हेलमेट नहीं पहनने के कारण सड़क दुर्घटनाओं में कई बाइक चालकों की जान जा चुकी है। कितने ही घायल हो चुके हैं। इससे निपटने के लिए डीएवी यूनिवर्सिटी के विद्यार्थियों ने एक ऐसी स्मार्ट हेलमेट बाइक तैयार की है, जो चालक के हेलमेट पहनने पर ही चलेगी। बिना हेलमेट पहने चालक चाहे कुछ भी कर ले, लेकिन बाइक स्टार्ट ही नहीं होगी।हेलमेट नहीं पहनने के कारण सड़क दुर्घटनाओं में कई बाइक चालकों की जान जा चुकी है। कितने ही घायल हो चुके हैं। इससे निपटने के लिए डीएवी यूनिवर्सिटी के विद्यार्थियों ने एक ऐसी स्मार्ट हेलमेट बाइक तैयार की है, जो चालक के हेलमेट पहनने पर ही चलेगी। बिना हेलमेट पहने चालक चाहे कुछ भी कर ले, लेकिन बाइक स्टार्ट ही नहीं होगी।  यूनिवर्सिटी के विद्यार्थियों को इस बाइक को तैयार करने में साढ़े तीन महीने का समय लगा और नौ हजार रुपये का खर्च आया है। विद्यार्थियों ने स्मार्ट हेलमेट बाइक बनाने के लिए पुरानी बाइक पांच हजार रुपये में खरीदी थी और प्रोजेक्ट को पूरा किया। इस स्मार्ट बाइक की एवरेज 45 किमी प्रति लीटर है।  ऐसे काम करेगी बाइक  बाइक में आरएफ मॉड्यूलर रिसीवर और आरएफ मॉड्यूलर ट्रांसमीटर लगाया गया है। रिसीवर बाइक की बॉडी पर फिट किया गया है तथा ट्रांसमीटर हेलमेट के अंदर फिट किया गया है। आरएफ मॉड्यूलर डिकोडर का काम करेगा और ट्रांसमीटर इनकोडर का काम करेगा। इसके अलावा इनकोडर व डिकोडर में रिले एंड रिजिस्टर लगाए गए हैं, जो सिग्नल को ट्रांसमिट और रिसीव करने का काम करेगा। बाइक में हेलमेट भी है।  हेलमेट के बाहर ऑन ऑफ का बटन लगाया गया है। जब हेलमेट पहना जाएगा तो हेलमेट के अंदर सिर का ऊपरी हिस्सा टच होगा और हेलमेट के अंदर बटन ऑन हो जाएगा। वह सिग्नल ट्रांसमिट करेगा और बाइक की बॉडी पर लगा आरएफ मॉड्यूलर सिग्नल को रिसीव करेगा, जिससे बाइक का इंजन स्टार्ट हो जाएगा। अगर हेलमेट को उतारते हैं तो बाइक का इंजन बंद जाएगा, क्योंकि ट्रांसमिट व रिसीवर लिक नहीं होंगे। ट्रांसमिट व रिसीव लिक करने के लिए बाइक व हेलमेट के अंदर नौ वोल्ट की बैटरी लगाई गई है।  यूनिवर्सिटी के विद्यार्थी रजत अरोड़ा, कार्तिक शर्मा, हरमनप्रीत सिह, मनीष डडवाल, आकाशदीप व प्रो. योगेश ने बताया कि दुर्घटना के समय सिर में चोट से बचने के लिए स्मार्ट हेलमेट बाइक तैयार की है। बिना हेलमेट के पहने चालक बाइक स्टार्ट नहीं कर पाएगा। इस बाइक को तैयार करने में साढ़े तीन महीने लगे हैं। इस तकनीक को महंगी से महंगी बाइक पर अपना सकते हैं। जल्द ही बाइक को पेटेंट करवाया जाएगा।हेलमेट नहीं पहनने के कारण सड़क दुर्घटनाओं में कई बाइक चालकों की जान जा चुकी है। कितने ही घायल हो चुके हैं। इससे निपटने के लिए डीएवी यूनिवर्सिटी के विद्यार्थियों ने एक ऐसी स्मार्ट हेलमेट बाइक तैयार की है, जो चालक के हेलमेट पहनने पर ही चलेगी। बिना हेलमेट पहने चालक चाहे कुछ भी कर ले, लेकिन बाइक स्टार्ट ही नहीं होगी।  यूनिवर्सिटी के विद्यार्थियों को इस बाइक को तैयार करने में साढ़े तीन महीने का समय लगा और नौ हजार रुपये का खर्च आया है। विद्यार्थियों ने स्मार्ट हेलमेट बाइक बनाने के लिए पुरानी बाइक पांच हजार रुपये में खरीदी थी और प्रोजेक्ट को पूरा किया। इस स्मार्ट बाइक की एवरेज 45 किमी प्रति लीटर है।  ऐसे काम करेगी बाइक  बाइक में आरएफ मॉड्यूलर रिसीवर और आरएफ मॉड्यूलर ट्रांसमीटर लगाया गया है। रिसीवर बाइक की बॉडी पर फिट किया गया है तथा ट्रांसमीटर हेलमेट के अंदर फिट किया गया है। आरएफ मॉड्यूलर डिकोडर का काम करेगा और ट्रांसमीटर इनकोडर का काम करेगा। इसके अलावा इनकोडर व डिकोडर में रिले एंड रिजिस्टर लगाए गए हैं, जो सिग्नल को ट्रांसमिट और रिसीव करने का काम करेगा। बाइक में हेलमेट भी है।  हेलमेट के बाहर ऑन ऑफ का बटन लगाया गया है। जब हेलमेट पहना जाएगा तो हेलमेट के अंदर सिर का ऊपरी हिस्सा टच होगा और हेलमेट के अंदर बटन ऑन हो जाएगा। वह सिग्नल ट्रांसमिट करेगा और बाइक की बॉडी पर लगा आरएफ मॉड्यूलर सिग्नल को रिसीव करेगा, जिससे बाइक का इंजन स्टार्ट हो जाएगा। अगर हेलमेट को उतारते हैं तो बाइक का इंजन बंद जाएगा, क्योंकि ट्रांसमिट व रिसीवर लिक नहीं होंगे। ट्रांसमिट व रिसीव लिक करने के लिए बाइक व हेलमेट के अंदर नौ वोल्ट की बैटरी लगाई गई है।  यूनिवर्सिटी के विद्यार्थी रजत अरोड़ा, कार्तिक शर्मा, हरमनप्रीत सिह, मनीष डडवाल, आकाशदीप व प्रो. योगेश ने बताया कि दुर्घटना के समय सिर में चोट से बचने के लिए स्मार्ट हेलमेट बाइक तैयार की है। बिना हेलमेट के पहने चालक बाइक स्टार्ट नहीं कर पाएगा। इस बाइक को तैयार करने में साढ़े तीन महीने लगे हैं। इस तकनीक को महंगी से महंगी बाइक पर अपना सकते हैं। जल्द ही बाइक को पेटेंट करवाया जाएगा।

यूनिवर्सिटी के विद्यार्थियों को इस बाइक को तैयार करने में साढ़े तीन महीने का समय लगा और नौ हजार रुपये का खर्च आया है। विद्यार्थियों ने स्मार्ट हेलमेट बाइक बनाने के लिए पुरानी बाइक पांच हजार रुपये में खरीदी थी और प्रोजेक्ट को पूरा किया। इस स्मार्ट बाइक की एवरेज 45 किमी प्रति लीटर है।

ऐसे काम करेगी बाइक

बाइक में आरएफ मॉड्यूलर रिसीवर और आरएफ मॉड्यूलर ट्रांसमीटर लगाया गया है। रिसीवर बाइक की बॉडी पर फिट किया गया है तथा ट्रांसमीटर हेलमेट के अंदर फिट किया गया है। आरएफ मॉड्यूलर डिकोडर का काम करेगा और ट्रांसमीटर इनकोडर का काम करेगा। इसके अलावा इनकोडर व डिकोडर में रिले एंड रिजिस्टर लगाए गए हैं, जो सिग्नल को ट्रांसमिट और रिसीव करने का काम करेगा। बाइक में हेलमेट भी है।

हेलमेट के बाहर ऑन ऑफ का बटन लगाया गया है। जब हेलमेट पहना जाएगा तो हेलमेट के अंदर सिर का ऊपरी हिस्सा टच होगा और हेलमेट के अंदर बटन ऑन हो जाएगा। वह सिग्नल ट्रांसमिट करेगा और बाइक की बॉडी पर लगा आरएफ मॉड्यूलर सिग्नल को रिसीव करेगा, जिससे बाइक का इंजन स्टार्ट हो जाएगा। अगर हेलमेट को उतारते हैं तो बाइक का इंजन बंद जाएगा, क्योंकि ट्रांसमिट व रिसीवर लिक नहीं होंगे। ट्रांसमिट व रिसीव लिक करने के लिए बाइक व हेलमेट के अंदर नौ वोल्ट की बैटरी लगाई गई है।

यूनिवर्सिटी के विद्यार्थी रजत अरोड़ा, कार्तिक शर्मा, हरमनप्रीत सिह, मनीष डडवाल, आकाशदीप व प्रो. योगेश ने बताया कि दुर्घटना के समय सिर में चोट से बचने के लिए स्मार्ट हेलमेट बाइक तैयार की है। बिना हेलमेट के पहने चालक बाइक स्टार्ट नहीं कर पाएगा। इस बाइक को तैयार करने में साढ़े तीन महीने लगे हैं। इस तकनीक को महंगी से महंगी बाइक पर अपना सकते हैं। जल्द ही बाइक को पेटेंट करवाया जाएगा।