कारोबार

जानिए, पीएफ खाता भी आपको दिला सकता है लोन

नौकरीपेशा लोगों की सैलरी से एक निश्चित राशि नियोक्ता की ओर से पीएफ के एवज में काटी जाती है, इतनी ही राशि का योगदान कंपनी की ओर से भी किया जाता है। इस राशि को कंपनियां नियमित आधार पर ईपीएफओ कार्यालय में जमा करवाती रहती हैं। पीएफ खाते में जमा …

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कोकाकोला घटाएगी अपना प्लास्टिक प्रदूषण, बनाई यह खास योजना

प्लास्टिक से पर्यावरण को होने वाला नुकसान कम करने के लिए कई कंपनियों ने प्लास्टिक-जनित प्रदूषण रोकने या घटाने की शपथ ली है। इनमें दुनिया की अग्रणी बेवरेज कंपनी कोकाकोला, देश की दूसरी सबसे बड़ी आइटी कंपनी इन्फोसिस लिमिटेड और दुनिया की अग्रणी होटल चेन हिल्टन ग्रुप जैसी दिग्गज कंपनियों …

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New Smartphone:सैमसंग ने भारत में लॉच किया नया स्मार्टफोन, जानिए दाम व फीचर्स!

मुम्बई: सैमसंग ने अपना लेटेस्ट बजट स्मार्टफोन गैलेक्सी जे4 भारत में लॉन्च कर दिया है। फोन को सैमसंग के मेक फार इंडिया पहल के तहत बनाया गया है। याद दिल दें कि सैमसंग गैलेक्सी जे4 को सबसे पहले पाकिस्तान और यूक्रेन में लिस्ट किया गया था। अब सैमसंग ने गैलेक्सी जे4 …

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मई में घटा GST कलेक्शन, 94 हजार करोड़ कुल टैक्स हुआ जमा

अप्रैल में एक लाख करोड़ राजस्व का आंकड़ा छूने के बाद जीएसटी कलेक्शन कम हो गया है. मई महीने में माल एवं सेवा कर (जीएसटी) से सरकार को 94,016 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ है. वित्त मंत्रालय ने शुक्रवार को मई के जीएसटी कलेक्शन के आंकड़े जारी किए हैं. वित्त मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक मई में जीएसटी कलेक्शन अप्रैल की तुलना में कम है. अप्रैल में जीएसटी के तहत मिले टैक्स ने 1 लाख करोड़ का आंकड़ा पार किया था. इस दौरान यह 1,03,458 करोड़ रुपये रहा था. हालांकि मई में प्राप्त कुल टैक्स वित्त वर्ष 2017-18 के औसत मासिक संग्रह से ज्यादा है. यह संग्रह 89,885 करोड़ रुपये की तुलना में अधिक है. वित्त सचिव और राजस्व सचिव हसमुख अध‍िया ने ट्वीट कर मई महीने के जीएसटी कलेक्शन की जानकारी दी. उन्होंने कहा, ''यह कलेक्शन ई-वे बिल के लागू होने के बाद बेहतर अनुपालन को दर्शाता है.'' इस दौरान उन्होंने यह भी जानकारी दी कि अप्रैल से 31 मई तक 62.46 लाख रिटर्न भरे गए. जो कि मार्च से 30 अप्रैल तक भरे गए रिटर्न 60.47 लाख से ज्यादा है. पिछले साल जुलाई में लागू किए जाने के बाद जीएसटी कलेक्शन में लगातार उतार-चढ़ाव नजर आ रहा था, लेक‍िन अप्रैल में कलेक्शन ने एक नया रिकॉर्ड बनाया. लॉन्च के बाद से यह पहली बार था, जब किसी महीने में जीएसटी के तहत कलेक्शन 1 लाख करोड़ के पार पहुंचा.

अप्रैल में एक लाख करोड़ राजस्व का आंकड़ा छूने के बाद जीएसटी कलेक्शन कम हो गया है. मई महीने में  माल एवं सेवा कर (जीएसटी) से सरकार को 94,016 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ है. वित्त मंत्रालय ने शुक्रवार को मई के जीएसटी कलेक्शन के आंकड़े जारी किए हैं. वित्त …

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एनसीएल का कोयला उत्पादन 17 फीसदी बढ़ा

भारत सरकार की मिनी रत्ना कंपनी नॉर्दर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (एनसीएल) ने चालू वित वर्ष के शुरुआती दो महीनों यानी मई के अंत तक 16.41 मिलियन टन कोयले का उत्पादन कर लिया है. इस अवधि में कंपनी का कोयला प्रेषण (डिस्पैच) 16.57 मिलियन टन रहा है, जो पिछले वित वर्ष की समान अवधि के मुकाबले क्रमशः 16.82 फीसदी तथा 15.17 फीसदी अधिक है. पिछले वित्त वर्ष में मई तक कंपनी ने 14.05 मिलियन टन कोयला उत्पादन और 14.39 मिलियन टन कोयले का प्रेषण किया था. चालू वित्त वर्ष में मई के आखिर तक एनसीएल के अमलोरी क्षेत्र ने 2.11 मिलियन टन, बीना ने 1.33 मिलियन टन, दुधीचुआ ने 2.62 मिलियन टन, जयंत ने 2.95 मिलियन टन, झिंगुरदा ने 0.43 मिलियन टन, ककरी ने 0.31 मिलियन टन, खड़िया ने 1.51 मिलियन टन, निगाही ने 3.04 मिलियन टन, कृष्णशिला ने 1.20 मिलियन टन तथा ब्लॉक-बी ने 0.91 मिलियन टन कोयले का उत्पादन किया. इसे पढ़ें: तरक्की के रास्ते आज फिर चीन को पछाड़कर नंबर 1 बनेगा भारत? इसी तरह, चालू वित्त वर्ष में मई की समाप्ति तक एनसीएल के अमलोरी क्षेत्र ने 2.02 मिलियन टन, बीना ने 1.27 मिलियन टन, दुधीचुआ ने 3.13 मिलियन टन, जयंत ने 2.62 मिलियन टन, झिंगुरदा ने 0.49 मिलियन टन, ककरी ने 0.35 मिलियन टन, खड़िया ने 1.74 मिलियन टन, निगाही ने 2.77 मिलियन टन, कृष्णशिला ने 1.17 मिलियन टन तथा ब्लॉक-बी ने 1.00 मिलियन टन कोयले का प्रेषण किया. गौरतलब है कि चालू वित्त वर्ष में कोल इंडिया लिमिटेड की अनुषंगी कंपनी एनसीएल को 100 मिलियन टन कोयला उत्पादन और 100.5 मिलियन टन कोयला प्रेषण की जिम्मेदारी दी गई है. मार्च में समाप्त पिछले वित्त वर्ष में एनसीएल ने 93.01 मिलियन टन कोयले का उत्पादन और 96.73 मिलियन टन कोयले का प्रेषण किया था, जो किसी भी वित्त वर्ष में कंपनी का अब तक का सर्वाधिक कोयला उत्पादन एवं प्रेषण है. पिछले वित्त वर्ष में कंपनी का कोयला उत्पादन और प्रेषण दोनों ही निर्धारित लक्ष्य से अधिक रहा था. कंपनी को पिछले वित्त वर्ष में 93 मिलियन टन कोयला उत्पादन और 93 मिलियन टन ही कोयला प्रेषण की जिम्मेदारी सौंपी गई थी. कोयला प्रेषण का लक्ष्य कंपनी ने समय से 12 दिन पूर्व ही हासिल कर लिया था और कोयला उत्पादन लक्ष्य भी समय से पूरा कर लिया था.

भारत सरकार की मिनी रत्ना कंपनी नॉर्दर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (एनसीएल) ने चालू वित वर्ष के शुरुआती दो महीनों यानी मई के अंत तक 16.41 मिलियन टन कोयले का उत्पादन कर लिया है. इस अवधि में कंपनी का कोयला प्रेषण (डिस्पैच) 16.57 मिलियन टन रहा है, जो पिछले वित वर्ष की …

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GDP ग्रोथ में चीन से आगे बने रहना है, तो भारत को इन 3 चुनौतियों से पाना होगा पार

केंद्र सरकार ने गुरुवार को जनवरी-मार्च तिमाही के जीडीपी आंकड़े पेश किए. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक चौथी तिमाही में जीडीपी 7.7 फीसदी की रफ्तार से बढ़ी है. इस रफ्तार के साथ ही भारत ने चीन को पछाड़ दिया है. इसी तिमाही में चीन की वृद्ध‍ि दर 6.8 फीसदी रही है. भले ही नोटबंदी के बाद विकास दर काफी तेजी से बढ़ी है, लेकिन अभी भी कई चुनौतियां बरकरार हैं. अगर भारत को अपनी ये रफ्तार बनाए रखनी है और वह आने वाले दिनों में भी चीन से आगे बने रहना चाहता है, तो उसे कुछ चुनौतियों से निपटना होगा. कच्चा तेल: कच्चे तेल की कीमतों में भले ही नरमी आना शुरू हो गई है, लेक‍िन अभी भी ये 70 डॉलर के पार बना हुआ है. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लगातार बदल रहे हालातों का असर कच्चे तेल की कीमतों पर होता रहता है. ऐसे में कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों से पार पाने की सबसे बड़ी चुनौती सरकार के सामने है. दरअसल भारत अपनी जरूरत का 80 फीसदी कच्चा तेल आयात करता है. ऐसे में कच्चे तेल की कीमतों में बदलाव का असर जीडीपी पर भी पड़ता है. एक अनुमान के मुताबिक जब भी कच्चे तेल की कीमत में 10 डॉलर प्रति बैरल का इजाफा होता है, तो इसका असर जीडीपी पर 40 बेसिस प्वाइंट के हिसाब से पड़ता है. यही नहीं, इसका असर देश में महंगाई बढ़ने और चालू खाता घाटा बढ़ने के तौर पर भी सामने आ सकता है. गिरता रुपया: पिछले कुछ समय से डॉलर के मुकाबले रुपया लगातार कमजोर होता जा रहा है. फिलहाल रुपया 67 के पार पहुंच गया है. कुछ समय पहले यह 68 का आंकड़ा भी पार कर चुका है. डॉलर के मुकाबले कमजोर होता रुपया इकोनॉमी के सामने नई चुनौतियां खड़ी कर सकता है. जानकार मानते हैं कि रुपये में अगर अगले 2 से 3 महीने तक यह गिरावट जारी रही, तो जीडीपी पर इसका असर पड़ना तय है. कृष‍ि: जनवरी से मार्च तिमाही के बीच भले ही कृष‍ि की ग्रोथ 4.5 फीसदी बेहतर रही है, लेकिन सालाना आधार पर कृष‍ि की विकास दर 6.3 फीसदी से घटकर 3.4 फीसदी पर आ गई है. सरकार ने कहा है कि वह यह सुन‍िश्च‍ित करेगी कि उसकी तरफ से तय न्यूनतम समर्थन मूल्य का फायदा हर किसान को मिले. इसका असर भी सरकारी खजाने पर दिखना तय है. इसके अलावा कृष‍ि और किसानों के हालात सुधारने पर भी सरकार को फोकस करना होगा और कृष‍ि विकास में बढ़ोतरी की चुनौती से निपटना होगा. इन चुनौतियों को देखते हुए सरकार को अपनी वित्तीय स्थ‍ित‍ि को सुधारने पर फोकस करना होगा. अच्छी बात यह है कि कच्चे तेल की कीमतें नीचे आना शुरू हो गई हैं. अब देखन यह होगा कि आने वाले दिनों में रुपये का डॉलर के मुकाबले क्या रुख होता है.

केंद्र सरकार ने गुरुवार को जनवरी-मार्च तिमाही के जीडीपी आंकड़े पेश किए. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक चौथी तिमाही में जीडीपी 7.7 फीसदी की रफ्तार से बढ़ी है. इस रफ्तार के साथ ही भारत ने चीन को पछाड़ दिया है. इसी तिमाही में चीन की वृद्ध‍ि दर 6.8 फीसदी रही है. …

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मई में घटा GST कलेक्शन, 94 हजार करोड़ कुल टैक्स हुआ जमा

अप्रैल में एक लाख करोड़ राजस्व का आंकड़ा छूने के बाद जीएसटी कलेक्शन कम हो गया है. मई महीने में माल एवं सेवा कर (जीएसटी) से सरकार को 94,016 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ है. वित्त मंत्रालय ने शुक्रवार को मई के जीएसटी कलेक्शन के आंकड़े जारी किए हैं. वित्त मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक मई में जीएसटी कलेक्शन अप्रैल की तुलना में कम है. अप्रैल में जीएसटी के तहत मिले टैक्स ने 1 लाख करोड़ का आंकड़ा पार किया था. इस दौरान यह 1,03,458 करोड़ रुपये रहा था. हालांकि मई में प्राप्त कुल टैक्स वित्त वर्ष 2017-18 के औसत मासिक संग्रह से ज्यादा है. यह संग्रह 89,885 करोड़ रुपये की तुलना में अधिक है. वित्त सचिव और राजस्व सचिव हसमुख अध‍िया ने ट्वीट कर मई महीने के जीएसटी कलेक्शन की जानकारी दी. उन्होंने कहा, ''यह कलेक्शन ई-वे बिल के लागू होने के बाद बेहतर अनुपालन को दर्शाता है.'' इस दौरान उन्होंने यह भी जानकारी दी कि अप्रैल से 31 मई तक 62.46 लाख रिटर्न भरे गए. जो कि मार्च से 30 अप्रैल तक भरे गए रिटर्न 60.47 लाख से ज्यादा है. पिछले साल जुलाई में लागू किए जाने के बाद जीएसटी कलेक्शन में लगातार उतार-चढ़ाव नजर आ रहा था, लेक‍िन अप्रैल में कलेक्शन ने एक नया रिकॉर्ड बनाया. लॉन्च के बाद से यह पहली बार था, जब किसी महीने में जीएसटी के तहत कलेक्शन 1 लाख करोड़ के पार पहुंचा.

अप्रैल में एक लाख करोड़ राजस्व का आंकड़ा छूने के बाद जीएसटी कलेक्शन कम हो गया है. मई महीने में  माल एवं सेवा कर (जीएसटी) से सरकार को 94,016 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ है. वित्त मंत्रालय ने शुक्रवार को मई के जीएसटी कलेक्शन के आंकड़े जारी किए हैं. वित्त …

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आधार: वर्चुअल आईडी की व्यवस्था 1 जुलाई से होगी अनिवार्य, UIDAI ने बढ़ाई समय सीमा

आधार अथॉरिटी भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई ) ने वर्चुअल आईडी (वीआईडी) को अनिवार्य करने की समय सीमा बढ़ा दी है. अथॉरिटी ने इसके लिए 1 जुलाई तक का समय दिया है. पहले इसके लिए 1 जून का समय तय किया गया था. यूआईडीएआई के सीईओ अजय भूषण पांडे ने कहा, ''वर्चुअल आईडी की व्यवस्था लागू करने के लिए हम तो तैयार हैं, लेक‍िन बैंक और टेलीकॉम कंपनियों समेत अन्य एजेसियों की दिक्कतों को देखते हुए इसकी डेडलाइन बढ़ाई गई है.'' पिछले दिनों आधार डाटा लीक की खबरों के बीच यूआईडीएआई ने वर्चुअल आईडी की व्यवस्था लाई थी. इसमें आपको जहां आधार डिटेल देने की जरूरत पड़ेगी, वहां आप अपनी वर्चुअल आईडी दे सकेंगे. इस तरह आपका आधार नंबर और अन्य डाटा पूरी तरह सुरक्ष‍ित रहेगा. वर्चुअल आईडी की सुविधा 1 मार्च से शुरू हो चुकी है. हालांकि 1 जुलाई से अब यह सभी एजेंसियों के लिए अनिवार्य होगी. पहले इसके लिए 1 जून की तारीख तय की गई थी. क्या है वर्चुअल आईडी: वर्चुअल आईडी आधार नंबर की तरह ही अंकों का एक समूह होगा. आधार नंबर जहां 12 अंकों का होता है वहीं, वर्चुअल आईडी 16 अंकों की होगी.

आधार अथॉरिटी भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई ) ने वर्चुअल आईडी (वीआईडी) को अनिवार्य करने की समय सीमा बढ़ा दी है. अथॉरिटी ने इसके लिए 1 जुलाई तक का समय दिया है. पहले इसके लिए 1 जून का समय तय किया गया था. यूआईडीएआई के सीईओ अजय भूषण पांडे ने कहा, …

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एनसीएल का कोयला उत्पादन 17 फीसदी बढ़ा

भारत सरकार की मिनी रत्ना कंपनी नॉर्दर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (एनसीएल) ने चालू वित वर्ष के शुरुआती दो महीनों यानी मई के अंत तक 16.41 मिलियन टन कोयले का उत्पादन कर लिया है. इस अवधि में कंपनी का कोयला प्रेषण (डिस्पैच) 16.57 मिलियन टन रहा है, जो पिछले वित वर्ष की समान अवधि के मुकाबले क्रमशः 16.82 फीसदी तथा 15.17 फीसदी अधिक है. पिछले वित्त वर्ष में मई तक कंपनी ने 14.05 मिलियन टन कोयला उत्पादन और 14.39 मिलियन टन कोयले का प्रेषण किया था. चालू वित्त वर्ष में मई के आखिर तक एनसीएल के अमलोरी क्षेत्र ने 2.11 मिलियन टन, बीना ने 1.33 मिलियन टन, दुधीचुआ ने 2.62 मिलियन टन, जयंत ने 2.95 मिलियन टन, झिंगुरदा ने 0.43 मिलियन टन, ककरी ने 0.31 मिलियन टन, खड़िया ने 1.51 मिलियन टन, निगाही ने 3.04 मिलियन टन, कृष्णशिला ने 1.20 मिलियन टन तथा ब्लॉक-बी ने 0.91 मिलियन टन कोयले का उत्पादन किया. इसे पढ़ें: तरक्की के रास्ते आज फिर चीन को पछाड़कर नंबर 1 बनेगा भारत? इसी तरह, चालू वित्त वर्ष में मई की समाप्ति तक एनसीएल के अमलोरी क्षेत्र ने 2.02 मिलियन टन, बीना ने 1.27 मिलियन टन, दुधीचुआ ने 3.13 मिलियन टन, जयंत ने 2.62 मिलियन टन, झिंगुरदा ने 0.49 मिलियन टन, ककरी ने 0.35 मिलियन टन, खड़िया ने 1.74 मिलियन टन, निगाही ने 2.77 मिलियन टन, कृष्णशिला ने 1.17 मिलियन टन तथा ब्लॉक-बी ने 1.00 मिलियन टन कोयले का प्रेषण किया. गौरतलब है कि चालू वित्त वर्ष में कोल इंडिया लिमिटेड की अनुषंगी कंपनी एनसीएल को 100 मिलियन टन कोयला उत्पादन और 100.5 मिलियन टन कोयला प्रेषण की जिम्मेदारी दी गई है. मार्च में समाप्त पिछले वित्त वर्ष में एनसीएल ने 93.01 मिलियन टन कोयले का उत्पादन और 96.73 मिलियन टन कोयले का प्रेषण किया था, जो किसी भी वित्त वर्ष में कंपनी का अब तक का सर्वाधिक कोयला उत्पादन एवं प्रेषण है. पिछले वित्त वर्ष में कंपनी का कोयला उत्पादन और प्रेषण दोनों ही निर्धारित लक्ष्य से अधिक रहा था. कंपनी को पिछले वित्त वर्ष में 93 मिलियन टन कोयला उत्पादन और 93 मिलियन टन ही कोयला प्रेषण की जिम्मेदारी सौंपी गई थी. कोयला प्रेषण का लक्ष्य कंपनी ने समय से 12 दिन पूर्व ही हासिल कर लिया था और कोयला उत्पादन लक्ष्य भी समय से पूरा कर लिया था.

भारत सरकार की मिनी रत्ना कंपनी नॉर्दर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (एनसीएल) ने चालू वित वर्ष के शुरुआती दो महीनों यानी मई के अंत तक 16.41 मिलियन टन कोयले का उत्पादन कर लिया है. इस अवधि में कंपनी का कोयला प्रेषण (डिस्पैच) 16.57 मिलियन टन रहा है, जो पिछले वित वर्ष की …

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वैश्व‍िक बाजार से मजबूत संकेत, सेंसेक्स 84-निफ्टी 23 अंक मजबूत

वैश्व‍िक बाजार से मिले मजबूत संकेतों के बूते घरेलू शेयर बाजार ने गुरुवार को बढ़त के साथ शुरुआत की. इस कारोबारी हफ्ते के चौथे दिन सेंसेक्स 246 अंकों की बढ़त के साथ 35000 के ऊपर खुला. वहीं, निफ्टी भी 61 अंक मजबूत हुआ. इस मजबूती के साथ इसने 10,676 के स्तर पर शुरुआत की. हालांकि बढ़त के साथ शुरुआत करने के बाद बाजार अपने ऊपरी स्तर से नीचे आना शुरू हो गया है. फिलहाल (9.58AM) पर सेंसेक्स 83.50 अंकों की बढ़‍त के साथ 34,989.61 के स्तर पर कारोबार कर रहा है. वहीं, निफ्टी भी नीचे आया है. फिलहाल यह 23.35 अंकों की बढ़त के साथ 10,637.70 के स्तर पर कारोबार कर रहा है. शुरुआती कारोबार में एचडीएफसी, भारती एयरटेल, ओएनजीसी और कोल इंडिया के शेयरों में तेजी देखने को मिल रही है. वहीं, आईसीआईसीआई बैंक के शेयरों में गिरावट देखने को म‍िल रही है. रुपये की सपाट शुरुआत: इस कारोबारी हफ्ते के चौथे दिन रुपये ने सपाट शुरुआत की है. यह डॉलर के मुकाबले महज 1 पैसा मजबूत हुआ है. 1 पैसे की मजबूती के साथ रुपया डॉलर के मुकाबले 67.42 के स्तर पर खुला है. बुधवार की बात करें, तो यह डॉलर के मुकाबले 43 पैसे की बढ़त के साथ बंद हुआ. तीसरे कारोबारी हफ्ते के दिन रुपया 43 पैसा बढ़कर 67.43 के स्तर पर खुला है. बुधवार सुबह इसने 2 पैसे की हल्की बढ़त के साथ 67.84 के स्तर पर शुरुआत की थी.वैश्व‍िक बाजार से मिले मजबूत संकेतों के बूते घरेलू शेयर बाजार ने गुरुवार को बढ़त के साथ शुरुआत की. इस कारोबारी हफ्ते के चौथे दिन सेंसेक्स 246 अंकों की बढ़त के साथ 35000 के ऊपर खुला. वहीं, निफ्टी भी 61 अंक मजबूत हुआ. इस मजबूती के साथ इसने 10,676 के स्तर पर शुरुआत की. हालांकि बढ़त के साथ शुरुआत करने के बाद बाजार अपने ऊपरी स्तर से नीचे आना शुरू हो गया है. फिलहाल (9.58AM) पर सेंसेक्स 83.50 अंकों की बढ़‍त के साथ 34,989.61 के स्तर पर कारोबार कर रहा है. वहीं, निफ्टी भी नीचे आया है. फिलहाल यह 23.35 अंकों की बढ़त के साथ 10,637.70 के स्तर पर कारोबार कर रहा है. शुरुआती कारोबार में एचडीएफसी, भारती एयरटेल, ओएनजीसी और कोल इंडिया के शेयरों में तेजी देखने को मिल रही है. वहीं, आईसीआईसीआई बैंक के शेयरों में गिरावट देखने को म‍िल रही है. रुपये की सपाट शुरुआत: इस कारोबारी हफ्ते के चौथे दिन रुपये ने सपाट शुरुआत की है. यह डॉलर के मुकाबले महज 1 पैसा मजबूत हुआ है. 1 पैसे की मजबूती के साथ रुपया डॉलर के मुकाबले 67.42 के स्तर पर खुला है. बुधवार की बात करें, तो यह डॉलर के मुकाबले 43 पैसे की बढ़त के साथ बंद हुआ. तीसरे कारोबारी हफ्ते के दिन रुपया 43 पैसा बढ़कर 67.43 के स्तर पर खुला है. बुधवार सुबह इसने 2 पैसे की हल्की बढ़त के साथ 67.84 के स्तर पर शुरुआत की थी.

वैश्व‍िक बाजार से मिले मजबूत संकेतों के बूते घरेलू शेयर बाजार ने गुरुवार को बढ़त के साथ शुरुआत की. इस कारोबारी हफ्ते के चौथे दिन सेंसेक्स 246 अंकों की बढ़त के साथ 35000 के ऊपर खुला. वहीं, निफ्टी भी 61 अंक मजबूत हुआ. इस मजबूती के साथ इसने 10,676 के …

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