कारोबार

SBI PO Main Result 2018 : SBI पीओ मुख्य परीक्षा के नतीजे घोषित, यहां चेक करें

SBI PO Mains Result 2018 : स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) की तरफ से पीओ मेन्स रिजल्ट की घोषणा कर दी गई है. परिणाम की घोषणा एसबीआई की तरफ से अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर की गई है. परीक्षार्थी अपना रिजल्ट www.sbi.co.in/careers पर जाकर चेक कर सकते हैं. आपको बता दें एसबीआई की तरफ से प्रोबेशनरी ऑफिसर का रिक्रूटमेंट करने के लिए 4 अगस्त को परीक्षा का आयोजन किया गया था. मुख्य परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले सभी उम्मीदवारों को ग्रुप एक्सरसाइज और इंटरव्यू के संबंध में एसएमएस व ई-मेल के माध्यम से सूचना दी जाएगी. पीओ के लिए परीक्षा के लिए तीन चरण प्री, मेन्स और इंटरव्यू होता है. एसबीआई पीओ प्री रिजल्ट पिछले दिनों 16 जुलाई को जारी किया गया था. प्री में प्राप्त अंकों को फाइनल मेरिट लिस्ट में नहीं जोड़ा जाएगा. इंटरव्यू और ग्रुप डिस्कशन के एडमिट कार्ड 1 सितंबर को जारी होंगे. इनका आयोजन 24 सितंबर से 12 अक्टूबर के बीच किया जाएगा. ऐसे चेक करें रिजल्ट - सबसे पहले एसबीआई की ऑफिशियल वेबसाइट (www.sbi.co.in/careers) पर जाएं. - अब यहां दिखाई देने वाले लिंक ‘latest announcements’ पर क्लिक करें. - यहां आप SBI PO Mains Result 2018 पर क्लिक करें. अब आपकी स्क्रीन पर रिजल्ट की पीडीएफ फाइल खुल जाएगी. - यहां अपना रोलनंबर देखने के बाद इसे सिस्टम में डाउनलोड कर लें या भविष्य के लिए प्रिंट आउट निकालकर रख लें.

SBI PO Mains Result 2018 : स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) की तरफ से पीओ मेन्स रिजल्ट की घोषणा कर दी गई है. परिणाम की घोषणा एसबीआई की तरफ से अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर की गई है. परीक्षार्थी अपना रिजल्ट www.sbi.co.in/careers पर जाकर चेक कर सकते हैं. आपको बता दें एसबीआई की तरफ से प्रोबेशनरी ऑफिसर का रिक्रूटमेंट …

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क्‍या 15 दिन बाद नहीं मिलेगी बिजली? 34 बिजली कंपनियों पर दिवालिया होने का खतरा

बिजली क्षेत्र के लिए 15 दिन बहुत नाजुक हैं. क्‍योंकि कर्ज में डूबीं जिंदल, जेपी पॉवर वेंचर, प्रयागराज पॉवर, झबुआ पॉवर, केएसके महानंदी समेत 34 बिजली कंपनियों के लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने जो डेडलाइन सेट की थी, वह 27 अगस्‍त (सोमवार) को खत्‍म हो गई और केंद्रीय बैंक उन्‍हें और मोहलत देने को तैयार नहीं है. इन 34 बिजली कंपनियों पर बैंकों का 1.5 लाख करोड़ रुपए बकाया है. मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, रिजर्व बैंक ने फरवरी 2018 में एक सर्कुलर में स्पष्ट किया था कि कर्ज में डूबीं 70 कंपनियां इसे चुकाने में देरी करती हैं तो उसे डिफॉल्टर मान कर उनके कर्ज की गई रकम को एनपीए (फंसा लोन) घोषित कर दिया जाएगा. इसे तकनीकी भाषा में 'वन डे डिफॉल्ट नॉर्म' कहते हैं. यह 1 मार्च 2018 से लागू हो गई थी. बैंकों को ऐसे सभी पिछले मामलों को सुलझाने के लिए 1 मार्च 2018 से 180 दिनों का वक्त दिया गया था जो सोमवार (27 अगस्‍त) को पूरा हो गया. इस दौरान कंपनियों और बैंकों के बीच जो मामले नहीं सुलझे उन सभी कंपनियों के खातों को दिवालिया घोषित करने की प्रक्रिया में शामिल होने के लिए मजबूर किया जा सकता है. इन खातों में बैंकों का कुल 3800 अरब रुपये का कर्ज फंसा है. आरबीआई ने इन 70 कंपनियों को 15 दिन का समय दिया है ताकि वे अपना वकील और रिजॉल्‍यूशन प्रोफेशनल एप्‍वाइंट कर सकें. अगर इन 15 दिन में कंपनियों कोई समाधान पेश करती हैं और वह सभी कर्ज देने वाले बैंकों को मंजूर होता है तो इन खातों को कोर्ट नहीं भेजा जाएगा. बैंक पहले से लगे समाधान में : एसबीआई स्टेट बैंक के चेयरमैन रजनीश कुमार ने कहा कि समयसीमा का बैंकों के प्रावधान पर कोई ठोस प्रभाव नहीं पड़ेगा क्योंकि बैंक पहले से ही इन खातों के समाधान की प्रकिया में लगे हैं. भारतीय बैंक संघ (आईबीए) की सालाना आम बैठक से इतर कुमार ने कहा, "27 अगस्त की समयसीमा का प्रावधान आवश्यकताओं पर कोई ठोस प्रभाव नहीं पड़ेगा क्योंकि उनमें से अधिकतर की पहचान डूबे कर्ज के रूप में वर्गीकृत किए जा चुके हैं. कुमार ने कहा कि 34 संकटग्रस्त बिजली कंपनियों के खातों में से 16 को पहले ही एनसीएलटी के पास भेजा जा चुका है, इनका कुल मूल्य 1740 अरब डॉलर है और सात मामलों में समाधान प्रक्रिया अंतिम चरण में है. सप्रंग सरकार की देन है कर्ज की समस्या: जेटली वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि संप्रग के दौरान उच्च आर्थिक वृद्धि के आंकड़े और बैंकों के फंसे कर्जों (एनपीए) की बाढ़ दरअसल 2008 के वैश्विक ऋण संकट से पहले और बाद में दिये गये अंधाधुंध कर्ज की वजह से है. संप्रग सरकार के दौरान आर्थिक वृद्धि दर के आंकड़ों को लेकर सत्ताधारी भाजपा और विपक्षी दल कांग्रेस में जुबानी जंग के बीच जेटली ने कहा कि उस समय की वृद्धि अंधाधुंध ऋण के बलबूते थी. बैंकों ने उस समय अव्यावहारिक परियोजनाओं को ऋण दिया, जिसके कारण बैंकिंग प्रणाली में एनपीए 12 प्रतिशत पहुंच गया है.इन्हीं वजहों से 2012-13 और 2013-14 में वृहत आर्थिक समस्याएं खड़ी हुईं. वित्त मंत्रालय जल्द करेगा आरबीआई से बातचीत वित्त मंत्रालय बिजली क्षेत्र के मसलों के समाधान के लिए जल्द ही रिजर्व बैंक के साथ बातचीत कर सकता है.सूत्रों ने कहा कि इलाहबाद उच्च न्यायालय के आदेश के तहत मंत्रालय आरबीआई से परामर्श करेगा. अदालत ने निजी बिजली कंपनियों को आरबीआई के एनपीए पर 12 फरवरी के आदेश से कोई अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया. आठ-नौ चालू बिजली परियोजनाएं इलाहबाद उच्च न्यायालय के फैसले से प्रभावित होंगी.

बिजली क्षेत्र के लिए 15 दिन बहुत नाजुक हैं. क्‍योंकि कर्ज में डूबीं जिंदल, जेपी पॉवर वेंचर, प्रयागराज पॉवर, झबुआ पॉवर, केएसके महानंदी समेत 34 बिजली कंपनियों के लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने जो डेडलाइन सेट की थी, वह 27 अगस्‍त (सोमवार) को खत्‍म हो गई और केंद्रीय बैंक उन्‍हें और मोहलत …

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…तो क्‍या देश भर में गहराएगा बिजली संकट, 50,000 मेगावाट की हो सकती है कमी?

नई दिल्‍ली: देश में बिजली क्षेत्र से जुड़ी 34 बिजली कंपनियों पर बैंकों का 1.5 लाख करोड़ रुपए कर्ज बकाया है. इनमें कई कंपनियां देश के बिजली उत्‍पादन में योगदान करती हैं. इनमें जिंदल, जेपी पॉवर वेंचर, प्रयागराज पॉवर, झाबुआ पॉवर, केएसके महानंदी, कोस्‍टल एर्नजन समेत 34 बिजली कंपनियां शामिल हैं. अगर ये कंपनियां उत्‍पादन बंद कर देती हैं तो इससे देश में बिजली की बड़ी किल्‍लत हो जाएगी. ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक, संसद की सबकमेटी ने इस साल की शुरुआत में कहा था कि देश में 34 हजार मेगावाट बिजली उत्‍पादन पर संकट है. क्‍योंकि इन बिजली कंपनियों से या तो कोई बिजली खरीद नहीं रहा या इन्‍हें उत्‍पादन के लिए कोयला नहीं मिल रहा. हालांकि, कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि पूरे देश में 50 हजार मेगावाट बिजली की कमी हो सकती है. 50 हजार मेगावाट बिजली कम पड़ने के मायने ऊर्जा मंत्रालय की एक रिपोर्ट के मुताबिक, यूपी में वित्‍त वर्ष 2017 में 17,183 मेगावाट बिजली की मांग थी जबकि सप्‍लाई की गई 15,501 मेगावाट बिजली सप्‍लाई की गई. अगर 50 हजार मेगावाट बिजली की शॉर्टेज होती है तो इससे यूपी के बराबर बिजली की मांग वाले 3 राज्‍य अंधेरे में डूब जाएंगे. देश में कुल बिजली उत्‍पादन ऊर्जा मंत्रालय की रिपोर्ट के मुताबिक राज्‍यों में देश में बिजली उत्‍पादन की कुल स्‍थापित क्षमता राज्‍य 84627 मेगावाट 24.6 % केंद्र 1,03,761 मेगावाट 30.2% निजी क्षेत्र 1,55,511 मेगावाट 45.2% थर्मल पॉवर प्‍लांट से मिलने वाली बिजली थर्मल पॉवर प्‍लांट पर निर्भरता 2,22,693 मेगावाट 64.8% कोयले से चलने वाले बिजली घर 1,96,958 मेगावाट 57.3% गैस से चलने वाले बिजली घर 24,897 मेगावाट 7.2% तेल से चलने वाले बिजली घर 838 मेगावाट 0.2% बिजली की मांग के अनुरूप सप्‍लाई 2017-18 में देश में कुल 12,12,134 मेगावाट बिजली की डिमांड थी जबकि सप्‍लाई हुई 12,03,567 मेगावाट बिजली. यानि 8567 मेगावाट बिजली कम पड़ गई. 2018-19 (जून 2018 तक) में 3,25,428 मेगावाट डिमांड रही जबकि सप्‍लाई 3,23,418 मेगावाट बिजली की हुई. इसमें भी करीब 2000 यूनिट बिजली कम पड़ गई. Power production in India बिजली उत्‍पादन (बिलियन यूनिट में), स्रोत : केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय बिजली उद्योग पर संकट रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने कर्ज में डूबीं 34 बिजली क्षेत्र से जुड़ी कंपनियों को 180 दिन का समय दिया था. वह 27 अगस्‍त 2018 को खत्‍म हो गया है. अब सिर्फ 15 दिन शेष हैं. इस मियाद में कर्ज में डूबीं कंपनियों को अपना लोन अकाउंट क्‍लीयर करना है या समाधान उपलब्‍ध कराना है. ब्‍लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक ऐसा न होने पर मामला नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्‍यूनल (NCLT) के पास चला जाएगा. फिर एनसीएलटी बैंकों को इसका हल निकालने को कहेगा. हालांकि बैंक इस मामले को बाहर ही निपटा देना चाहते हैं. क्‍योंकि मामला एनसीएलटी के पास जाने से उन्‍हें भी नुकसान होगा. मंत्रालय कर सकता है आरबीआई से बातचीत केंद्रीय वित्त मंत्रालय इस संकट के समाधान के लिए रिजर्व बैंक से बातचीत कर सकती है. समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक इलाहबाद हाईकोर्ट के आदेश के तहत मंत्रालय आरबीआई से परामर्श करेगा. अदालत ने निजी बिजली कंपनियों को आरबीआई के एनपीए पर 12 फरवरी के आदेश से कोई अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया. 8-9 चालू बिजली परियोजनाएं इलाहबाद उच्च न्यायालय के फैसले से प्रभावित होंगी.

 देश में बिजली क्षेत्र से जुड़ी 34 बिजली कंपनियों पर बैंकों का 1.5 लाख करोड़ रुपए कर्ज बकाया है. इनमें कई कंपनियां देश के बिजली उत्‍पादन में योगदान करती हैं. इनमें जिंदल, जेपी पॉवर वेंचर, प्रयागराज पॉवर, झाबुआ पॉवर, केएसके महानंदी, कोस्‍टल एर्नजन समेत 34 बिजली कंपनियां शामिल हैं. अगर ये कंपनियां …

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1 सितंबर से बंद हो जाएगी Indian Railway की यह फ्री सेवा

1 सितंबर से बंद हो जाएगी Indian Railway की यह फ्री सेवा

ट्रेन में आरक्षित टिकट पर सफर करने वालें यात्रियों के लिए जरूरी खबर. अभी तक आईआरसीटीसी की तरफ से फ्री में उपलब्ध कराई जाने वाली सर्विस पर 1 सितंबर से चार्ज लिया जाएगा. ऐसे में टिकट बुकिंग के लिए आपको पहले के मुकाबले थोड़ा ज्यादा पैसा खर्च करना होगा. आपको बता दें …

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7वां वेतन आयोग : इन शिक्षकों के लिए खुशखबरी, जल्‍द होगा सैलरी बढ़ने का ऐलान

7वां वेतन आयोग : इन शिक्षकों के लिए खुशखबरी, जल्‍द होगा सैलरी बढ़ने का ऐलान

केंद्रीय कर्मचारी लंबे समय से अपनी बेसिक बढ़ाने की मांग कर रहे हैं. क्‍योंकि बढ़ती महंगाई के कारण उन्‍हें महीने का खर्च चलाना मुश्किल हो रहा है. हालांकि उन्‍हें 2016 में ही सरकार 7वें वेतन आयोग की सौगात दे चुकी है. इस बीच, बिहार में शिक्षकों व अन्‍य स्‍टाफ के लिए एक …

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Bike: एके 47 राइफल बनाने वाली कम्पनी अब बनायेगी बाइक!

रूस: रूस की कंपनी  kalashnikov AK-47  राइफल बनाने में मशहुर है। लेकिन अब इस कंपनी ने कार मार्केट के बाद टूव्हीलर्स मार्केट में अपना परचम लहराने की ठानी है। कंपनी ने कुछ समय पहले अपनी इलेक्ट्रिक कार को पेश किया था। और अब कंपनी ने अपनी इलैक्ट्रिक बाइक लांच की है। …

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ITR: इन 3 दिनों के भीतर कर लें फाइल, वरना लगेगा तगड़ा जुर्माना

अगर आपकी आय टैक्स देनदारी के दायरे में आती है, तो आपको इस महीने के आख‍िरी तीन दिनों के भीतर अपना आईटीआर भर लेना चाहिए. इनकम टैक्स रिटर्न भरने की आाख‍िरी तारीख 31 अगस्त है. अगर आप ने इससे पहले आईटीआर नहीं भरा, तो आपको 1 हजार से लेकर 10 हजार रुपये तक का जुर्माना देना पड़ सकता है. इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की आख‍िरी तारीख वैसे 31 जुलाई थी. लेक‍िन आय कर विभाग ने बाद में इसे बढ़ाकर 31 अगस्त कर दिया था. एक बार डेडलाइन बढ़ाए जाने के बाद फिर से इसे आगे ख‍िसकाए जाने की उम्मीद कम ही है. ऐसे में आपको समय रहते अपना आईटीआर फाइल कर लेना चाहिए. आय कर विभाग लगातार कह रहा है कि अगर आप ने समय पर अपना आईटीआर नहीं भरा, तो आप से लेट पेमेंट फीस वसूली जाएगी. आईटीआर आप ऑनलाइन और ऑफलाइन, दोनों तरीके से भर सकते हैं. इसके लिए आपको इनकम टैक्स विभाग की ई फाइलिंग वेबसाइट पर जाना होगा. अगर आप वेतनभोगी हैं, तो आपको आईटीआर-1 फॉर्म भरना होगा. अगर आप खुद आईटीआर भरने में असमर्थ हैं, तो आप विशेषज्ञों की मदद ले सकते हैं. आप ने 31 अगस्त तक आईटीआर नहीं भरा, तो आप पर इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 234F के तहत लेट फीस लगेगी. आप 31 अगस्त के बाद और 31 दिसंबर से पहले आईटीआर भर रहे हैं, तो आपको 5 हजार तक लेट फीस के तौर पर देने पड़ सकते हैं. वहीं, अगर आप इससे भी ज्यादा लेट करते हैं और 31 दिसंबर के बाद अपना इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करते हैं. ऐसे में आप से 10 हजार तक की लेट फीस वसूली जा सकती है. हालांकि अगर आपकी कुल आय 5 लाख रुपये से ज्यादा नहीं है, तो आप पर लगने वाली लेट फीस 1000 रुपये से ज्यादा नहीं होगी.

अगर आपकी आय टैक्स देनदारी के दायरे में आती है, तो आपको इस महीने के आख‍िरी तीन दिनों के भीतर अपना आईटीआरभर लेना चाहिए. इनकम टैक्स रिटर्न भरने की आाख‍िरी तारीख 31 अगस्त है. अगर आप ने इससे पहले आईटीआर नहीं भरा, तो आपको 1 हजार से लेकर 10 हजार रुपये तक का …

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25 हजार महीना कमाने वाले के PAN से 20 करोड़ का लेनदेन, हो जाएं सचेत

25 हजार महीना कमाने वाले के PAN से 20 करोड़ का लेनदेन, हो जाएं सचेत

आमतौर पर आपको अपने PAN की जानकारी कई जगहों पर देनी होती है. लेकिन अगर आपको अचानक पता चले कि आप तो कई कंपनियों में डायरेक्टर हैं और आपके इस परमानेंट अकाउंट नंबर (PAN) पर करोड़ों का लेनदेन हुआ है तो आपके पैरों तले तो जमीन ही खिसक जाएगी. इसलिए अपने पैन के इस्तेमाल …

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बाजार फिर रिकॉर्ड स्तर पर, सेंसेक्स 38450 और निफ्टी 11619 के पार खुला

बाजार फिर रिकॉर्ड स्तर पर, सेंसेक्स 38450 और निफ्टी 11619 के पार खुला

इस कारोबारी हफ्ते की शुरुआत घरेलू शेयर बाजार ने रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचकर की है. वैश्व‍िक बाजार से मिले मजबूत संकेतों के बूते बाजार सोमवार को फिर रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने में कामयाब हुआ है. सोमवार को सेंसेक्स ने 204.70 अंकों की बढ़ोत्तरी के साथ कारोबार की शुरुआत की. इस बढ़त के साथ यह …

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डीजल लगातार दूसरे दिन रिकॉर्ड स्तर पर, पेट्रोल भी हुआ महंगा

डीजल लगातार दूसरे दिन रिकॉर्ड स्तर पर, पेट्रोल भी हुआ महंगा

एक बार फिर रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया है. इस बार डीजल ने पहले रिकॉर्ड स्तर की ऊंचाई छुई है. सोमवार को लगातार दूसरे दिन डीजल के दाम रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गए हैं. वहीं, पेट्रोल की कीमतों में भी तेजी से बढ़ोत्तरी हो रही है. …

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