खेलों का महाकुंभ कहे जाने वाले ओलंपिक 8 अगस्त को समाप्त हो चुके हैं। वहीं इस महाकुंभ से जुड़ी खबरें अब सोशल मीडिया पर छा गई हैं। एक–एक कर कई सारी कहानियां व खबरें अब लोगों के सामने आ रहे हैं। वहीं अब एक और खबर सामने आ रही है कि टोक्यो ओलंंपिक की सिल्वर मेडलिस्ट खिलाड़ी ने अपना मेडल बेच दिया है। तो चलिए जानते हैं कि उन्होंने आखिर ऐसा क्यों किया है।
टोक्यो ओलंपिक में मिला सिल्वर मेडल बेचा
टोक्यो ओलंपिक से एक नया मामला सामने आ रहा है। दरअसल एक सिल्वर मेडलिस्ट ने अपना मेडल बेच दिया है। ये काम पोलैंड की महिला खिलाड़ी मारिया आंद्रेजिक ने किया है। उन्होंने अपना मेडल गरीबी या आर्थिक तंगी की वजह से नहीं बेचा है। मेडल बेचने के पीछे एक खास और मानवता भरी वजह है। दरअसल उन्होंने ये काम एक आठ साल के बच्चे की जिंदगी बचाने के लिए किया था। उन्होंने अपने मेडल को ढाई करोड़ रुपये में बेचा है और उस बच्चे की मदद कर उसका जीवन बचाया है।
8 साल के बच्चे की जान बचाने को बेच दिया
मेडल बेचने वाली ये खिलाड़ी पोलैंड की हैं और आठ साल का वो बच्चा भी पोलैंड का ही है। दरअसल उस बच्चे की दिल की सर्जरी होनी थी जिसके लिए करीब 2 करोड़ 86 लाख रुपये का खर्च था। इस बीमार बच्चे का नाम पोल मिलोसजेक है। इस बच्चे की सर्जरी अमेरिका में होनी है। हालांकि मेडल बेचने की बात खुद मारिया ने 11 अगस्त को सोशल मीडिया पर शेयर किया था। मारिया ने बच्चे के इलाज के लिया अपना मेडल तक दांव पर लगा दिया।
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रियो ओलंपिक में पाई थीं चौथा स्थान
पोलैंड के ही एक स्टोर में मारिया का सिल्वर मेडल ढाई करोड़ रुपये में बिका था। ये बात डेली मेल में छपी एक खबर के मुताबिक बताया जा रहा है। बता दें कि मारिया आंद्रेजिक को ये मेडल टोक्यो ओलंपिक के जेवलिन थ्रो के खेल में मिला था। मारिया ने 64.61 मीटर तक जेवलिन थ्रो कर सिल्वर मेडल अपने नाम किया था। बता दें कि 2016 के रियो ओलंपिक में मारिया चौथे स्थान पर रही थीं।
ऋषभ वर्मा