ख़र्च चलाने के लिए मात्र 17 साल की उम्र में बन गयी वेश्या,आज बॉलीवुड में इस तरह कमा रही है नाम

शगुफ्ता रफीक: बॉलीवुड की दुनिया अजीबो-ग़रीब दुनिया है। यहाँ कभी भी कुछ भी हो सकता है। अक्सर बॉलीवुड में उन्ही लोगों के बारे में बातें की जाती हैं जो पर्दे के सामने दिखाई देते हैं, जबकि पर्दे के पीछे से भी कई लोग काम करते हैं। आज हम आपको एक ऐसी ही महिला के बारे में बताने जा रहे हैं, जो पर्दे के पीछे काफ़ी सफल हैं और उनका जीवन काफ़ी उतार-चढ़ाव से भरा हुआ है। इनके लाइफ़ की स्ट्रगल स्टोरी किसी भी व्यक्ति के अंदर हौसला भर सकती है।

किसी अजनबी के साथ वर्जीनिटी खोना होता है दर्दनाक:

हम जिस महिला की बात कर रहे हैं, उसका नाम शगुफ्ता रफीक है। ये पर्दे के पीछे काम करने वाली वो महिला हैं, जिनके बारे में बहुत काम लोग ही जानते हैं। इनके जीवन की कहानी इतनी ज़्यादा दर्दभरी और प्रेरणदायक है कि सुनकर आप हैरान हो जाएँगे। बहुत काम लोगों को यह बात मालूम है कि आशिक़ी-2 जैसी सुपरहिट फ़िल्म की यह लेखिका केवल 17 साल की उम्र में ही वेश्या बन गयी थीं। इसके बारे में ख़ुद शगुफ्ता रफीक ने एक बार इंटरव्यू के दौरान बताया था। उन्होंने बताया कि जब वो केवल साढ़े सत्रह साल की थीं तभी वह वेश्या बन गयी थीं। एक अजनबी के साथ अपनी वर्जीनिटी खोना बहुत ही दर्दनाक होता है।

नहीं जानती थी अपनी बायोलॉजिकल माँ को:

शगुफ्ता रफीक ने आगे बताया कि जब वह 27 साल की हो चुकी थीं तब तक वह एक दूसरे आदमी के पास जाती रहती थीं। मेरी माँ को यह बात पता थी कि मैं एक वेश्या के रूप में काम करती हूँ। शगुफ़्ता ने इसी इंटरव्यू में यह भी ख़ुलासा किया कि वह अपनी बायोलॉजिकल माँ को नहीं जानती थीं। उन्होंने बताया कि वो ख़ुद को अनवरी बेगम (जिन्होंने उन्हें गोद लिया था) को माँ के रूप में जानती थीं। उस समय मेरे जन्म के बारे में तीन तरह की बातें की जाती थीं। यह भी कहा जाता था कि मैं अपने ज़माने के प्रसिद्ध अभिनेत्री और निर्देशक बृज सदाना की पत्नी कमल सदाना यानी सईदा खान की बेटी हूँ।

लोगों से लड़ती रहती थी हर समय:

यह भी कहा जाता था कि मैं किसी ऐसी माँ की बेटी हूँ जिसनें किसी अमीर व्यक्ति के साथ सम्बंध बनाए और पैदा करके मुझे छोड़ दिया। मेरे बारे में यह भी कहा जाता था कि मेरे पैरेंट्स झोपड़-पट्टी में रहते थे और उन्होंने मुझे फेंक दिया था। जब मैं दो साल की थी तब उस समय सईदा की शादी बृज साहब के साथ हुई। अक्सर जब लोग मुझे अनवरी बेगम के साथ देखते थे तो कहते थे कि, नानी के साथ जा रही हो। शगुफ़्ता ने बताया कि बचपन से ही लोग उन्हें हरामी लड़की कहते थे। इन्ही वजहों से मैं क्रूर हो गयी और स्कूल भी छोड़ दिया। मैं लोगों से हर समय लड़ती रहती थी।

पार्टियों में ख़ूब उड़ाए जाते थे पैसे:

अनवरी बेगम जो हमेशा मेरे साथ रहीं उनके दूसरे पति का नाम मुहम्मद रफ़ीक था, इसी वजह से मैं शगुफ़्ता रफ़ीक बन गयी। बृज साहब हमेशा मुझसे नफ़रत करते थे। उन्हें यह पता नहीं था कि मैं कौन हूँ। मैं और अनवरी बेगम दोनो बृज साहब के ऊपर ही निर्भर थे, इस वजह से वो और भी ज़्यादा ग़ुस्सा करते थे। शगुफ़्ता ने बताया कि जब वो 12 साल की थीं तभी से उन्होंने पार्टियों में नाचना शुरू कर दिया था। इन पार्टियों में सम्मानित लोग कॉलगर्ल के साथ आते थे। सभी इन पार्टियों में ख़ूब पैसे उड़ाते थे और में उसे अपनी झोली में समेटा करती थी। 17 साल की उम्र तक मैंने यही सब किया।

शगुफ्ता रफीक महेश भट्ट को मानती है जुड़वा भाई:

शगुफ्ता रफीक ने बताया कि वह 17 साल से लेकर 27 साल याक वेश्या रहीं और फिर किसी की सलाह के बाद दुबई चली गयीं। वहाँ बार डान्सर को 10 गुना ज़्यादा पैसे मिलते थे। शगुफ़्ता दुबई तो गयी लेकिन अरब लोगों के डर की वजह से वेश्यावृत्ति से दूर रहीं। जब उनकी माँ बीमार हुई तो उन्हें वापस लौटकर मिंबै आना पड़ा। 1999 में अनवरी बेगम कैंसर की वजह से मर गयीं। इसके बाफ 2002 में वह बॉलीवुड डायरेक्टर महेश भट्ट से मिली और कहा कि वह लिखना चाहती हैं,

लेकिन उन्हें 2006 तक लिखने का मौक़ा नहीं मिला। इसके बाद मोहित सूरी की फ़िल्म कलयुग में दो सीन लिखने का मौक़ा मिला। इसके बाद इन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। इन्होंने वो लम्हे, आवारपन, राज 2, जिस्म 2, मर्डर 2, राज 3 और आशिक़ी 2 जैसी फ़िल्मों को लिखने का मौक़ा मिला। शगुफ़्ता के अनुसार वह महेश भट्ट को अपना जुड़वा भाई मानती हैं।

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