डीआईजी दफ्तर के बाहर जयपुरिया स्कूल के वैन चालक की हत्या

लखनऊ: डीआईजी दफ्तर के पास स्थित जयपुरिया स्कूल में वैन चालक की हत्या कर दी गयी। चालक का शव उसकी वैन में पिछली सीट पर खून से लथपथ पड़ा मिला। उसके गले पर धारदार हथियार से वार किया गया था। फिलहाल अभी तक इस बात का पता नहीं चल सका है कि चालक की हत्या किसने और क्यों की?
सीओ गोमतीनगर सत्यसेन यादव ने बताया कि मानकनगर के श्रृंगारनगर इलाके में वैन मालिक व चालक 40 वर्षीय संजीव शर्मा अपने परिवार के साथ रहता था। वह जयपुरिया स्कूल मेें बच्चों को लाने व ले जाने का काम करता था। रोज की तरह गुरुवार की सुबह भी संजीव घर से वैन लेकर निकला था। सुबह करीब 7.30 बजे संजीव बच्चों को लेकर स्कूल पहुंचा। इसके बाद उसने अपनी वैन को स्कूल से चंद मीटर दूरी पर लगा दिया। दोपहर करीब 12 बजे लोगों ने उसको खून से लथपथ वैन की पिछली सीट पर पड़ा देखा।

लोगों ने फौरन इस बात की सूचना पुलिस कंट्रोल रूम को दी। सूचना पाकर मौके पर गोमतीनगर पुलिस भी पहुंच गयी। पुलिस ने आनन-फानन में चालक को इलाज के लिए राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया, जहां डाक्टरों ने उसको देखते ही मृत घोषित कर दिया। वैन चालक की हत्या की सूचना पाकर सीओ गोमतीनगर व एसपी नार्थ विजय ढुल भी मौके पर पहुंच गये। पुलिस ने चालक की हत्या की सूचना उसके परिवार वालों को दी। खबर पाकर चालक की पत्नी गोमतीनगर थाने पहुंच गयी।

वहीं पुलिस ने छानबीन कर वैन चालक के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। फिलहाल अभी तक इस बात का पता नहीं चल सका है कि चालक संजीव की हत्या किसने और क्यों की? सीओ गोमतीनगर का कहना है कि हत्या के मामले में पुलिस की टीम को लगा दिया गया है और सभी पहलुओं पर छानबीन कर रही है।
सुबह से लेकर दोपहर तक वैन में ही आराम करता था
वैन चालक संजीव शर्मा सुबह से लेकर दोपहर तक अपनी वैन में ही मौजूद रहता था। जयपुरिया स्कूल में वैन चलाने वाले अन्य चालकों में पुलिस को बताया कि सुबह बच्चों को स्कूल लाने के बाद वह वैन को बाहर लगाकर वहीं मौजूद रहता था। लोगों ने बताया कि संजीव घर से अपना खाना साथ लाता था और वैन में ही बैठकर खाना भी खाता था। दोपहर जब डेढ़ बजे छुट्टïी होती थी तब वह बच्चों को लेकर वहां से जाता था।
पीछे से आकर की गयी हत्या
घटना के वक्त चालक संजीव वैन की पिछली सीट पर मौजूद था। वैन के सभी दरवाजे बंद थे और पिछी डिग्गी का दरवाजा खुला हुआ था। लोगों ने बताया कि संजीव इसी तरह रोज वैन में लेट कर आराम करता था। पुलिस को वैन के अंदर से संजीव की शर्ट, जूते व मौजे मिले है। ऐसा लग रहा था कि घटना के वक्त संजीव वैन में लेटा था या फिर वह सो रहा था। उसको इतना मौका नहीं मिल सका कि वह अपनी जान बचा सके।
हैरानी की बात कि किसी को कुछ पता तक नहीं चला
इस घटना को लेकर सबसे चौकाने वाली बात यह नहीं कर सामने आयी है कि जिस जगह पर वारदात हुई वहां लोगों का हर वक्त आना-जाना लगा रहता है। राहगीरों के अलावा, स्कूल के लोग व कई वैन चालक वहां मौजूद रहते हैं। ऐसे में कब और किसने चालक संजीव की हत्या कर दी किसी को कुछ पता नहीं चल सका।
करीबी पर पुलिस का शक
चालक संजीव की हत्या को लेकर छानबीन कर रही गोमतीनगर पुलिस का कहना है कि इस बात की संभावन हो सकती है कि वारदात के पीछे संजीव के ही किसी जानने वाले का हाथ हो। पुलिस अब संजीव के मोबाइल फोन की कॉल डीटेल खंगाल रही है। पुलिस को इस बात की उम्मीद है सीडीआर से कुछ अहम सुराग मिल सकता है।
जुआ व सम्पत्ति विवाद को लेकर छानबीन में जुटी पुलिस
वैन चालक की हत्या की छानबीन कर रही पुलिस को कुछ लोगों से इस बात का पता चला है कि संजीव कुछ दिनों से जुआ खेल रहा था। एक दो बार वह जुए में रकम भी हार चुका है। पुलिस जुंए के विवाद को लेकर छानबीन करने के साथ ही इस बात को लेकर भी अपनी तफ्तीश को आगे बढ़ा रही है कि कहीं संजीव की हत्या सम्पत्ति विवाद या फिर किसी तरह की कोई पुरानी रंजिश के चलते तो नहीं की गयी। फिलहाल सम्पत्ति विवाद व पुरानी रंजिश का कोई जिक्र अभी तक सामने निकल कर नहीं आया है।

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