राज्य में सांप्रदायिक दंगों पर राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बीच हुए जुबानी युद्ध में अब नए स्तर पर पहुंच गया है। मामले में पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने राज्यपाल पर अपमान करने का आरोप लगाया था, जिसके बाद उनके आरोपों को गलत बताते हुए राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी ने कहा है कि ममता बनर्जी लोगों को भावात्मक रूप से ब्लैकमेल कर रही हैं। उन्होंने आगे कहा कि उनके आरोप आधारहीन हैं। वह ऐसा राज्य के कानून और व्यवस्था के मुद्दे से ध्यान हटाने के लिए कर रही हैं।
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उत्तर 24-परगना जिले में भड़की सांप्रदायिक हिंसा के मसले पर राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी और सीएम ममता बनर्जी के बीच बढ़ी तल्खी को लेकर गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को दोनों से अलग-अलग फोन पर बात की। सूत्रों ने बताया कि गृहमंत्री ने दोनों नेताओं को बातचीत के जरिए आपसी मतभेद सुलझाने को कहा है। वहीं, सांप्रदायिक दंगों पर नकेल कसने के लिए ममता बनर्जी ने बड़ा ऐलान किया है। ममता ने कहा है कि 15 दिनों के अंदर राज्य में शांति वाहिनी की स्थापना की जाएगी, जिसमें स्थानीय युवा शामिल होंगे। शांति वाहिनी स्तानीय पुलिस के साथ मिलकर बनाई जाएगी।
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सांप्रदायिक हिंसा पर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्य सरकार से रिपोर्ट भी तलब की है। गृहमंत्री ने राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से फोन पर बातचीत के दौरान भी हिंसाग्रस्त इलाकों के बारे में जानकारी ली। सूत्रों के मुताबिक फोन पर बातचीत के दौरान राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने दोनों ने ही गृहमंत्री के समक्ष अपना-अपना पक्ष रखा। सरकारी सूत्रों ने बताया कि राज्यपाल व मुख्यमंत्री से बातचीत के दौरान राजनाथ सिंह ने दार्जिलिंग की मौजूदा परिस्थिति के बारे में भी जानकारी ली।
राज्यपाल ने ममता के सभी आरोपों को आधारहीन बताया
राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी ने बुधवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के आरोपों को निराधार बता दिया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री, हिंसा से लोगों का ध्यान भटकाने के लिए ऐसे बयान दे रही हैं। वे राज्य के लोगों को गुमराह करने के लिए ऐसे आधारहीन आरोप लगा रही हैं। राजभवन न तो मुख्यमंत्री का दफ्तर है ना ही भाजपा या आरएसएस का कार्यालय। यह राज्य के नागरिकों की शिकायतों पर विचार करने और कानून व्यवस्था का अनुपालन सुनिश्चित कराने के लिए काम कर रहा है।
वहीं राजभवन ने अपने ताजा बयान में कहा है कि राज्यपाल और मुख्यमंत्री के बीच की बातचीत बेहद गोपनीय होती है। किसी के द्वारा भी इस बातचीत का खुलासा करने किए जाने की उम्मीद नहीं की जाती। मंगलवार को राज्यपाल ने ममता से न तो कोई अपमानजनक बात कही थी और न ही उन्हें किसी तरह की धमकी दी थी।
बता दें कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी पर उन्हें धमकी देने के आरोप लगाए थे। उन्होंने कहा था कि राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी पर एक भाजपा ब्लाक अध्यक्ष की तरह व्यवहार कर रहे हैं।
राज्यपाल को हटाने के लिए टीएमसी ने राष्ट्रपति को भेजा पत्र
तृणमूल कांग्रेस ने राज्यपाल को हटाने के लिए राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को एक चिट्ठी भेजी है। पार्टी ने राज्यपाल पर ताजा हमले करते हुए उन पर संवैधानिक सीमाएं लांघने का आरोप लगाया है। पार्टी के महासचिव पार्था चटर्जी ने कहा कि राजभवन भाजपा का दफ्तर नहीं हो सकता। राज्यपाल ने सभी संवैधानिक सीमाएं लांघ दी हैं। दूसरी ओर, भाजपा ने राज्य सरकार पर हिंसा रोक पाने में नाकाम रहने का आरोप लगाते हुए पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने की मांग उठाई है।
ममता ने भाजपा-आरएसएस को घटना का जिम्मेदार बताया
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भाजपा, आरएसएस व उससे जुड़े संगठनों को इस सांप्रदायिक हिंसा का जिम्मदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि राज्य में कुछ संगठन दंगा फैलाने का प्रयास कर रहे हैं। ये लोग पहले फेसबुक पर कोई पोस्ट डालते हैं और फिर दूसरे गुट को भड़का कर हिंसा शुरू कराते हैं। उन्होंने आगे यह भी कहा कि दूसरे गुट को उकसा कर कुछ संगठनों ने जब जवाबी हमले शुरू किए तो हालात बेकाबू हो गए। सरकार ऐसे संगठनों के मंसूबों को कभी पूरा नहीं होने देगी।