बहुजन समाज पार्टी ने यूनिफॉर्म सिविल कोड पर अपना रुख किया स्‍पष्‍ट

बहुजन समाज पार्टी ने समान आचार संहिता (यूनिफॉर्म सिविल कोड) पर अपना रुख स्‍पष्‍ट कर दिया है। पार्टी सुप्रीमो मायावती ने रविवार को एक प्रेस कांफ्रेंस में उन्‍होंने कहा कि बसपा यूसीसी के विरोध में नहीं है। लेकिन इसे जबरन थोपने का प्रावधान नहीं है। इसके लिए जागरूकता और आम सहमति जरूरी है। मायावती ने कहा कि भारत एक विशाल आबादी वाला देश है। यहां हिन्‍दू, मुसलमान, सिख, इसाई, पारसी, बौद्ध सहित अलग-अलग धर्मों को मानने वाले लोग रहते हैं। इसके खानपान, रहन-सहन और जीवनशैली के अपने तौर-तरीके और रस्‍म-रिवाज हैं। इसे नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए। बसपा प्रमुख ने कहा कि यह बात भी सोचने वाली है कि यदि हर धर्म के मानने वालों के लिए एक समान कानून होता है तो इससे देश कमजोर नहीं बल्कि मजबूत होगा। इसके साथ ही आपस में सद्भाव भी बढ़ेगा। यह बात भी काफी हद तक सही है। उन्‍होंने कहा कि इसे ही ध्‍यान में रखते हुए भारतीय संविधान की धारा 14 में समान नागरिक संहिता को बनाने का उल्‍लेख किया गया है। उन्होंने कहा कि लोग यूसीसी को लेकर तरह तरह की बातें कर रहे हैं। कहा जा रहा है कि मौजूदा समस्या से ध्यान बांटने के लिए इसे लाया जा रहा है। इस समय  देश में जो प्रमुख समस्याएं हैं उसकी तरफ सरकार का ध्यान नहीं जा रहा है। इससे ऐसा लग रहा है कि जैसे जनता का ध्यान बाँटने के लिए इसे लाया जा रहा है।  
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