व्हाट्सएप के सीईओ बन सकते हैं नीरज अरोड़ा

व्हाट्सएप के सह संस्थापक व सीईओ जेन कूम अपने फेसबुक पोस्ट में एलान कर चुके हैं कि वह इस मैसेजिंग कंपनी को अलविदा कहने जा रहे हैं। ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि अब उनकी जगह कौन लेगा। इस रेस में सबसे आगे भारतीय मूल के 39 वर्षीय नीरज अरोड़ा का नाम है। वह व्हाट्सएप के मौजूदा बिजनेस अफसर हैं।व्हाट्सएप को फेसबुक संचालित करती है।व्हाट्सएप के सह संस्थापक व सीईओ जेन कूम अपने फेसबुक पोस्ट में एलान कर चुके हैं कि वह इस मैसेजिंग कंपनी को अलविदा कहने जा रहे हैं। ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि अब उनकी जगह कौन लेगा। इस रेस में सबसे आगे भारतीय मूल के 39 वर्षीय नीरज अरोड़ा का नाम है। वह व्हाट्सएप के मौजूदा बिजनेस अफसर हैं।व्हाट्सएप को फेसबुक संचालित करती है।  कूम के जाने के बाद मार्क जुकरबर्ग के लिए जल्द व्हाट्सएप को नया सीईओ देना सबसे अहम काम है। इससे पहले बीते साल नवंबर में ब्रियान एक्टॉन ने मैसेजिंग कंपनी को अलविदा कहा था। माना जा रहा है कि प्राइवेसी पॉलिसी को लेकर कूम का व्हाट्सएप से मोहभंग हो गया और उन्होंने आनन-फानन में कंपनी से अलग होने का एलान कर दिया। लेकिन अब अहम सवाल यह है कि वैश्विक स्तर पर धाक जमा चुकी कंपनी का नया बिगबॉस कौन होने जा रहा है?  नीरज का नाम इसलिए अहम  नीरज अरोड़ा ही कंपनी के सीईओ क्यों बनेंगे? इसका जवाब है कि वह पिछले सात सालों से (2011) व्हाट्सएप से जुड़े हैं। वह कंपनी के विलय व अधिग्रहण विशेषज्ञ माने जाते हैं। उनके कार्यकाल में कंपनी कई उतार चढ़ावों से गुजरी। कम उम्र में मैसेजिंग कंपनी से जुड़ने वाले नीरज के पास इसके काम का व्यापक अनुभव है।  2014 में फेसबुक ने इसका अधिग्रहण किया था। इससे पहले वह तीन साल पेटीएम के बोर्ड मेंबर रहे थे। वह तीन साल गूगल के कॉर्पोरेट डेवलपमेंट मैनेजर भी रह चुके हैं। अगर वह व्हाट्सएप के सीईओ बन जाते हैं तो उनका नाम सुंदर पिचाई और सत्या नाडेला के साथ शुमार होगा। भारतीय मूल के पिचाई गूगल व नाडेला माइक्रोसाफ्ट में पहले से अपनी प्रतिभा दिखा रहे हैं।  दिल्ली से की थी आईआईटी  नीरज अरोड़ा ने 2000 में दिल्ली आईआईटी से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बी-टेक की डिग्री हासिल की थी। 2006 में इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस से एमबीए करने के वह एकेलिन इंक के साथ जुड़े। वहां उन्होंने प्रोडक्ट मैनेजर के तौर पर काम किया। यह नीरज की कार्यक्षमता व तकनीकी विषयों पर पकड़ है जिससे वह 39 साल की छोटी सी उम्र में व्हाट्सएप जैसी वैश्विक कंपनी के सिरमौर बनने की रेस में सबसे आगे हैं

कूम के जाने के बाद मार्क जुकरबर्ग के लिए जल्द व्हाट्सएप को नया सीईओ देना सबसे अहम काम है। इससे पहले बीते साल नवंबर में ब्रियान एक्टॉन ने मैसेजिंग कंपनी को अलविदा कहा था। माना जा रहा है कि प्राइवेसी पॉलिसी को लेकर कूम का व्हाट्सएप से मोहभंग हो गया और उन्होंने आनन-फानन में कंपनी से अलग होने का एलान कर दिया। लेकिन अब अहम सवाल यह है कि वैश्विक स्तर पर धाक जमा चुकी कंपनी का नया बिगबॉस कौन होने जा रहा है?

नीरज का नाम इसलिए अहम

नीरज अरोड़ा ही कंपनी के सीईओ क्यों बनेंगे? इसका जवाब है कि वह पिछले सात सालों से (2011) व्हाट्सएप से जुड़े हैं। वह कंपनी के विलय व अधिग्रहण विशेषज्ञ माने जाते हैं। उनके कार्यकाल में कंपनी कई उतार चढ़ावों से गुजरी। कम उम्र में मैसेजिंग कंपनी से जुड़ने वाले नीरज के पास इसके काम का व्यापक अनुभव है।

2014 में फेसबुक ने इसका अधिग्रहण किया था। इससे पहले वह तीन साल पेटीएम के बोर्ड मेंबर रहे थे। वह तीन साल गूगल के कॉर्पोरेट डेवलपमेंट मैनेजर भी रह चुके हैं। अगर वह व्हाट्सएप के सीईओ बन जाते हैं तो उनका नाम सुंदर पिचाई और सत्या नाडेला के साथ शुमार होगा। भारतीय मूल के पिचाई गूगल व नाडेला माइक्रोसाफ्ट में पहले से अपनी प्रतिभा दिखा रहे हैं।

दिल्ली से की थी आईआईटी

नीरज अरोड़ा ने 2000 में दिल्ली आईआईटी से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बी-टेक की डिग्री हासिल की थी। 2006 में इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस से एमबीए करने के वह एकेलिन इंक के साथ जुड़े। वहां उन्होंने प्रोडक्ट मैनेजर के तौर पर काम किया। यह नीरज की कार्यक्षमता व तकनीकी विषयों पर पकड़ है जिससे वह 39 साल की छोटी सी उम्र में व्हाट्सएप जैसी वैश्विक कंपनी के सिरमौर बनने की रेस में सबसे आगे हैं

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