RSS के महासचिव ने कहा- कानून से कुछ नहीं हो सकता, समाज को बदलना होगा

RSS के महासचिव ने कहा- कानून से कुछ नहीं हो सकता, समाज को बदलना होगा

राष्ट्रीयस्वयं सेवक संघ के सर-कार्यवाह (महासचिव) सुरेश भैयाजी जोशी ने रविवार को क्रांतिधरा मेरठ की धरती पर कहा हम हिंदू हैं, हिंदू ही हमारी पहचान है। गर्व से कहो हम हिंदू हैं। साथ ही उन्होंने कहा संघ को अपनाओ और विश्व का कल्याण करो, विश्व को बदलो। वहीं उन्होंने कहा कानून से कुछ नहीं हो सकता, समाज को बदलना होगा। इसके बाद उन्होंने कहा कानून तो उस को आगे बढ़ाने की ताकत है। देश में परिवर्तन का काम साधु संतों ने किया है। संघ के स्वयंसेवक इस काम को आगे बढ़ाएं और एक साथ मिलकर काम करें, परिवर्तन का माध्यम बनें। समाज को संगठित करना संघ का उद्देश्य है।RSS के महासचिव ने कहा- कानून से कुछ नहीं हो सकता, समाज को बदलना होगास्मृति ईरानी ने राहुल पर कसा तंज, कहा-‘बेचारे’ को पार्टी अध्यक्ष तो बनने दो

राष्ट्रीयस्वयं सेवक संघ के सर-कार्यवाह सुरेश भैयाजी जोशी ने कहा आरएसएस देशव्यापी शक्ति का निर्माण करना चाहती है, इसी शक्ति का नाम स्वयंसेवक है। आरएसएस एक सकारात्मक सोच लेकर विश्व में चल रही है। हिंदू समाज की शक्ति भय नहीं दुर्बलताओं के खिलाफ लड़ने की शक्ति है। अत्याचारों को रोकने की शक्ति है। सज्जनता की शक्ति है। दुर्जनों की शक्ति अपने आप खड़ी होती है। सज्जनों की शक्ति के लिए मेहनत करनी पड़ती है। 

1925 में आरएसएस के जन्म से एक संगठित समाज को खड़ा करना चाह रही है। आरएसएस भयमुक्त समाज बनाना चाहती है। उन्होंने कहा विश्व को दर्शन संस्कारित समाज के तौर पर हिंदू समाज को खड़ा करना चाहती है। आरएसएस हिंदू समाज को सक्रिय करना चाहती है। आरएसएस चाहती है कि विश्व में हिंदू समाज गौरवशाली समाज आत्मविश्वास के साथ जाना जाए। हिंदू समाज में कुछ कमियां हैं इसे दूर करने की भी जरूरत है। इसके लिए लगातार संघ काम कर रही है। समाज में परिवर्तन शासन-सत्ता संविधान कानून सरकार से नहीं हो सकती है। यह सारी शक्तियां समाज को सहयोग करने के लिए है।

देश में परिवर्तन का काम साधु संतों ने किया

देश में परिवर्तन का काम साधु संतों ने किया है। सत्ता सुविधाएं दे सकती है, लेकिन परिवर्तन नहीं ला सकती है। संघ ने मार्ग बनाया है। सामाजिक में आदर्श प्रस्तुत करो, आदर्शों के बल पर जीवन जीओ और दूसरों को भी जीने दो। उन्होंने कहा एक साथ मिलकर पहल करने की जरूरत है। स्थानीय लोगों का नेतृत्व करने की जरूरत है लेकिन, आज नेतृत्व का मतलब लोकसभा विधानसभा और पंचायतों में जाना माना गया है। नेतृत्व करने वाले लोग समाज को भूल जाते हैं। आज विश्व संघ को समझ रहा है। देश में जाति की संकुचित आ से समाज बढ़ा हुआ है। ऊंच -नीच जात पात से ऊपर उठकर समाज को खड़ा करने की आवश्यकता है। संघ ने सरल रास्ता अपनाया है। कहा हम हिंदू हैं जाति-बिरादरी में जन्म लेना किसी के बस में नहीं है। हम हिंदू हैं, हिंदू हमारी पहचान हैं।

यह सरल बात है जातियों को तोड़ने के लिए कानून बना लेकिन, कानून से इसे कोई लाभ नहीं हुआ था। 910 कोशिश से संघ काम कर रही है। मानसिकता से जाती को निकालना होगा। सौ साल पहले स्वामी विवेकानंद ने कहा था कि गर्व से कहो हम हिंदू हैं। इसे जन-जन का विषय बनना चाहिए। उन्होंने कहा कि शक्ति की आराधना करने वाला समाज वह निकाल कर काम करें। संगठन में शक्ति है। उन्होंने कहा जाती भाषा धर्म के भेद भाव से समाज नहीं चलेगा। कहा कि हिंदू शक्तियां डराने का काम करती है। हम यह काम नहीं करते, भीड़ से शक्ति का दर्शन नहीं होता, विचार बदलना होगा। कुरीतियों से मुक्त समाज बनाना होगा। यह काम केवल हिंदू ही कर सकता है। दलित का भेदभाव मिटाना होगा। वेद पुराणों में यही कहा गया है मिलकर लड़ना है, मिल कर रहना है। उन्होंने कहा अन्याय, अत्याचार समाप्त होना चाहिए। 

संघ भी यही चाहता है ना अन्याय होने देंगे ना करेंगे। उन्होंने कहा कि गौ रक्षा के लिए देश को खड़ा होना होगा। यह भी समझना चाहिए कि गौ रक्षा इस्लाम मुसलमान के खिलाफ नहीं है। यह किसी के खिलाफ नहीं है और ना ही यह सांप्रदायिक मुद्दा है। यह देश का मुद्दा है। उन्होंने कहा कि देश के लिए खड़ा होना होगा। तभी राष्ट्र के लिए उदय होगा। समाज के लोगों को जागृत करना होगा। 25 फरवरी को राष्ट्र के उदय के लिए राष्ट्रीय उदय कार्यक्रम में भाग लें। आप भी आएं और लोगों को भी लेकर आये।

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