रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के पूर्व गर्वनर रघुराम राजन को इस साल का इकोनॉमिक्स में नोबेलपुरस्कार मिल सकता है। वॉल स्ट्रीट जर्नल के अनुसार, राजन का नाम टॉप 6 की लिस्ट में शामिल हो गया है। बड़ी खबर: गुजरात दौरे के दूसरे दिन वडनगर पहुंचे मोदी, PM बनने के बाद पहली बार गए अपने गांव
अखबार के अनुसार राजन का नाम उस कंपनी ने अपनी लिस्ट में शामिल किया है, जो कि नोबेल पुरस्कार पाने वाले लोगों की एकेडमिक और साइंटिफिक रिसर्च के डाटा को कंपाइल करती है। हालांकि इस लिस्ट में शामिल होने का यह मतलब नहीं है कि वो दौड़ में सबसे आगे हैं, लेकिन उनके जीतने की संभावना प्रबल हो गई है।
राजन तीन साल रहे थे रिजर्व बैंक के गर्वनर
राजन को इकोनॉमिक्स के लिए नोबेल पुरस्कार की टॉप 6 की लिस्ट में इसलिए शामिल किया गया है, क्योंकि भारत में तीन साल के लिए रिजर्व बैंक के गर्वनर रहने के दौरान उन्होंने कॉर्पोरेट फाइनेंस के क्षेत्र में काफी अच्छे फैसले लिए थे।
इकोनॉमिक्स के लिए नोबेल पुरस्कारों की घोषणा सोमवार को होगी। राजन इस समय शिकागो विश्वविद्यालय में बूथ स्कूल ऑफ बिजनेस में प्रोफेसर हैं।
साल 2013 में यूपीए सरकार में उन्हें आरबीआई गवर्नर बनाया गया था, राजन RBI में अपना कार्यकाल बढ़वाना चाहते थे लेकिन एनडीए सरकार की ओर से उन्हें दोबारा मौका नहीं दिया गया। आरबीआई के गवर्नर के तौर पर राजन का तीन साल का कार्यकाल 4 सितंबर 2016 को पूरा हो गया था।
जताई थी आर्थिक मंदी की आशंका
राजन सबसे कम उम्र में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के प्रमुख की उपलब्धि हासिल कर चुके हैं। राजन अक्टूबर, 2003 से दिसंबर, 2006 तक इस संस्था के मुख्य अर्थशास्त्री के रूप में कार्यरत रहें।
गौरतलब है कि राजन ने 2008 में अमेरिका में एक भाषण के दौरान दुनिया को आगाह करते हुए आर्थिक मंदी की संभावना जताई थी जिसके तीन साल बाद यह सच साबित हुई और विश्व ने आर्थिक मंदी का दौर देखा।