हाल के दिनों में बिहार की सत्ता में भागीदार बनी भाजपा अब लगातार राज्यसभा में बढ़त बना रही है। तमिलनाडु की एआईएडीएमके के दोनों धड़ों के इमर्ज होने और भाजपा को सर्मथन करने के बाद एनडीए के सदस्यों की संख्या राज्यसभा में अब 100 के पार पहुंच चुकी है। हालांकि सदन में मुख्य विपक्षी दल के पास सबसे अधिक 117 सदस्यों का संख्या बल है। वहीं तटस्थ पार्टियों के एक धड़े को दोनों दल अपने तरफ आकर्षित करने की लगातार कोशिश कर रहे हैं। सूत्रों के अनुसार उच्च सदन में बहुमत के लिए 123 सीटें होना जरूरी है।
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जबकि अगले साल करीब एक दर्जन राज्यसभा सीटों पर नए सदस्य चुने जाने हैं। इसमें यूपी और उत्तराखंड की सीटें भी शामिल हैं। इससे सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि दोनों ही राज्यों में भाजपा की सरकार हैं। ऐसे में ये साफ है कि यहां भाजपा के लिए सदस्य चुनने में मुश्किल नहीं होने वाली। यहां कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों की स्थिति हाशिए पर है। ऊपरी सदन में भाजपा की बढ़ती ताकत के बाद दशकों में पहली बार ऐसा होगा जब भाजपा के पूर्व सदस्य वेंकैया नायडू सदन के अध्यक्ष होंगे।
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बता दें कि सत्तापक्ष धड़े के पीजे कुरियन कुछ ही महिनों में रिटायर होने वाले हैं। ऐसे में एनडीए को उम्मीद है कि अध्यक्ष पद के साथ उपाध्यक्ष पद पर भी उनके सदस्य हों। लेकिन तमिलनाडु की स्थिति अभी भी भाजपा के लिए चिंताजनक है। क्योंकि तमिलनाडु में एआईएडीएमके सरकार के दोनों धड़े विलय के विवादों से अभी भी जूझ रहे हैं। दूसरी तरफ कहा जा रहा है कि केंद्र सरकार दोनों धड़ों का विवाद सुलझाने के लिए पार्टी के राज्यसभा सदस्यों को केंद्र में जगह दे सकती है। वर्तमान में एनडीए के राज्यसभा सदस्यों की संख्या 102 है।