समाजवादी पार्टी में चल रहा संघर्ष अब फिर सतह पर आने लगा है। शिवपाल यादव के करीबी व पूर्व प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य सुधीर सिंह ने अखिलेश यादव को पत्र लिख तीखा हमला किया है। उनसे राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद छोड़ने व मुलायम सिंह यादव को उस पद पर बहाल करने की मांग की गई है।
पार्टी में इस खत को ‘बम’ सरीखा माना जा रहा है। सुधीर सिंह ने पत्र में अखिलेश के गत 9 अगस्त को देश बचाओ देश बनाओ अभियान पर तंज करते हुए कहा कि झंडा बैनर लेकर सड़कों पर दौड़ने से क्रांति नहीं आएगी। मुलायम सिंह यादव जब सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनेंगे, शिवपाल के नेतृत्व में संघर्ष होगा, तब क्रांति आएगी।
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उन्होंने कहा है कि अगर आपने चमचों के चक्कर में सही फैसला नहीं लिया तो पार्टी बर्बाद हो जाएगी। अभी तो चार एमएलसी गए हैं। पार्टी के अधिकांश विधायक भी भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के संपर्क में हैं। सुधीर सिंह ने यह भी कहा है कि अखिलेश जब से पार्टी के अध्यक्ष बनें हैं तभी से सपा लगातार नीचे जा रही है। पार्टी चलाना गुड्डे-गुड़िया का खेल नहीं है जो आप और प्रोफेसर साहब, (रामगोपाल यादव) खेल लेंगे। सपा इस पत्र पर खामोश है और इसे शिवपाल गुट का हमला माना जा रहा है। बताते चलें कि पिछले साल की दूसरी छमाई में सपा में सत्ता संघर्ष चल रहा था तब भी दोनों खेमों की ओर से पत्र लिख कर एक दूसरे पर हमले हो रहे थे। हाल में अखिलेश ने किया था कटाक्ष: गुरुवार को ही अखिलेश ने सपा दफ्तर में पत्रकारों से कहा था कि उन्हें जो लोग औरंगजेब कह रहे हैं, वह उनसे सावधान रहें। उन्होंने यह भी कहा कि जो लोग पार्टी छोड़ कर भाजपा में जा रहे हैं, उसे पता चलता है कि सपा के कौन लोग भाजपा से मिले हुए हैं। यह एक तरह शिवपाल खेमे पर हमला माना गया।
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सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव ने हाल ही में लोहिया ट्रस्ट से अखिलेश के करीबियों को बाहर कर दिया और शिवपाल समर्थकों को उनकी जगह सदस्य बना दिया। यही नहीं मुलायम व शिवपाल के करीबी एमएलसी भी एक-एक कर सपा छोड़ गए। शिवपाल कई मौकों पर कह चुके हैं वह एका के लिए तैयार हैं, पर नेताजी को अध्यक्ष बनाया जाए अन्यथा वह समाजवादी सेकुलर मोर्चा बना लेंगे।