हरिद्वार में गंगा का जलस्तर फिर से चेतावनी रेखा के पहुंचा पार, पढ़े पूरी खबर

हरिद्वार में गंगा का जलस्तर फिर से चेतावनी रेखा के पार पहुंच गया है। बुधवार सुबह भी गंगा का जलस्तर चेतावनी रेखा को पार कर गया था, लेकिन शाम 6 बजे के बाद वह घटकर नीचे चला गया था। गुरुवार सुबह 6 बजे गंगा का जलस्तर चेतावनी रेखा के ऊपर रहा।

बदरीनाथ, गौरीकुंड, गंगोत्री और युमनोत्री हाईवे भूस्‍खलन से अवरुद्ध

चमोली में भूस्‍खलन से बदरीनाथ हाईवे लामबगड़ और क्षेत्रपाल में बंद है। रुद्रप्रयाग में गौरीकुंड हाईवे भूस्‍खलन से बांसवाड़ा, डोलिया देवी, मुनकटिया चंडिकाधारा, गौरीकुंड पार्किंग के समीप अवरुद्ध चल रहा है। वहीं, केदारनाथ यात्रा आज गुरुवार को दूसरे दिन भी बंद है। पैदल मार्ग और हाईवे पर आवजाही पूरी तरह बंद है। केदारघाटी में गत रात्रि को तेज बारिश हुई है। उधर, उत्तरकाशी में रात के समय जनपद में हल्की बारिश हुई है। गंगोत्री हाईवे स्वारी गाड़ के पास बाधित है, जबकि यमुनोत्री हाईवे कुथनौर और पाली गाड़ के पास अवरुद्ध है।

उत्‍तराखंड के नौ जिलों में आज भारी बारिश की आशंका

मौसम विभाग के अनुसार गुरुवार को प्रदेश के नौ जिलों में भारी बारिश की आशंका है। विशेषकर पिथौरागढ़, बागेश्वर और चमोली के लिए विभाग ने रेड अलर्ट जारी किया गया है, जबकि अन्य जिलों में ऑरेंज अलर्ट है। राज्य मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह ने बताया कि गुरुवार को पिथौरागढ़, बागेश्वर और चमोली के लिए रेड अलर्ट जारी किया गया है। इन जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश की आशंका है। वहीं नैनीताल, ऊधमसिंह नगर, देहरादून, हरिद्वार, टिहरी और पौड़ी जिले के लिए ऑरेंज अलर्ट है। मौसम के पूर्वानुमान को देखते हुए शासन ने आपदा प्रबंधन से जुड़े विभागों को हाई अलर्ट पर रखा है।

वहीं, भारी बारिश के बीच भूस्खलन से रुद्रप्रयाग और चमोली जिलों में नुकसान हुआ है। रुद्रप्रयाग जिले की केदारघाटी में फाटा, रामपुर, सीतापुर व सोनप्रयाग में चालीस से अधिक दुकानों में मलबा घुस गया, जबकि तीन मकान भी क्षतिग्रस्त हुए हैं। इसके अलावा दो जेसीबी मशीन और एक डंपर बह गया, जबकि और एक क्रशर प्लांट भी तबाह हो गया। चमोली में भी मकानों में दरार आने के साथ ही पांच गोशालाएं क्षतिग्रस्त हुई हैं।

उत्तराखंड में पहाड़ से लेकर मैदान तक बारिश का सिलसिला जारी है। नदियां उफान पर हैं और भूस्खलन से आवाजाही बाधित हो रही है। मंगलवार रात से हो रही बारिश के कारण रुद्रप्रयाग जिले के फाटा के पास बहने वाली बरसाती नदी में एकाएक उफान आ गया। उफान के साथ आया मलबा पास के 14 दुकानों में जा घुसा। कुछ दुकानों में दरारें भी आई हैं। रात को आई आपदा से फाटा में हड़कंप मच गया। पुलिस चौकी में रहने वाले कर्मचारियों और व्यापारियों ने सुरक्षित स्थानों पर शरण ली। लोग पूरी रात जागते रहे। फाटा के पास सीतापुर व रामपुर में भी यही हाल रहा। गौरीकुंड के पास केदारनाथ हाईवे पर कई स्थानों पर मलबा आ गया। इससे करीब दो दर्जन दुकानों को नुकसान पहुंचा है। सोनप्रयाग में भी एसडीआरएफ कैंप की रसोई में भी मलबा घुसने के साथ ही एक दीवार भी क्षतिग्रस्त हुई है। एसडीआरएफ जवानों ने भी सुरक्षित स्थान पर शरण ली। उप जिलाकारी वरुण अग्रवाल ने बताया कि नुकसान का आकलन किया जा रहा है।

चमोली जिले में बारिश ग्रामीणों के लिए आफत साबित हो रही है। भूस्खलन से मकानों को नुकसान पहुंचा है। गैरसैण के देवपुरी ग्रामसभा के पत्थरकटा के निवासी गब्बर ङ्क्षसह खत्री ने बताया कि पांच गोशालाएं ध्वस्त हो गईं। लोग बारिश के दौरान घरों को छोड़कर सुरक्षित स्थानों में शरण लिए हुए हैं। नारायणबगड़ के बेथरा गांव में कुन्जाणी तोक में भूस्खलन से 18 से अधिक गोशालाओं को नुकसान पहुंचा है। दशोली ब्लाक के मैठाणा गांव में बारिश के दौरान दो मंजिला मकान क्षतिग्रस्त हो गया। इस दौरान यहां रह रहे  परिवार ने भाग कर जान बचाई।

प्रदेश में 70 से अधिक मार्ग बंद

बारिश और भूस्खलन उत्तराखंड के लिए चुनौती बने हुए हैं। प्रदेश में 70 से ज्यादा सड़कों पर मलबा आने से आवाजाही बाधित है। चमोली में बदरीनाथ हाईवे पर मलबा आने का क्रम बना हुआ है। धाम के पास लामबगड़ और पागलनाला में पहाड़ दरकने से सड़क बार-बार बंद हो रही है। हालांकि यहां पर एक जेसीबी मशीन के साथ सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) की टीम तैनात है। हाईवे पर यातायात बहाल है। गौरीकुंड के पास मलबा आने से केदारनाथ हाईवे पर यातायात बाधित है। जिले में 15 संपर्क मार्गों पर आवाजाही बाधित है। उत्तरकाशी में भी स्थिति इसी तरह की है। पहाड़ी दरकने से गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग करीब पांच घंटे बंद रहा। बाद में बीआरओ ने मलबा हटाकर कर आवाजाही बहाल की। यमुनोत्री हाईवे पर भी धाम के पास डाबरकोट में भूस्खलन जोन सक्रिय है।

हरिद्वार में गंगा चेतावनी निशान पर

हरिद्वार में गंगा चेतावनी रेखा पर पहुंच चुकी है, जबकि ऋषिकेश में यह इसके करीब है। इसके अलावा कुमाऊं में भी गोरी, काली और शारदा का जलस्तर बढ़ा हुआ है। शासन ने तटवर्ती क्षेत्रों में विशेष सतर्कता के आदेश दिए हैं।

कुमाऊं में भी मुसीबत बरकरार

पिथौरागढ़ में भी हालात में सुधार नहीं हुआ है। जिले की बंगापानी तहसील के लुम्ती गांव में एक मकान ध्वस्त हो गया  और दुकान में मलबा घुस गया से सारा सामान नष्ट हो गया। यहां एक बाइक और कार बह गई। इसके अलावा मेतली में दस परिवार आपदा राहत केंद्र पहुंचाए गए। बागेश्वर में भी बुधवार को सुबह से रुक-रुक कर बारिश होती रही। यहां भूस्खलन से छह मकान ध्वस्त हो गए। अल्मोड़ा के सल्ट में भूस्खलन से रानीखेत-बदरीनाथ हाईवे का करीब 60 मीटर हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया।

विभिन्न शहरों में तापमान

  • शहर———अधि.——— न्यून.
  • देहरादून —–25.6———24.1
  • उत्तरकाशी –21.6———19.3
  • मसूरी———18.2———17.3
  • टिहरी———21.2———18.8
  • हरिद्वार——29.5———26.5
  • जोशीमठ —–19.7———16.2
  • पिथौरागढ़—–23.6———18.1
  • अल्मोड़ा——-24.2———19.6
  • मुक्तेश्वर —–18.5 ———14.9
  • नैनीताल——–21.9———18.0
  • यूएसनगर——27.5———24.8
  • चम्पावत——-23.7 ———20.0
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