नई दिल्ली. बॉलीवुड के मशहूर फिल्मकार विशाल भारद्वाज का मानना है कि भारत और पाकिस्तान के बीच के तनावपूर्ण हालात को सामान्य स्थिति में लाने के लिए कला और संस्कृति ही एकमात्र जरिया है. भारद्वाज ने कहा है कि संस्कृति इन दोनों देशों के बीच ‘कैटलिस्ट’ यानी उत्प्रेरक का काम करती है. विशाल भारद्वाज ने ये बातें सोमवार को पाकिस्तान में हो रहे पाकिस्तान इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल (पीआईएफएफ) में कहीं. वे पीआईएफएफ में भाग लेने के लिए कराची में थे.

महोत्सव के दौरान वह कई परिचर्चाओं में शामिल हुए जिनमें कई भारतीय और पाकिस्तानी कलाकार शामिल थे. बता दें कि विशाल भारद्वाज अपनी फिल्मों के जरिए गंभीर विषयों को उठाते रहे हैं. विशाल भारद्वाज ने कहा कि मुझे लगता है कि यह ( संस्कृति) दोनों देशों के बीच स्थिति सामान्य बनाने का एकमात्र तरीका है. और ज्यादा सांस्कृतिक आयोजन इस दूरी को पाट सकते हैं. यह बेहद दुखद है कि हम हमेशा टकराव में रहते हैं. हम सब एक जैसे हैं. अगर हम एक साथ आ जाएं तो हम हर क्षेत्र में विश्वशक्ति होंगे चाहे संस्कृति हो, अर्थव्यवस्था हो या फिर राजनीति.

भारत में पाक कलाकारों की पाबंदी पर कहा- जल्द बदलेगी स्थिति

भारत में पाकिस्तानी कलाकारों पर पाबंदी के बारे में निर्देशक विशाल भारद्वाज ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि समय जल्द ही बेहतर होगा. उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि अंतत: जल्द या देरी से हमें वास्तविकता को स्वीकारना होगा. मुझे लगता है कि समय के साथ चीजें सुगम होंगी क्योंकि संस्कृति ही एकमात्र रास्ता है.

सामान्यत: दूरियों को पाटने के दो तरीके होते हैं सांस्कृतिक और राजनीतिक. उन्होंने कहा कि राजनीति से इसे लंबे समय से हासिल नहीं किया जा पा रहा है. ऐसे में संस्कृति ही एकमात्र उपाय है, जो हमें करीब लाती है. दोनों ही तरफ से सहिष्णुता और स्वीकार्यता की जरूरत है. इसे दोतरफा होना चाहिए वरना यह काम नहीं करेगी.