कारोबार

शेयर बाजार की हल्की शुरुआत, सेंसेक्स 30 अंक की बढ़त के साथ खुला

इस कारोबारी हफ्ते के दूसरे दिन एश‍ियाई बाजारों में कमजोरी के बावजूद घरेलू बाजार ने बढ़त के साथ शुरुआत की है. मंगलवार को सेंसेक्स 30 अंकों की बढ़त के साथ कारोबार शुरू करने में सफल हुआ है. वहीं, निफ्टी की बात करें, तो इसने 47 अंकों की बढ़त के साथ कारोबार की शुरुआत की है. मंगलवार को सेंसेक्स ने 30.02 अंक बढ़कर 35,294.43 के स्तर पर कारोबार की शुरुआत की है. वहीं, निफ्टी 47.30 अंकों की बढ़त के साथ 10,704.60 के स्तर पर कारोबार शुरू करने में कामयाब हुआ है. हालांकि शुरुआती कारोबार में बाजार में गिरावट शुरू हो गई है. फिलहाल (9.22AM) पर सेंसेक्स जहां 28.72 अंक की कटौती के साथ 35,235.69 के स्तर पर कारोबार कर रहा है. वहीं, निफ्टी भी 5.75 अंकों की गिरावट के साथ 10,651.55 के स्तर पर बना हुआ है. रुपया 9 पैसे कमजोर: रुपये में जारी गिरावट थमने का नाम नहीं ले रही है. मंगलवार को रुपये ने डॉलर के मुकाबले 9 पैसों की गिरावट के साथ शुरुआत की है. इस गिरावट के साथ इसने 68.89 के स्तर पर कारोबार की शुरुआत की है. इससे पहले सोमवार को रुपया 5 साल के निचले स्तर पर पहुंचकर बंद हुआ. सोमवार को रुपया 68.80 रुपये प्रति डॉलर के स्तर पर बंद हुआ. इसमें 33 पैसे की गिरावट देखने को मिली.

इस कारोबारी हफ्ते के दूसरे दिन एश‍ियाई बाजारों में कमजोरी के बावजूद घरेलू बाजार ने बढ़त के साथ शुरुआत की है. मंगलवार को सेंसेक्स 30 अंकों की बढ़त के साथ कारोबार शुरू करने में सफल हुआ है. वहीं, निफ्टी की बात करें, तो इसने 47 अंकों की बढ़त के साथ …

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एनआरआई को भी भारत में चुकाना पड़ सकता है आयकर

भारत में एनआरआई की टैक्स फाइलिंग उनकी आवासीय स्थिति पर निर्भर करती है। यदि किसी की आवासीय स्थिति (रेजिडेंशियल स्टेटस) 'भारत का निवासी' है तो उसकी वैश्विक आय भारत में भी कर योग्य होगी। इसका मतलब यह हुआ की उस व्यक्ति की कमाई, चाहे वह दुनिया में कहीं भी कमाता हो और उसने विदेश में इनकम टैक्स चुका दिया हो, उसे वह आय भारत में अपने टैक्स कम्प्यूटेशन में शामिल करके टैक्स भरना होगा। इस मामले में तभी राहत मिलती है जब भारत और संबंधित देश ने आपस में 'डबल टैक्स अवॉयडेंस एग्रीमेंट' कर रखा हो। लेकिन यदि व्यक्ति एनआरआई स्टेटस में है यानी भारत के अनिवासी श्रेणी में आता है तो उसे केवल भारत में अर्जित आय पर टैक्स चुकाना होगा। भारत में अर्जित आय का मतलब 1. वेतन से होने वाली आय, जो भारत में या भारत में प्रदान की जाने वाली सेवाओं के लिए हुई हो। 2. भारत स्थित रिहायशी प्रॉपर्टी से होने वाली आय। 3. भारत स्थित संपत्तियों के हस्तांतरण पर पूंजीगत लाभ। 4. एफडी से आय या बचत खातों पर मिलने वाला ब्याज। एनआरआई के लिए, इनमें से किसी भी स्रोत से होने वाली आय कर योग्य होगी, यदि वह 2.5 लाख रुपए से अधिक हो। भारत से बाहर अर्जितआय भारत में कर योग्य नहीं होगी। यह भी ध्यान रखें कि एनआरआई या एफसीएनआर खातों पर ब्याज कर मुक्त होगा, लेकिन एनआरओ खातों पर ब्याज कर योग्य होगा। एक खास स्थिति एक वित्त वर्ष के दौरान आय 2.5 लाख रुपए से कम होने पर भी एनआरआई को इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना पड़ सकता है। यहमजबूरी तब होगी जब उन्हें टैक्स रिफंड क्लेम करना हो या बिजनेस या रिहायशी प्रॉपर्टी का कोई नुकसान क्लेम करना हो। इसे एक उदाहरण से समझते हैं। मान लीजिए राहुल लंबे समय से अमेरिका में है। वह नौकरी के लिए लांग टीम असाइनमेंट के लिए साल 2009 से ही भारत से बहार है। उसका भारत में एनआरओ बैंक खाते से सालाना 50 हजार रुपए की ब्याज आय होती है। इसके अलावा उसे भारत में एक फ्लैट से 15 हजार रुपए का किराया मिलता है। अब सवाल उठता है कि क्या राहुल को टैक्स देना होगा? और क्या उसे टैक्स रिटर्न फाइल करना होगा? इस मामले में राहुल भारतीय नागरिक है जो नौकरी के काम से अमेरिका में रह रहा है। आयकर अधिनियम के तहत उसे भारत का निवासी तभी माना जाएगा, जब बीते वित्त वर्ष वह भारत में 182 दिन या उससे अधिक समय रहा हो । लेकिन, राहुल ने तो 13 मई 2009 को ही भारत छोड़ दिया था और भारत में कभी एक साल में एक माह से अधिक नहीं रहा। असल में बीते वित्त वर्ष राहुल ने भारत से बाहर 182 दिन से अधिक बिताया है, लिहाजा वह एनआरआई माना जाएगा। इसका मतलब यह हुआ कि राहुल को भारत में अर्जित आय पर ही टैक्सचुकाना होगा और रिटर्न फाइल करना होगा। उसे अमेरिका में अर्जित आय पर भारत में टैक्स नहीं देना होगा।

भारत में एनआरआई की टैक्स फाइलिंग उनकी आवासीय स्थिति पर निर्भर करती है। यदि किसी की आवासीय स्थिति (रेजिडेंशियल स्टेटस) ‘भारत का निवासी’ है तो उसकी वैश्विक आय भारत में भी कर योग्य होगी। इसका मतलब यह हुआ की उस व्यक्ति की कमाई, चाहे वह दुनिया में कहीं भी कमाता …

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कांग्रेस की मांग पर मोदी की दो टूक, क्या दूध और मर्सिडीज़ पर एक दर सही?

देशभर में GST लागू हुए पूरा एक साल हो गया है, इस मौके पर केंद्र सरकार ने जगह-जगह जश्न भी मनाया और इसकी उपलब्धि भी गिनाई. जीएसटी पर अभी तक कई तरह के सवाल उठते हैं इनपर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने करारा जवाब दिया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जीएसटी व्यवस्था के तहत सभी वस्तुओं पर एक ही दर से कर लगाने की अवधारणा को खारिज कर दिया. उन्होंने कहा कि मर्सिडीज कार और दूध पर एक ही दर से कर नहीं लगाया जा सकता. उन्होंने कहा कि जीएसटी के तहत सभी वस्तुओं पर 18 प्रतिशत की एक समान दर से कर लगाने की कांग्रेस पार्टी की मांग को यदि स्वीकार किया जाता है तो इससे खाद्यान्न और कई जरूरी वस्तुओं पर कर बढ़ जायेगा. प्रधानमंत्री ने कहा कि जीएसटी लागू होने के एक साल के भीतर ही अप्रत्यक्ष करदाताओं का आधार 70 प्रतिशत तक बढ़ गया. इसके लागू होने से चेक-पोस्ट समाप्त हो गए, इसमें 17 विभिन्न करों, 23 उपकरों को समाहित कर एक बनाया गया है. मोदी ने कहा कि जीएसटी समय के साथ बेहतर होने वाली प्रणाली है. इसे राज्य सरकारों, व्यापार जगत के लोगों और संबंध पक्षों से मिली जानकारी और अनुभवों के आधार इसमें लगातार सुधार किया गया है. जीएसटी में केन्द्रीय उत्पाद शुल्क, सेवाकर, राज्यों में लगने वाले मूल्यवर्धित कर (वैट) तथा अन्य करों को समाहित किया गया है. इसका उद्देश्य इंस्पेक्टर राज को समाप्त करते हुये अप्रत्यक्ष करों को ‘‘ सरल ’’ बनाना है. प्रधानमंत्री ने ‘स्वराज्य’ पत्रिका को दिए साक्षात्कार में कहा कि यह काफी आसान होता कि जीएसटी में केवल एक ही दर रहती लेकिन इसका यह भी मतलब होगा कि खाद्य वस्तुओं पर कर की दर शून्य नहीं होगी. क्या हम दूध और मर्सिडीज पर एक ही दर से कर लगा सकते हैं ? उन्होंने कहा कि इसलिये कांग्रेस के हमारे मित्र जब यह कहते हैं कि हमारे पास जीएसटी की केवल एक दर होनी चाहिये, उनके कहने का मतलब है कि वह खाद्य पदार्थों और दूसरी उपभोक्ता जिंसों पर 18 प्रतिशत की दर से कर लगाना चाहते हैं. जबकि वर्तमान में इन उत्पादों पर शून्य अथवा पांच प्रतिशत की दर से कर लगाया जा रहा है. स्वराज पत्रिका की वेबसाइट पर जारी साक्षात्कार में मोदी ने कहा कि आजादी के बाद से जहां 66 लाख अप्रत्यक्ष करदाता ही पंजीकृत थे वहीं एक जुलाई 2017 को जीएसटी लागू होने के बाद इन करदाताओं की संख्या में 48 लाख नए उद्यमियों का पंजीकरण हुआ है. इसे पढ़ें: जीएसटी का जश्नः मुख्य समारोह में शामिल हुए दो-दो वित्त मंत्री! प्रधानमंत्री ने जीएसटी को जटिल बताने वालों को जवाब देते हुये कहा, ‘‘इसमें करीब 350 करोड़ बिलों को अब तक प्रसंस्कृत किया जा चुका है, 11 करोड़ रिटर्न दाखिल हुए हैं. अगर जीएसटी वास्तव में जटिल है तो क्या हम इस तरह के आंकड़ों की उम्मीद कर सकते हैं? मोदी ने कहा कि इससे पहले उत्पादों पर लगने वाले कई कर छुपे हुये थे लेकिन जीएसटी व्यवस्था ऐसी है कि इसमें आप जो देखते हैं वही आप भुगतान करते हैं. उन्होंने कहा कि सरकार ने करीब 400 वस्तुओं के समूह में कर की दर कम की है, करीब 150 वस्तु समूहों पर शून्य दर से जीएसटी रखा गया है. आप यदि देखेंगे तो दैनिक उपभोग वाली ज्यादातर वस्तुओं पर कर की दर वास्तव में कम हुई है. चाहे चावल हो, चीनी हो, मसाले हों अथवा अन्य सामान ज्यादातर मामलों में कर की दर कम हुई है.

देशभर में GST लागू हुए पूरा एक साल हो गया है, इस मौके पर केंद्र सरकार ने जगह-जगह जश्न भी मनाया और इसकी उपलब्धि भी गिनाई. जीएसटी पर अभी तक कई तरह के सवाल उठते हैं इनपर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने करारा जवाब दिया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जीएसटी …

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शेयर बाजार में गिरावट शुरू, सेंसेक्स 132 और निफ्टी 31 अंक टूटा

इस कारोबारी हफ्ते की शुरुआत शेयर बाजार ने गिरावट के साथ की है. सोमवार को वैश्व‍िक बाजार से मिले कमजोर संकेतों के चलते बाजार टूटा है. फिलहाल सेंसेक्स 132.24 अंक गिरकर 35,291.24 के स्तर पर कारोबार कर रहा है. निफ्टी50 31.05 अंकों की कटौती के साथ 10,683.25 के स्तर पर बना हुआ है. शुरुआती कारोबार में निफ्टी-50 पर टाटा स्टील, बजाज-ऑटो और टाटा मोटर्स के शेयरों में बढ़त देखने को मिल रही है. दूसरी तरफ, कोल इंडिया, आईटीसी और एनटीपीसी के शेयरों में गिरावट नजर आ रही है. वहीं, सेंसेक्स पर आईडीबीआई बैंकों के शेयरों में बढ़त देखने को मिल रही है. फिलहाल आईडीबीआई बैंक के शेयर 3.83 फीसदी की बढ़त के साथ कारोबार कर रहे हैं. रुपये की सपाट शुरुआत: इस कारोबारी हफ्ते के पहले दिन रुपये ने सपाट शुरुआत की है. सोमवार को रुपया डॉलर के मुकाबले 68.48 प्रति डॉलर पर खुला है. शुक्रवार को रुपये में काफी गिरावट देखने को मिली. हालांकि बाद में भारतीय रिजर्व बैंक के दखल देने के बाद इसमें थोड़ी मजबूती देखने को मिली.

इस कारोबारी हफ्ते की शुरुआत शेयर बाजार ने गिरावट के साथ की है. सोमवार को वैश्व‍िक बाजार से मिले कमजोर संकेतों के चलते बाजार टूटा है. फिलहाल सेंसेक्स 132.24 अंक गिरकर  35,291.24 के स्तर पर कारोबार कर रहा है. निफ्टी50 31.05 अंकों की कटौती के साथ 10,683.25 के स्तर पर …

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Good News: जल्द ही मोदी सरकार जनता को दे सकती है बड़ी राहत, जानिए कैसे?

नई दिल्ली: जीएसटी यानि गुड्स एंड सर्विस टैक्स के एक साल पूरा होने पर सरकार जीएसटी दिवस मना रही है। सरकार लोगों को जीएसटी के फायदे गिना रही है। वहीं इस बीच एक बड़ी खबर भी सामने आयी है। बीमारी के बाद स्वस्थ होकर लौटे फाइनेंस मंत्री अरूण जेटली ने इशारा …

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जीएसटी का जश्नः मुख्य समारोह में शामिल हुए दो-दो वित्त मंत्री!

देश में वन नेशन-वन टैक्स की परिकल्पना के साथ लागू हुए गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) को एक साल पूरा हो गया है. केंद्र सरकार पूरे देश में इस मौके को ईमानदारी के प्रतीक के तौर पर स्थापित करने के लिए जीएसटी दिवस मना रही है. खास बात ये है कि इस संबंध में आयोजित मुख्य समारोह अपने आप में खास रहा क्योंकि ये पहला और अनोखा मौका है जब केंद्र के कार्यक्रम में दो-दो वित्त मंत्री शामिल हुए. पीयूष गोयल जहां मंच पर मौजूद थे तो अरुण जेटली ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कार्यक्रम को संबोधित किया. केंद्र सरकार ने देशभर में जीएसटी 30 जून 2017 की मध्यरात्रि को लागू किया था. इसे लागू करने के लिए संसद के सेंट्रल हॉल में विशेष सत्र बुलाया और इस टैक्स सुधार को आजाद भारत का सबसे बड़ा सुधार कहा. इसे लागू करते समय देश के वित्त मंत्रालय की कमान अरुण जेटली के हाथ में थी. बीते एक साल के दौरान उनके नेतृत्व में इस टैक्स सुधार को पूरे देश में लागू किया गया. हालांकि इस दौरान जीएसटी लागू करने में आई दिक्कतों के चलते वे विपक्ष के निशाने पर भी रहे. जीएसटी के एक साल पूरे होने से एक महीने पहले ही वित्त मंत्रालय में फेरबदल किया गया. स्वास्थ्य कारणों के चलते अरुण जेटली को बिना प्रभार का कैबिनेट मंत्री घोषित किया गया और कोयला व रेल जैसे प्रमुख मंत्रालय देख रहे पीयूष गोयल को वित्त मंत्रालय का भी कार्यभार सौंप दिया गया. अरुण जेटली की वित्त मंत्रालय से ‘छुट्टी’उनका स्वास्थ बेहतर होने तक के लिए बताई जा रही है. हालांकि बीते 15 दिन से अरुण जेटली सोशल मीडिया पर जमकर सक्रियता दिखा रहे हैं. मानो संकेत दे रहे हों कि अब वे स्वस्थ हो चुके हैं और कार्यभार संभालने के लिए तैयार हैं. अरुण जेटली ने बीते 15 दिनों के दौरान कश्मीर, महंगाई, आतंकवाद, जीएसटी जैसे कई मुद्दों पर फेसबुक पोस्ट लिखकर अपनी सक्रियता दिखाई है, लेकिन आज देशभर में जीएसटी के जश्न की तैयारी में वह केंद्र सरकार का चेहरा पूर्ण रूप से नहीं बन पाए. जीएसटी दिवस के सभी कार्यक्रमों में प्रमुख भूमिका वित्त मंत्रालय का कार्यभार संभाल रहे पीयूष गोयल ही निभा रहे हैं. राजधानी दिल्ली के अंबेडकर हॉल में आयोजित जीएसटी के जश्न में जहां मंच पर पीयूष गोयल मौजूद थे, वहीं इस कार्यक्रम के दौरान अरुण जेटली को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए शामिल किया गया. जीएसटी के जश्न के लिए सजे मंच पर पीयूष गोयल की मौजूदगी और इसके साथ ही अरुण जेटली का वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संबोधन अपने आप में अनोखी स्थिति है. पिछले कई दिन से विपक्ष सवाल उठा रहा है कि देश का असली वित्त मंत्री कौन हैं. कांग्रेस ने इस बारे में सरकार की अलग-अलग वेबसाइट का भी हवाला दिया था. कहा जा रहा है कि अगर पीयूष गोयल सिर्फ प्रभारी वित्त मंत्री हैं तो वे नीतिगत फैसलों, अहम मीटिंग में कैसे हिस्सा ले रहे हैं और अगर उन्हें ही वित्त मंत्री बना दिया गया है तो अरुण जेटली की मोदी सरकार में अब क्या भूमिका होगी? आज जिस तरह जीएसटी के कार्यक्रम में दोनों मंत्री शामिल किए गए उससे इस तरह के सवालों को और ज्यादा मजबूती मिलेगी.

देश में वन नेशन-वन टैक्स की परिकल्पना के साथ लागू हुए गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) को एक साल पूरा हो गया है. केंद्र सरकार पूरे देश में इस मौके को ईमानदारी के प्रतीक के तौर पर स्थापित करने के लिए जीएसटी दिवस मना रही है. खास बात ये है …

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बिन जेटली मनाया मोदी सरकार ने GST का जश्न, कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुए शामिल

देश में वन नेशन वन टैक्स की परिकल्पना के साथ लागू हुए गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) को एक साल पूरा हो गया है. इस मौके पर मोदी सरकार ने पूरे देश में ईमानदारी के स्वरूप के तौर पर जीएसटी दिवस का जश्न मनाया. इस जश्न में जीएसटी लागू करने में अहम भूमिका निभाने वाले केन्द्रीय मंत्रीय अरुण जेटली मौजूद नहीं रहे. जीएसटी के जश्न की शुरुआत करते हुए वित्त मंत्रालय द्वारा जीएसटी के एक साल के सफर पर तैयार की गई फिल्म 'वन ईयर ऑफ जीएसटी' का प्रदर्शन किया गया. फिल्म में बताया गया कि कैसे 1 जुलाई की मध्यरात्रि को संसद से देश के इस सबसे अहम टैक्स सुधार कार्यक्रम की शुरुआत की गई. फिल्म में दर्शाया गया कि कैसे बीते एक साल के दौरान केन्द्र सरकार और राज्य सरकारों ने मिलकर पूरे देश में इस व्यवस्था को लागू करने के लिए काम किया. जीएसटी की सफलता को दर्शाने के लिए आयोजित इस कार्यक्रम में जहां पीयूष गोयल ने कहा कि मौजूदा समय में जीएसटी से लगी सभी उम्मीदें पूरी हुई हैं. बीते एक साल के दौरान केन्द्र सरकार को राजस्व में इजाफा हुआ है तो कारोबारी सहजता पहले से बेहतर हुई है. गोयल ने कहा कि यदि जीएसटी के फायदे इसी तरह आगे भी मिलते रहे तो जल्द की केन्द्र सरकार के पास टैक्स दरों को और कम करने में मदद मिलेगी. इसे पढ़ें: जीएसटी का जश्नः मुख्य समारोह में शामिल हुए दो-दो वित्त मंत्री! पीयूष गोयल के इस बयान के बाद अरुण जेटली का संदेश वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुआ. अरुण जेटली ने अपने इस संबोधन में जीएसटी को मोदी सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि करार देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में पूरा देश टैक्स ढांचे में इस सुधार के लिए तैयार हुआ. जेटली ने कहा कि जीएसटी लागू करने में राज्यों को राजस्व में संभावित नुकसान का बड़ा डर था लेकिन मोदी सरकार ने अगले 5 साल तक राज्यों के नुकसान की भरपाई करने का आश्वासन देकर सभी राज्यों को जीएसटी लागू करने के पक्ष में तैयार कर लिया. वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने जीएसटी के एक साल पूरे होने पर कहा कि अरुण जेटली उनके राजनीतिक गुरू हैं और वह कामना करते हैं कि वह जल्द से जल्द स्वस्थ होकर वित्त मंत्रालय का कार्यभार संभालें. पीयूष गोयल ने कहा कि बीते एक साल से जीएसटी देश में कोऑपरेटिव फेडरलिज्म का सबसे बड़ा उदाहरण है. अपने लाइव टेलिकास्ट में अरुण जेटली ने कहा कि जीएसटी लागू करने के बाद टैक्स कलेक्शन में बड़ा इजाफा हुआ है. जेटली के मुताबिक लगभग 11.9 फीसदी अधिक टैक्स एकत्र किया गया है. यह जीएसटी की सफलता के पक्ष में सबसे बड़ा आंकड़ा है. वहीं जेटली ने कहा कि यदि केन्द्र सरकार का राजस्व इस स्तर से बढ़ता रहा तो केन्द्र सरकार के लिए आसान हो जाएगा कि वह उपभोक्ताओं और कारोबारियों को अधिक राहत पहुंचाने के लिए टैक्स दरों को और कम करने का फैसले कर सके. इसके अलावा जेटली ने दावा किया कि दुनिया के कई देशों में जीएसटी को लागू करने में बेहद कड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ा वहीं कुछ देशों में यह प्रभावी नहीं हो सका. इन देशों में राजस्व घटने के साथ-साथ कारोबार और अर्थव्यवस्था को भी नुकसान पहुंचा. लेकिन भारत में जीएसटी को सफलतापूर्वक लागू किया गया और विपरीत वैश्विक माहौल के बावजूद जीएसटी को देश में लागू करने के साथ-साथ इसे केन्द्र सरकार, राज्य सरकारों, कारोबार और उपभोक्ताओं को फायदा पहुंचाने वाला बनाया गया.

देश में वन नेशन वन टैक्स की परिकल्पना के साथ लागू हुए गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) को एक साल पूरा हो गया है. इस मौके पर मोदी सरकार ने पूरे देश में ईमानदारी के स्वरूप के तौर पर जीएसटी दिवस का जश्न मनाया. इस जश्न में जीएसटी लागू करने …

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आधार- पैन लिंक करने की समयसीमा को 31 मार्च 2019 तक बढ़ाया गया

आधार- पैन लिंक करने की समयसीमा कल यानी 30 जून 2018 को खत्म हो चुकी है जिसके बाद केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने पैन को आधार से लिंक करने की समयसीमा अगले साल 31 मार्च तक बढ़ा दी है. बता दें कि यह पांचवी बार है जब सरकार ने पर्मानेंट अकाउंट नंबर (पैन) को आधार से लिंक करने की समयसीमा बढ़ाई है. धारा 119 के तहत आदेश जारी किया गया आयकर विभाग ने अधिनियम की धारा 119 के तहत शनिवार देर रात यह आदेश जारी किया. इससे पहले 27 मार्च को यह समयसीमा बढ़ाई गई थी. माना जा रहा है कि सीबीडीटी का यह आदेश सुप्रीम कोर्ट के उस निर्देश के मद्देनजर जारी किया गया है जिसमें शीर्ष अदालत ने आधार को विभिन्न सेवाओं से जोड़ने की समयसीमा 31 मार्च, 2018 से तब तक के लिए आगे बढ़ाने को कहा था जब तक इस मामले में पांच सदस्यीय संविधान पीठ का फैसला नहीं आ जाता. क्यों जरूरी है आधार को लिंक करना दरअसल, सरकार ने बैंक अकाउंट, मोबाइल नंबर, पैन आदि को आधार से लिंक करना अनिवार्य कर दिया है. एलपीजी सब्सिडी एवं विभिन्न सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का लाभ पाने के लिए भी आधार की अनिवार्यता पर सुप्रीम कोर्ट में बहस चल रही है. सुप्रीम कोर्ट ने ही मार्च महीने में आधार को विभिन्न सेवाओं से लिंक करने की डेडलाइन 31 मार्च से बढ़ाने का आदेश दिया था. तब केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने इसकी मियाद बढ़ाकर 30 जून 2018 करने का फैसला किया था. देश में कुल 33 करोड़ पैन कार्ड होल्डर हैं बता दें कि देश में कुल 33 करोड़ पैन कार्ड होल्डर है, जिनमें करीब 16.65 करोड़ पैन कार्ड्स को आधार से लिंक कराया जा सकता है. इससे पहले पैन आधार को लिंक करने की समयसीमा 31 जुलाई, 31 अगस्त, 31 दिसंबर 2017 की गई. इससे बाद समयसीमा फिर बढ़ाकर इस साल 31 मार्च फिर 30 जून तक की गई. अब एक बार फिर समयसीमा को बढ़कार अगले साल मार्च तक कर दिया गया है.

आधार- पैन लिंक करने की समयसीमा कल यानी 30 जून 2018 को खत्म हो चुकी है जिसके बाद केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने पैन को आधार से लिंक करने की समयसीमा अगले साल 31 मार्च तक बढ़ा दी है. बता दें कि यह पांचवी बार है जब सरकार ने …

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करना चाहते हैं कम टैक्स का भुगतान, तो बस कीजिए ये 5 काम

एनपीएस में निवेश करना सबसे बेहतर: नेशनल पेंशन सिस्टम में निवेश करना टैक्स बचाने का सबसे बेहतर तरीका है। यह सरकार की ओर से संचालित एक पेंशन योजना है। यह रिटायरमेंट के बाद एक निश्चित आय प्राप्त करने का सबसे सफलतम और आसान तरीका है। अगर आप इसमें निवेश करते हैं तो आप 50,000 रुपये की अतिरिक्त कर छूट का दावा कर सकते है।

वित्त वर्ष 2017-18 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न (आईटीआर) फाइल करने की आखिरी तारीख 31 जुलाई 2018 निर्धारित है। ऐसे में आपके पास काफी कम समय बचा है। अगर आप इस वित्त वर्ष में अपनी ओर से बतौर आयकर भुगतान की जाने वाली राशि के बारे में सोच रहे हैं …

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आखिर स्विस बैंक में ही क्यों ब्लैक मनी जमा कराते हैं धन कुबेर, जानिए

अगर स्विस बैंककर्मी किसी खाते की जानकारी लीक करता है तो उसे छह महीने की कैद के अलावा 50,000 फ्रैंक्स (करीब 34 लाख रुपये) तक का जुर्माना हो सकता है। जानकारी के लिए बता दें कि बैंक गोपनीयता कानून की धारा 47 के अनुसार स्विट्जरलैंड के हर बैंक का कर्मचारी, अधिकारी, बैंकिंग संबंधित संस्थाएं, एजेंट, लेखा-परीक्षक (ऑडिटर) और स्वयं बैंक निगरानी आयोग के सदस्य और कर्मचारी भी गोपनीयता को बनाये रखने के लिए बाध्य हैं।

वर्ष 2017 में भारतीयों की ओर स्विस बैंक में जमा होने वाले पैसों में 50 फीसद की तेजी देखने को मिली है। स्विस बैंक की ओर से नेशनल बैंक की ओर से यह आंकड़ा जारी किया गया है। बैंक के मुताबिक लगातार तीन वर्षों से भारतीयों की ओर से जमा …

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