कुछ टूर्नामेंट ऐसे होते हैं जिनमें कई सालों के इतिहास टूटना लाजमी हैं। वहीं अब विंबलडन के 144 सालों का इतिहास एक महिला ने तोड़ कर दिखाया है। दरअसल मारिया सिसाक नाम की एक महिला ने पूरी दुनिया के सामने ग्रैंड स्लैम टूर्नामेंट विंबलडन में रविवार के दिन ये इतिहास रचा है। तो चलिए जानते हैं मारिया ने ऐसा कौन सा रिकाॅर्ड तोड़ा है जो अब चर्चा में है। साथ ही जानेंगे कौन हैं ये मारिया।
43 साल की इस महिला ने तोड़ा 144 सालों का विंबलडन इतिहास
क्रोएशिया की रहने वाली 43 साल की मारिया सिसाक ने पुरुष सिंगल्स फाइनल मुकाबले में चेयर अंपायरिंग की थी। ये मुकाबला नोवाक जोकोविच व मैटियो बेरेटिनी के बीच हुआ था। इस मुकाबले को नोवाक जोकोविच ने जीत कर ग्रैंड स्लैम विंबलडन का खिताब अपने नाम किया है। हालांकि चेयर अंपायरिंग की बात करें तो विंबडलन के इतिहास में 144 सालों में अब तक किसी महिला ने पुरुष ग्रैंड स्लैम टूर्नामेंट में चेयर अंपायरिंग नहीं की है। ये विंबडलन के इतिहास में पहली बार हुआ है और इसे करने वाली मारिया पहली महिला भी बन गई हैं।
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कौन हैं चेयर अंपायरिंग करने वाली मारिया
मारिया सिसाक साल 2012 से महिला टेनिस महासंघ यानि की डब्ल्यूटीए की एलीट टीम में शामिल हैं। बता दें कि उनके पास चेयर अंपायरिंग का गोल्ड बैज है। टेनिस के खेल में अंपायरों के लिए ये सबसे ऊंची कैटेगरी होती है। बता दें गोल्ड बैज से पहले सिल्वर बैज दिया जाता है। इससे भी पहले ब्राॅन्ज व ग्रीन बैज दिए जाते हैं।
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साल 2014 में भी उन्होंने महिला सिंगल्स की अंपायरिंग की
मारिया सिसाक ने भले ही रविवार के विंबडलन मुकाबले में इतिहास रचा हो पर बता दें कि साल 2014 में महिला सिंगल्स के मुकाबले में वे अंपायरिंग कर चुकी हैं। वहीं 2017 में उन्होंने विंबलडन में महिला डबल्स के मुकाबले में भी अपनी अंपायरिंग का शानदार परिचय दिया है। बात करें साल 2016 की तो रियो ओलंपिक में वे महिला सिंगल्स में गोल्ड बैज अंपायर रह चुकी हैं। हालांकि मारिया सिसाक ने इस टूर्नामेंट में इतिहास रच कर दुनिया भर में अपना नाम रोशन कर दिया है। वहीं जोकोविच ने ये 20वां ग्रैंड स्लैम टूर्नामेंट जीता है।
ऋषभ वर्मा