शिक्षामित्रों का टूटता सब्र का बांध, अब सरकार के खिलाफ आर-पार के लिए हुए मजबूर

लखनऊ। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद बवाल कर रहे प्रदेश के लाखों शिक्षा मित्र सरकार की तरफ से कोई ठोस कार्रवाई न होने से अब एक बार आर या पार के मूड में हैं। सरकार के पंद्रह दिन का समय मांगने के बाद भी कोई निर्णय न होने पर लखनऊ में लाखों शिक्षा मित्र एकत्र हो गए हैं। फिलहाल करीब डेढ़ लाख शिक्षा मित्र लक्ष्मण मेला मैदान में जुटे हैं। यह काफी आक्रोशित लग रहे हैं।शिक्षामित्रों का टूटता सब्र का बांध, अब सरकार के खिलाफ आर-पार के लिए हुए मजबूर

शिक्षामित्र संयुक्त संघर्ष मोर्चा की अगुआई में करीब 1.5 लाख शिक्षकों व शिक्षामित्रो का लक्षमण मेला मैदान में प्रदर्शन है। शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने शिक्षामित्र नेता से वार्ता का भेजा प्रस्ताव, शिक्षा मित्रों ने ठुकराया ।

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प्रदेश के हर जिले में तमाम बंदिश लगाने के बाद भी आज लाखों शिक्षा मित्र लखनऊ पहुंच गए। हजरतगंज में महात्मा गांधी की प्रतिमा पर माल्यार्पण करने के बाद यह लक्ष्मण मेला मैदान में एकत्र हो गए हैं। हफ्ते का पहला दिन होने के कारण लाखों शिक्षा मित्रों की आमद से जिला प्रशासन की सभी तैयारियां धरी की धरीं रह गईं। शिक्षा मित्रों ने इससे पहले 17, 18 व 19 अगस्त को जिलों में बीएसए दफ्तर पर प्रदर्शन किया था। आज लखनऊ में एकत्र शिक्षा मित्रों का 25 अगस्त को नई दिल्ली के जंतर-मंतर में प्रदर्शन करने की योजना है।

शिक्षामित्रों की मांग है कि सरकार संशोधित अध्यादेश लाकर उन्हें फिर से सहायक अध्यापक के पद पर समायोजित करे। तब तक समान कार्य के लिए समान वेतन के सिद्धांत पर उन्हें शिक्षकों के बराबर तनख्वाह दी जाए। इस आंदोलन में उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ, जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ, उप्र माध्यमिक शिक्षक संघ, कर्मचारी शिक्षक समन्वय समिति, भारतीय किसान यूनियन जैसे संगठनों ने समर्थन देने का एलान किया है।

लखनऊ के जिलाधिकारी से प्रदेश के हर जिलाधिकारी तथा पुलिस अधीक्षक को पत्र भेजकर शिक्षा मित्रों की आज की तैयारियों के बारे में भले ही अवगत करा दिया था, लेकिन सारी योजना धरी की धरी रह गई।उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षा मित्र संघ तथा संयुक्त शिक्षक शिक्षा मित्र समिति के बैनर पर लाखों शिक्षक आज सरकार के साथ ठोस निर्णय करने के पक्ष में लामबंद हैं।शिक्षामित्रों के लखनऊ में प्रवेश पर रोक लगाते हुए जगह-जगह पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया, लेकिन यह लोग लखनऊ पहुंचने में सफल रहे हैं।

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कई जिलों में बस स्टैंड तथा रेलवे स्टेशन की निगरानी को देखते हुए शिक्षों मित्रों के जत्थे ने निजी वाहन के साथ ट्रेन, प्राइवेट बस तथा सरकारी बस पर लखनऊ का रुख किया। लाखों की संख्या में एकत्र होकर यह बड़ा प्रदर्शन करने की तैयारी में हैं। लखनऊ में कई जिलों का फोर्स इनको रोकने के प्रयास में लगा है।

सुप्रीम कोर्ट से अपना समायोजन रद होने से खफा शिक्षामित्र आज कुछ पुख्ता फैसले को लेकर लखनऊ के लक्ष्मण मेला पार्क में सत्याग्रह आंदोलन शुरू कर रहे हैं। ऐसी उम्मीद भी है कि इन नाराज शिक्षामित्रों की सीएम योगी आदित्यनाथ से मुलाकात भी हो सकती हैं। पूरे प्रदेश से करीब एक लाख की संख्या में शिक्षामित्र लखनऊ पहुंचे हैं। विशाल प्रदर्शन को देखते हुए जिला प्रशासन ने राजधानी में धारा-144 लागू कर दिया है।

शिक्षामित्रों ने बताया कि सरकार ने एक बार पहले भी प्रतिनिधिमंडल से वार्ता करने के बाद आश्वासन दिया था। इसके बाद भी अभी तक कोई निर्णय नहीं हो सका जबकि हम लोग तो शिक्षण कार्य में लगे गए थे। शिक्षा मित्र अध्यादेश संशोधन कर सहायक अध्यापक बनाने की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। आज लाखों शिक्षा मित्र प्रकिया पूरी होने तक समान कार्य का समान वेतन की मांग कर रहे हैं। वहीं शिक्षामित्रों के सभी संगठनों का सामूहिक आंदोलन में शामिल होंगे। आज विधानसभा के सामने बड़ा शक्ति प्रदर्शन करने की सूचना को लेकर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है।

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प्रदेशभर के हजारों की संख्या में शिक्षामित्रों ने देर रात से ही राजधानी में डेरा डाला हुआ है। आज राजधानी के लक्ष्मण मेला मैदान से लेकर शहीद स्मारक तक शिक्षामित्रों का जमावड़ा लगा हुआ है। शिक्षा मित्रों के प्रदर्शन के चलते मुख्यमंत्री आवास, एनेक्सी, विधानभवन के आसपास भारी संख्या में पुलिस और पीएसी तैनात की गई है। प्रशासन को आशंका है कि शिक्षामित्र किसी भी वक्त अचानक सीएम आवास का घेरावकर सकते हैं। सभी जिलों की सीमा में शिक्षा मित्र रोके जा रहे हैं। विरोध में ये शिक्षामित्र सड़क जामकर प्रदर्शन कर रहे हैं। जिससे शहर की यातायात व्यवस्था हलकान हो रही है।

पूरे प्रदेश में शिक्षामित्र उच्चतम न्यायालय के फैसले का विरोध कर रहे हैं। इसी विरोध के रूप में शिक्षामित्रों का ये प्रदेशव्यापी प्रदर्शन है। इसके चलते आज उत्त्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में शिक्षामित्र प्रदर्शन और सरकार विरोधी नारेबाजी कर रहे हैं। जिससे 1,70,000 शिक्षामित्र व उनके परिवार पर रोजी रोटी का गहरा संकट उत्पन्न हो गया है।

पिछले महीने उच्चतम न्यायालय द्वारा उत्त्तर प्रदेश में बेसिक स्कूलों में पढ़ा रहे शिक्षा मित्रों की नियुक्ति को गैरकानूनी करार देने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। इस फैसले से प्राथमिक शिक्षा पर भी गहरा संकट उत्पन्न हो गया है। सर्वोच्च न्यायालय द्वारा निर्णय के पैरा 26 के अंतिम पंक्ति में शिक्षामित्रों/समायोजित शिक्षकों के भविष्य को सुरक्षित करने का अधिकार राज्य सरकार को दिया गया है।

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न्यायालय के फैसले के विरोध में ये शिक्षा मित्र मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी मिल चुके हैं। अपनी नियुक्ति को यथावत बरकरार रखने की मांग को लेकर प्रदेशभर के शिक्षा मित्र आज राजधानी लखनऊ में अपना डेरा जमाये हुए हैं।

पुलिस-प्रशासन ने स्थिति को भांपते हुए कल ही शिक्षा मित्रों के प्रदर्शन से निपटने के लिए निर्देश जारी कर दिया है। प्रदेश के बेसिक शिक्षा विभाग में लगभग 1,70,000 शिक्षामित्र नियुक्त हैं।

25 जुलाई को शिक्षामित्र समायोजन के सम्बन्ध में राज्य सरकार एवं बेसिक शिक्षा परिषद व संगठन के साथ-साथ अन्य द्वारा दायर सिविल अपील पर सर्वोच्च न्यायालय द्वारा शिक्षा मित्रों के समायोजन को निरस्त कर दिया गया है। इसको लेकर शिक्षा मित्र पिछले दिनों मुख्यमंत्री से मिले लेकिन वार्ता विफल ही रही।

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