धर्म

लगातार बढ़ रहा है इस जगह के शिवलिंग का आकार

आज तक आपने कई शक्तियों और चमत्कारों के बारे में सुना होगा जिन पर कभी-कभी यकीन कर पाना भी बेहद ही मुश्किल हो जाता है. आज हम कुछ ऐसे ही चमत्कार के बारे में बात करने जा रहें हैं जिसे जानकार आप हैरान हो जायेंगे. जैसा कि हम सभी जानते हैं कि सावन का महीना करीब आ रहा है और ऐसे में भगवान शिव के मंदिर की ख़ास तरीके से साज-सज्जा की शुरुआत हो चुकी है. एक ऐसा मंदिर बताया जा रहा है जंहा महाकाल का शिवलिंग क्षरण के कारण लगातार घट रहा है वहीं लोगों का दावा है कि यहां का शिवलिंग लगातार बढ़ रहा है. यह बात देवास के महाकालेश्वर मंदिर की बात है जंहा लोगों को दावा है कि महाकाल का शिवलिंग लगातार बढ़ रहा है. इस मंदिर में भगवान शिव के दर्शन के लिए हर रोज हजारों लोगों की भीड़ रहती हैं. मंदिर के आसपास रहने वाले लोगों और हर रोज दर्शन करने वाले लोगों का कहना है कि यहां का शिवलिंग न सिर्फ स्वयंभू है, बल्कि हर साल इसकी ऊंचाई लगातार बढ़ रही है, जो अपने आप में एक चमत्कार के साथ एक गहरा रहस्य भी है. इस मंदिर के बारे में कहा जाता है कि यंहा जो भी मुराद मांगी जाती है वह पूरी हो जाती है. मंदिर के पंडितो का कहना हैं कि वह बचपन से इस शिवलिंग की आराधना करते आए है. यही नहीं बल्कि उन्होंने खुद इस शिवलिंग को बढ़ते हुए देखा है. उन्होंने बताया कि पहले उन्हें इस बात का जरा भी अंदाज़ा नहीं था लेकिन चार-पांच साल बाद सभी को अहसास होने लगा कि शिवलिंग लगातार बढ़ रहा है. ऐसा कहा जाता है कि अब तक इस शिवलिंग का आकार काफी बढ़ चुका है.

आज तक आपने कई शक्तियों और चमत्कारों के बारे में सुना होगा जिन पर कभी-कभी यकीन कर पाना भी बेहद ही मुश्किल हो जाता है. आज हम कुछ ऐसे ही चमत्कार के बारे में बात करने जा रहें हैं जिसे जानकार आप हैरान हो जायेंगे. जैसा कि हम सभी जानते …

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इस मंदिर के भगवान करते हैं मदिरापान

इस मंदिर के भगवान करते हैं मदिरापान

आज तक आपने कई तरह के चमत्कारों के बारे में सुना होगा जिस पर आपने कभी यकीन किया होगा तो कभी यह सारी बातें आपको बकवास लगी होगी. लेकिन आज हम आपको एक ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं जंहा मंदिर में मौजूद मूर्ति मदिरापान करती है. …

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इसलिए सुनी जाती है सत्‍यनारायण व्रत कथा

हिन्दू धर्म के अनुसार सभी घरों में किसी भी शुभ काम को करने से पहले भगवान सत्यनारायण की कथा कराई जाती है. लेकिन कभी अपने ये सोचा कि ऐसा क्यों होता है. अगर नहीं तो आज हम आपको बताएंगे सत्यनारायण की कथा से जुडी कुछ ख़ास बातें और इस कथा का महत्व. शास्त्रों के मुताबिक ऐसा माना गया है कि जो भी इस कथा को सुनता है और व्यक्ति अगर व्रत रखता है तो उसके जीवन में आये सारे दुखों को श्री हरि विष्णु खुद हर लेते हैं और उसके जीवन को खुशहाल बना देते है. स्कन्द पुराण के मुताबिक भगवान सत्यनारायण श्री को भगवान् विष्णु का दूसरा रूप माना गया है. ऐसा कहा जाता है कि इसी कथा को भगवान विष्णु ने देवर्षि नारद को अपने मुख से बताया था. खास बात यह है कि इस कथा को सुनने का सबसे शुभ दिन पूर्णिमा का दिन बताया गया है. ऐसा भी बताया गया है कि जो इस कथा को सुन नहीं पाते है वह पूर्णिमा को भगवान सत्यनारायण का मन में ध्यान कर लें. ऐसा करने से आपको हर काम में सफलता मिलेगी. पुराणों में ऐसा भी बताया गया है कि जिस स्थान पर भी श्री सत्यनारायण भगवान की पूजा होती है उस घर में गौरी-गणेश, नवग्रह, समस्त भगवान प्रवेश करते है और उस घर के सभी सदस्यों को परेशानी से दूर रखते है. सत्यनारायण की कथा कराने का उत्तम स्थान केले के पेड़ के नीचे अथवा घर के ब्रह्म स्थान पर बताया गया है.

हिन्दू धर्म के अनुसार सभी घरों में किसी भी शुभ काम को करने से पहले भगवान सत्यनारायण की कथा कराई जाती है. लेकिन कभी अपने ये सोचा कि ऐसा क्यों होता है. अगर नहीं तो आज हम आपको बताएंगे सत्यनारायण की कथा से जुडी कुछ ख़ास बातें और इस कथा …

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साईं व्रत दिलाएगा इच्छुक फल की प्राप्ति

हफ्ते में आने वाला गुरूवार का दिन साईं बाबा का होता हैं इस दिन साईं बाबा की ख़ास तरीके से पूजा की जाती है और साईं भक्त हर गुरूवार को अपने पूरे मन से सांई बाबा का व्रत कर विधि विधान से पूजा पाठ करते हैं. ऐसा माना गया है कि अगर कोई व्यक्ति साईं का व्रत पूरी श्रद्धा से रखता है और पूरे विधि विधान से साईं की पूजा पाठ करता है तो उसकी झोली हमेशा खुशियों से भरी रहेंगी और उसके जीवन में कभी किसी प्रकार की समस्या नहीं आएँगी. आपको साईं की पूजा करते समय कुछ ख़ास बातों पर अवश्य ध्यान देना होगा नहीं तो आपको पूरी तरह इस व्रत का फल नहीं मिलेगा. तो चलिए जानते हैं कि साईं का व्रत किस प्रकार पूर्ण विधि विधान से किया जाना चाहिए. बता दें कि साईं बाबा के व्रत 1, 9, 11 या 21 गुरूवार किये जाते हैं जिसे करने पर इच्छुक फल की प्राप्ति होती है. कोई भी स्त्री या पुरुष इस व्रत को कर सकता है जब भी आप इस व्रत की शुरुआत करें तो सबसे पहले साईं नाथ का नाम लेकर ही करें. पूजन विधि प्रारंभ करने से पहले आसन पर पीला कपडा बिछाकर साईंबाबा की तस्वीर उस पर रखें. फिर तस्वीर पर चंदन व कुम-कुम लगाकर पीले फूल या हार चढाऐं और भोग लगाऐं. पूजा के बाद हर गुरूवार को साईं के मंदिर जाए. इस व्रत को आप फलाहार लेकर भी कर सकते हैं. जब भी आप इस व्रत का उद्यापन करें तब आप गरीबों को भेजन करवाऐं और साईं की कथा की पुस्तक भेंट करें और प्रसाद के रूप में आप खिचड़ी बांटे.हफ्ते में आने वाला गुरूवार का दिन साईं बाबा का होता हैं इस दिन साईं बाबा की ख़ास तरीके से पूजा की जाती है और साईं भक्त हर गुरूवार को अपने पूरे मन से सांई बाबा का व्रत कर विधि विधान से पूजा पाठ करते हैं. ऐसा माना गया है कि अगर कोई व्यक्ति साईं का व्रत पूरी श्रद्धा से रखता है और पूरे विधि विधान से साईं की पूजा पाठ करता है तो उसकी झोली हमेशा खुशियों से भरी रहेंगी और उसके जीवन में कभी किसी प्रकार की समस्या नहीं आएँगी. आपको साईं की पूजा करते समय कुछ ख़ास बातों पर अवश्य ध्यान देना होगा नहीं तो आपको पूरी तरह इस व्रत का फल नहीं मिलेगा. तो चलिए जानते हैं कि साईं का व्रत किस प्रकार पूर्ण विधि विधान से किया जाना चाहिए. बता दें कि साईं बाबा के व्रत 1, 9, 11 या 21 गुरूवार किये जाते हैं जिसे करने पर इच्छुक फल की प्राप्ति होती है. कोई भी स्त्री या पुरुष इस व्रत को कर सकता है जब भी आप इस व्रत की शुरुआत करें तो सबसे पहले साईं नाथ का नाम लेकर ही करें. पूजन विधि प्रारंभ करने से पहले आसन पर पीला कपडा बिछाकर साईंबाबा की तस्वीर उस पर रखें. फिर तस्वीर पर चंदन व कुम-कुम लगाकर पीले फूल या हार चढाऐं और भोग लगाऐं. पूजा के बाद हर गुरूवार को साईं के मंदिर जाए. इस व्रत को आप फलाहार लेकर भी कर सकते हैं. जब भी आप इस व्रत का उद्यापन करें तब आप गरीबों को भेजन करवाऐं और साईं की कथा की पुस्तक भेंट करें और प्रसाद के रूप में आप खिचड़ी बांटे.

हफ्ते में आने वाला गुरूवार का दिन साईं बाबा का होता हैं इस दिन साईं बाबा की ख़ास तरीके से पूजा की जाती है और साईं भक्त हर गुरूवार को अपने पूरे मन से सांई बाबा का व्रत कर विधि विधान से पूजा पाठ करते हैं. ऐसा माना गया है कि …

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लगातार बढ़ रहा है इस जगह के शिवलिंग का आकार

आज तक आपने कई शक्तियों और चमत्कारों के बारे में सुना होगा जिन पर कभी-कभी यकीन कर पाना भी बेहद ही मुश्किल हो जाता है. आज हम कुछ ऐसे ही चमत्कार के बारे में बात करने जा रहें हैं जिसे जानकार आप हैरान हो जायेंगे. जैसा कि हम सभी जानते हैं कि सावन का महीना करीब आ रहा है और ऐसे में भगवान शिव के मंदिर की ख़ास तरीके से साज-सज्जा की शुरुआत हो चुकी है. एक ऐसा मंदिर बताया जा रहा है जंहा महाकाल का शिवलिंग क्षरण के कारण लगातार घट रहा है वहीं लोगों का दावा है कि यहां का शिवलिंग लगातार बढ़ रहा है. यह बात देवास के महाकालेश्वर मंदिर की बात है जंहा लोगों को दावा है कि महाकाल का शिवलिंग लगातार बढ़ रहा है. इस मंदिर में भगवान शिव के दर्शन के लिए हर रोज हजारों लोगों की भीड़ रहती हैं. मंदिर के आसपास रहने वाले लोगों और हर रोज दर्शन करने वाले लोगों का कहना है कि यहां का शिवलिंग न सिर्फ स्वयंभू है, बल्कि हर साल इसकी ऊंचाई लगातार बढ़ रही है, जो अपने आप में एक चमत्कार के साथ एक गहरा रहस्य भी है. इस मंदिर के बारे में कहा जाता है कि यंहा जो भी मुराद मांगी जाती है वह पूरी हो जाती है. मंदिर के पंडितो का कहना हैं कि वह बचपन से इस शिवलिंग की आराधना करते आए है. यही नहीं बल्कि उन्होंने खुद इस शिवलिंग को बढ़ते हुए देखा है. उन्होंने बताया कि पहले उन्हें इस बात का जरा भी अंदाज़ा नहीं था लेकिन चार-पांच साल बाद सभी को अहसास होने लगा कि शिवलिंग लगातार बढ़ रहा है. ऐसा कहा जाता है कि अब तक इस शिवलिंग का आकार काफी बढ़ चुका है.

आज तक आपने कई शक्तियों और चमत्कारों के बारे में सुना होगा जिन पर कभी-कभी यकीन कर पाना भी बेहद ही मुश्किल हो जाता है. आज हम कुछ ऐसे ही चमत्कार के बारे में बात करने जा रहें हैं जिसे जानकार आप हैरान हो जायेंगे. जैसा कि हम सभी जानते …

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एक मात्र ऐसा मंदिर जंहा नही की जाती भगवान की पूजा

हिन्दू धर्म के अनुसार हर घर में मंदिर होता है और कोई व्यक्ति भगवन की ख़ास तरीके से पूजा पाठ करते हैं. लेकिन आज हम आपको एक ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं जंहा पर भगवान की पूजा नहीं की जाती. जी हाँ आप यह जानकर हैरान जरूर हुए होंगे लेकिन पुरी में मौजूद भगवान जगन्नाथ की पूजा नहीं की जाती है. ऐसा कहा जाता है कि भगवान विष्णु जब चारों धामों पर बसे अपने धामों की यात्रा पर गए थे तब उन्होंने हिमालय की ऊंची चोटियों पर बने अपने धाम बद्रीनाथ में स्नान किया था. इसके बाद पश्चिम में गुजरात के द्वारिका में वस्त्र धारण किये थे फिर वह पुरी में निवास करने लगे और बन गए जग के नाथ अर्थात जगन्नाथ और उन्हें जगन्नाथ के रूप में आज भी माना जाता है. जगन्नाथ धाम चार धामों में से एक है, इस स्थान पर जगन्नाथ के बड़े भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के साथ विराजमान है. भगवान कृष्ण ही जगन्नाथ का रूप है. पूरी में जगन्नाथ के साथ उनके भाई बलभद्र (बलराम) और बहन सुभद्रा की मूर्तियां काष्ठ की बनी हुई हैं जिसके चलते यहां प्रत्येक 12 साल में सिर्फ एक बार प्रतिमा का नया कलेवर किया जाता है. इन मूर्तियों का निर्माण किया जाता है लेकिन उनका अकार और रूप वैसा का वैसा ही होता है. ऐसा कहा गया है कि इन मूर्तियों की पूजा नहीं होती केवल यंहा मूर्तियां दर्शन के लिए रखी गई हैं.

  हिन्दू धर्म के अनुसार हर घर में मंदिर होता है और कोई व्यक्ति भगवन की ख़ास तरीके से पूजा पाठ करते हैं. लेकिन आज हम आपको एक ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं जंहा पर भगवान की पूजा नहीं की जाती. जी हाँ आप यह जानकर हैरान …

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भगवान को अक्षत चढाने के पीछे ये हैं मान्यता

अक्षत का अर्थ होता है पूरा और हम अक्षत इसलिए चढ़ाते हैं ताकि हमारा जीवन भी अक्षत की तरह पूरा होता रहे और ईश्वर की कृपा हम पर बनी रहे.

हिन्दू धर्म में मान्यता है कि पूजा में या फिर किसी भी धार्मिक कार्य में हल्दी कुमकुम के अलावा हम अक्षत भी चढ़ाते हैं. पूजा की थाल करने में हम इस बात का ध्यान रखते हैं कि चावल या अक्षत रखना ना भूलें. बहुत से लोग इस बात को नहीं …

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संकष्टी चतुर्थी पर विधि विधान से करें गणेश पूजन

मनोकामना पूर्ति के लिए 11 दूर्वा भगवान गणेश को अर्पित करें. * इसके बाद आरती कर इस व्रत को खोल लें इससे आपकी सभी मनोकामना पूरी होगी.मनोकामना पूर्ति के लिए 11 दूर्वा भगवान गणेश को अर्पित करें. * इसके बाद आरती कर इस व्रत को खोल लें इससे आपकी सभी मनोकामना पूरी होगी.

जुलाई का महीना शुरू हो चुका है, साथ ही व्रत और त्यौहार भी आज ही शुरू हो रहे हैं जिनके लिए सभी काफी इंतज़ार करते हैं. तो आपको बता दें जुलाई की पहली तारीख को ही संकष्टी चतुर्थी है जिस पर महिलाएं व्रत करती हैं और गणेशजी का पूजन करती …

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इस मन्त्र को सुबह-सुबह बोलने से मिलता है राजयोग

शास्त्रों के मुताबिक़ बताया गया है कि जो व्यक्ति सुबह-सुबह सूरज की पहली किरण के साथ सूर्य को अर्ध्य देता है उस व्यक्ति के जीवन में कभी किसी प्रकार की कोई बाधा नहीं आती है और उसका परिवार हमेशा खुशहल रहता है. यही नहीं बल्कि उस व्यक्ति को घर के साथ-साथ समाज में भी मान-सम्मान के साथ धन-वैभव प्राप्त होता है. ऐसे भी मान्यता है कि जो व्यक्ति हर रोज सुबह इस मंत्र का जाप करता है, उसे राजयोग प्राप्त होता है. लेकिन ऐसा भी बताया गया है कि अगर आप इसे सही तरीके से नहीं करते हैं तो आपको इसके पूरे फल की प्राप्त नहीं होती हैं. इसलिए आज हम आपको बताएंगे सूर्य को अर्ध्य करने का सही तरीका. सबसे पहले सूर्य को प्रणाम करें, फिर इस मंत्र का जाप करें. कनकवर्णमहातेजं रत्नमालाविभूषितम्। प्रातः काले रवि दर्शनं सर्व पाप विमोचनम्।। इसके बाद हर रोज सुबह और शाम अपने पिता के चरण स्पर्श कर आशीर्वाद लें. अगर आप घर में सूर्य ग्रह की शांति चाहते हैं तो बिल्व पत्र की जड़ को रविवार के दिन गुलाबी धागे से पीली धातु के कवर में धारण करें. ध्यान रहे कि घर की पूर्व दिशा साफ सुथरा रहें. ऐसा माना जाता हैं कि घर की पूर्व दिशा में वास्तुदोष नहीं होना चाहिए इससे घर में कई समस्या आती है. आप चाहे तो बंदर और गाय को भोजन करवाए इसे शुभ माना गया है. इससे घर में माँ लक्ष्मी का वास होता है. इसके अलावा आप गुड का भी दान कर सकते है. इससे आपके रुके हुए कार्य पूरे होंगे.

शास्त्रों के मुताबिक़ बताया गया है कि जो व्यक्ति सुबह-सुबह सूरज की पहली किरण के साथ सूर्य को अर्ध्य देता है उस व्यक्ति के जीवन में कभी किसी प्रकार की कोई बाधा नहीं आती है और उसका परिवार हमेशा खुशहल रहता है. यही नहीं बल्कि उस व्यक्ति को घर के …

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19 साल बाद बन रहा है इस सावन में महासंयोग

हिन्दू धर्म के अनुसार सावन का महीना सबसे पवित्र होता है इस बार वर्ष 2018 में सावन के महीने की शुरुआत 28 जुलाई से होगी. बताया जा रहा है कि इस बार का सावन का महीना 19 साल बाद ऐसा होगा जो भगवान शिव के व्रत एवं तप करने वालों को कई गुना अधिक फल प्राप्त होगा साथ ही उनकी किस्मत चमकेगी. पंडितो के मुताबिक़ इस बार का सावन का महीना बेहद ही महत्वपूर्ण है. कहा जा रहा है कि ज्येष्ठ अधिकमास के बाद सावन पूरे 30 दिन का रहने वाला है. सबसे ख़ास बात यह है कि यह संयोग पूरे 19 साल बाद पड़ रहा है. पंचांगों की तिथि गणना के मुताबिक इस बार सावन माह में दूज दो दिन रहेगी जो कृष्ण पक्ष में दूज 29 और 30 जुलाई दोनों ही दिन रहेगी. सावन माह का पहला सोमवार 30 जुलाई को आएगा इसके बाद आखिरी सोमवार 20 अगस्त को रहेगा. सावन महीने के हर सोमवार को भगवान की ख़ास तरीके से पूजा की जाती है. कहा जाता है कि सावन का महीना भगवान शिव का सबसे अधिक प्रिय है. इस महीने में मांगी गई हर मुराद पूरी होती है. अगर आप सावन के महीने में सोमवार के दिन शिव मूर्ति के साथ भस्म रखते हैं तो शिव कृपा मिलेगी. इसके अलावा अगर आप सावन के सोमवार को गंगाजल लाकर घर की किचन में रखते हैं तो घर में सम्पन्नता बढ़ेगी और तरक्की व सफलता मिलती है. सावन के महीने में भगवान शिव को केसर, दूध, चीनी शक़्कर, घी, चन्दन, शहद, भांग, चढ़ाये. भगवन शिव को यह सारी चीजें अधिक प्रिय है.

हिन्दू धर्म के अनुसार सावन का महीना सबसे पवित्र होता है इस बार वर्ष 2018 में सावन के महीने की शुरुआत 28 जुलाई से होगी. बताया जा रहा है कि इस बार का सावन का महीना 19 साल बाद ऐसा होगा जो भगवान शिव के व्रत एवं तप करने वालों …

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