21 लाख करोड़ रुपये में सरकार के खर्च होगे सिर्फ 1.5 लाख करोड़ रुपये…

कोरोना से इकोनॉमी और जनता को राहत देने के लिए पीएम मोदी ने 20 लाख करोड़ रुपये के पैकेज देने का ऐलान किया था. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पांच दिन लगातार प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इससे भी ज्यादा करीब 21 लाख करोड़ रुपये के पैकेज की घोषणा कर दी है. लेकिन जानकारों का कहना है कि इसमें से सरकार की जेब से वास्तव में सिर्फ 1.5 लाख करोड़ रुपये खर्च होंगे.

जीडीपी के एक फीसदी से भी कम

पीएम मोदी ने कहा था कि आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत जीडीपी के करीब 10 फीसदी के बराबर का राहत पैकेज दिया जाएगा, लेकिन एक रिपोर्ट के मुताबिक इस पूरे पैकेज पर सरकार के खजाने से करीब 1.5 लाख करोड़ रुपये खर्च होंगे जो जीडीपी का महज 0.75 फीसदी है.

ब्रिटिश ब्रोकरेज फर्म बार्कलेज की एक रिसर्च रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है. बाकी पैसा असल में कई स्रोत से आ रहा है. भारतीय रिजर्व बैंक ने अपने नकदी बढ़ाने के उपाय के तहत करीब 8.1 लाख करोड़ रुपये के उपायों की घोषणा की है. इसके अलावा अन्य पैकेज का हिस्सा सरकार की क्रेडिट गारंटी, भंडार से दिए जाने वाले अनाज या अन्य गैर मौद्रिक उपायों के रूप में हैं.

क्या कहा गया रिपोर्ट में

बार्कलेज ने अपनी रिपोर्ट में कहा है, ‘सरकार का कुल वित्तीय सपोर्ट करीब 21 लाख करोड़ रुपये का है. इसमें करीब 8 लाख करोड़ रुपये का रिजर्व बैंक का सपोर्ट शामिल है. हमारा अनुमान है कि सरकार के बजट पर इसका असर महज 1.5 लाख करोड़ रुपये का होगा जो कि जीडीपी का 0.75 फीसदी है.

पीएम ने किया था ऐलान

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 12 मई को 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज का ऐलान किया. जिसके बाद पांच दिनों में 13 से 17 मई तक वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आर्थिक पैकेज को अंतिम रूप दिया. उन्होंने बताया कि ये पैकेज आर्थिक रिफॉर्म के लिए है, और इससे देश की अर्थव्यवस्था धीरे-धीरे रफ्तार पकड़ेगी. सरकार की ओर से नए-पुराने ऐलान को मिलाकर कुल 20,97,053 करोड़ रुपये का ब्योरा दिया गया है.

English News

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com