धर्म

सावन के पहले दिन खरीदेंगे ये चीजें तो हर काम में मिलेगी सफलता

सावन के पहले दिन खरीदेंगे ये चीजें तो हर काम में मिलेगी सफलता

पिछले कई दिनों से लोग सावन महीने का इंतज़ार कर रहे थे अब आपका इंतज़ार ख़त्म हो चुका है क्योंकि आज यानी 28 जुलाई से सावन के महीने की शुरुआत हो चुकी है. सावन महीने का पहला दिन सबसे शुभ होता है यही नहीं बल्कि अगर आप इस ख़ास दिन …

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गुरु पूर्णिमा के अवसर पर सांई बाबा की निकली भव्य पालकी

गुरु पूर्णिमा के अवसर पर सांई बाबा की पालकी का उत्सव भी मनाया जाता है। इसी खास अवसर पर शिरडी के श्री साई मंदिर में हवन के साथ सांई बाबा की पालकी भी निकाली गई और जमकर जश्न भी मनाया गया। आपको बता दें, सुबह से ही इस आयोजन में …

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सावन में ही क्यों चढ़ाई जाती है भगवान शिव को कांवड़ ?

सावन में ही क्यों चढ़ाई जाती है भगवान शिव को कांवड़ ?

27 जुलाई से सावन का महीना शुरू हो रहा है लेकिन चंद्रग्रहण के कारण इसे 28 जुलाई से माना जायेगा. ये महीना भगवान शिव के लिए और शिव भक्तों के लिए बेहद ही खास होता है. इस महीने में भगवान शिव की आराधना की जाती है और कुछ लोग पूरे महीने …

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दुर्लभ योग के साथ शुरू होगा सावन, भूलकर भी न करें ये 10 काम

दुर्लभ योग के साथ शुरू होगा सावन, भूलकर भी न करें ये 10 काम

28 जुलाई से शुरू हो रहे सावन के महीने में दुर्लभ योग बन रहा है। यह भगवान शिव को मनाने का बहुत अच्छा समय है, लेकिन कुछ सावधानियों के साथ वरना नाराज हो जाएंगे। चंडीगढ़ में सेक्टर 30 के श्री महाकाली मंदिर स्थित भृगु ज्योतिष केंद्र के प्रमुख बीरेंद्र नारायण …

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21वीं सदी का सबसे लंबा पूर्ण चंद्रग्रहण आज, जानिए चांद से जुड़ी ये महत्वपूर्ण जानकारी

21वीं सदी का सबसे लंबा पूर्ण चंद्रग्रहण आज, जानिए चांद से जुड़ी ये महत्वपूर्ण जानकारी

आज की रात होने वाला चंद्रगहण 21वीं सदी का सबसे लंबा चंद्रग्रहण माना जा रहा है। इसकी कुल अवधि 6 घंटा 14 मिनट रहेगी। इसमें पूर्णचंद्र ग्रहण की स्थिति 103 मिनट तक रहेगी। भारत में यह लगभग शुक्रवार (आज) रात्रि 11 बजकर 55 मिनट से शुरू हो कर लगभग शनिवार …

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27 जुलाई 2018 का राशिफल: जानिए आज चंद्रग्रहण के दिन किन राशियों के रहेगा शुभ

27 जुलाई 2018 का राशिफल: जानिए आज चंद्रग्रहण के दिन किन राशियों के रहेगा शुभ

मेष: दिन मिश्रित फलदायी रहेगा। परिजनों के साथ बैठकर महत्वपूर्ण चर्चा करेंगे। ऑफिस या व्यवसाय के क्षेत्र में अधिकारियों के साथ महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा होगी। सरकारी लाभ मिलने की संभावना है। कार्यभार बढ़ सकता है। वृषभ: नए कार्य करने की प्रेरणा मिलेगी और आप उन्हें प्रारंभ कर पाएंगे। व्यापार …

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जब राजा जगतसिंह की आराधना से प्रसन्न होकर सूर्य ने जनता को दिए दर्शन

राव जगतसिंह जोधपुर के पहले महाराजा जसवंतसिंह के वंशज थे और रिश्ते में भक्तिमयी मीराबाई के भतीजे लगते थे। वह बलूंदा रियासत के शासक भी थे साथ ही परम वैष्णव भक्त भी थे। वैष्णव रंग में रंगे होने की वजह से वह राजसी ठाठबाट छोड़कर सदैव भगवत भक्ति में लीन रहते थे। मेवाड़ में उन्होंने एक मंदिर का निर्माण भी करवाया था। एकबार वर्षाकाल का समय था। चारों और भयानक बारिश हो रही थी। चारों ओर घना अंधेरा छाया हुआ था। उस समय जोधपुर के लोगों ने सूर्य देवता के दर्शन कर व्रत खोलने का संकल्प ले रखा था। उन्हे जब सूर्य देवता के उदय की कोई उम्मीद नजर नहीं आई तो वह चिंतित हो गए। आखिर कुछ लोग जोधपुर नरेश के पास पहुंचे और उन्होंने महाराज से अनुरोध किया कि ' महाराज आप ही हमारे सूर्य हैं यदि आप हाथी पर सवार होकर नगर में लोगों को दर्शन दे देवें, तो आमजन भोजन ग्रहण कर लेंगे।' महाराज ने कहा कि ' आप लोगों की बात तो सही है, लेकिन व्रत तो मैने भी ले रखा है और मेरे लिए भी सूर्यनारायण के दर्शन करना आवश्यक है। उनके उदित नहीं होने से मैं किसके दर्शन करूं? ' अकस्मात उनको राव जगतसिंह का ख्याल आया और वह उनके पास गए। जगतसिंह उस समय श्रीकृष्ण की पूजा कर रहे थे। पूजा समाप्त होने पर जब जोधपुर नरेश ने उनको अपने आने का प्रयोजन बताया कि उनको सूर्यदेवता के समान सम्मान दिया गया है। भगवान की श्रेणी में अपनी गणना किया जाना जगतसिंह को अच्छा नहीं लगा। उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया और सूर्य देवता से दर्शन देने के लिए विनती करने लगे। भगवान भास्कर ने उनकी विनती सुनी और बादलों को चीरकर प्रगट हो गए। राव जगतसिंह की प्रार्थना का असर देखकर लोग उनकी जय-जकार करने लगे।

राव जगतसिंह जोधपुर के पहले महाराजा जसवंतसिंह के वंशज थे और रिश्ते में भक्तिमयी मीराबाई के भतीजे लगते थे। वह बलूंदा रियासत के शासक भी थे साथ ही परम वैष्णव भक्त भी थे। वैष्णव रंग में रंगे होने की वजह से वह राजसी ठाठबाट छोड़कर सदैव भगवत भक्ति में लीन …

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गुरु पूर्णिमा : वो गुरु जिन्होंने देवताओं को दिया ज्ञान

गुरु पूर्णिमा : वो गुरु जिन्होंने देवताओं को दिया ज्ञान

सदी के सबसे बड़े चंद्रग्रहण के साथ ही गुरु पूर्णिमा का आगमान हो रहा है. शास्त्रों के मुताबिक़ दोपहर से पहले गुरु पूजन का समय शुभ बताया गया है. हजारों सालों से चली आ रही इस परंपरा के साथ इस बार भी गुरु पूर्णिमा के दिन गुरु पादुका पूजन करें. …

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शब्दों में नहीं किया जा सकता गुरु की महिमा का बखान

शब्दों में नहीं किया जा सकता गुरु की महिमा का बखान

आप सभी इस बात से बखूबी वाकिफ होंगे कि इस साल गुरु पूर्णिमा 27 जुलाई को मनाई जाने वाली है. यह त्यौहार उन सभी के लिए है जो अपने गुरु को मानते हैं. गुरु का अर्थ शास्त्रों में बहुत ही सुंदरता से बताया गया है. शास्त्रों में गु का अर्थ …

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भगवान शिव-पार्वती को खुश करेगा ये व्रत

धर्म के अनुसार आषाढ़ शुक्ल त्रयोदशी को हर साल जया-पार्वती का व्रत किया जाता है इससे व्यक्ति की सभी मनोकामना पूरी होती है. ये नाम से ही आप समझ सकते हैं ये व्रत पार्वती और भगवान शिव के लिए किया जाता है. इसके बारे में बता दें कि यह व्रत श्रावण माह शुरू होने से पहले आता है जिसे अपने आप में ही एक चमत्कारी माना जाता है. इस व्रत को मालवा के क्षेत्र में अधिक किया जाता है जिसका काफी महत्व भी है. आइये जानते हैं इसके बारे में और जानकारी. इसलिए किया जाता है जया-पार्वती व्रत जानकारी के लिए आपको बता दें ये जया पार्वती का व्रत श्रावण मास के पहले मनाया जाता है और इस बार ये 25 जुलाई 2018 को मनाया जायेगा. इस व्रत के बारे में भगवान विष्णु ने माता लक्ष्मी को बताया था. ये व्रत भी उसी तरह होता है जैसे गणगौर, हरतालिका, मंगला गौरी होते हैं. सुहागिन महिलाएं इस व्रत को अपने सुहाग के लिए करती हैं. माना जाता है कि यह व्रत करने से स्त्रियों को अखंड सौभाग्यवती होने का वरदान प्राप्त होता है. ये व्रत कहीं पर 1 दिन का होता है और कहीं पर इस व्रत को 5 दिनों माना जाता है. चातुर्मास में भगवान शिव ऐसे संभालेंगे सृष्टि का भार * इस व्रत में बालू रेत का हाथी बनाकर उन पर 5 प्रकार के फल, फूल और प्रसाद चढ़ाए जाते हैं. * सुबह जल्दी उठाकर स्नानकर माता पार्वती की पूजा करें और व्रत का संकल्प लें. * भगवान शिव और पार्वती की मूर्ति या फोटो को स्थापित कर उन्हें कुमकुम, कस्तूरी, अष्टगंध और फूल चढ़ाएं. * अब विधि-विधान से षोडशोपचार पूजन करें और माँ पार्वती से सुख शांति के लिए प्रार्थना करें. * पूजा के बाद कथा सुनें और रात्रि जागरण कर भजन कीर्तन करने से भगवान प्रसन्न करें.

धर्म के अनुसार आषाढ़ शुक्ल त्रयोदशी को हर साल जया-पार्वती का व्रत किया जाता है इससे व्यक्ति की सभी मनोकामना पूरी होती है. ये नाम से ही आप समझ सकते हैं ये व्रत पार्वती और भगवान शिव के लिए किया जाता है. इसके बारे में बता दें कि यह व्रत …

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