मार्केट रेग्युलेटर सेबी ने सहारा ग्रुप के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अवमानना का केस दर्ज कराया है. सेबी का आरोप है कि ग्रुप एंबी वैली की नीलामी में दखल दे रहा है और नीलामी की प्रक्रिया में रुकावट डाल रहा है. सेबी ने यह केस ऐसे समय में किया है, जब सितंबर में सुप्रीम कोर्ट नीलामी की इजाजत दे चुका है. वहीं, सहारा ग्रुप के चेयरमैन सु्ब्रत रॉय ने कहा है कि उन्होंने लगभग सभी निवेशकों के पैसे चुका दिए हैं.Good News: बिना इंटरनेट इस्तेमाल करें वाट्सअप व अन्य साइट, जानिए कैसे?
सेबी ने कहा नहीं चुकाए निवेशकों के पैसे
सेबी ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में अपनी याचिका दायर की है. इसमें उसने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि सहारा ने सभी निवेशकों के पैसे नहीं चुकाए हैं. वहीं, सहारा ग्रुप ने दावा किया है कि उसने बकाया 75 फीसदी का लगभग भुगतान कर दिया है.
‘कर दिया है 95 फीसदी भुगतान’
दूसरी तरफ, सहारा ग्रुप ने कहा है कि उसने सेबी को निवेशकों का 95 फीसदी भुगतान कर दिया है. इसके बाद भी ग्रुप ने सेबी को 19 हजार करोड़ रुपये का भुगतान किया है. उन्होंने कहा कि यह सिर्फ एक देयता के लिए भरी गई दुगुनी रकम है. सहारा ग्रुप के चेयरमैन सुब्रत रॉय ने यह बात कही है.
सेबी के पास ग्रुप के 19 हजार करोड़ रुपये
रॉय ने कहा कि सेबी के पास ग्रुप के 19 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा हैं. इस रकम में ब्याज भी शामिल है. उन्होंने कहा कि सेबी ने पिछले 60 महीनों के भीतर निवेशकों को सिर्फ 64 करोड़ रुपये लौटाए हैं. सहारा इंडिया परिवार की 40वीं सालगिरह पर बोलते हुए रॉय ने कहा कि सेबी के पास सहारा की 20 हजार करोड़ रुपये की जमीन के ऑर्जिनल डॉक्युमेंट्स भी हैं.
पैसे वापस मिलने का है भरोसा
रॉय ने भरोसा जताया कि सु्प्रीम कोर्ट के फैसले के मुताबिक ग्रुप को यह पैसा वापस मिल जाएगा. क्योंकि ग्रुप पहले ही निवेशकों का 95 फीसदी बकाये का भुगतान कर चुका है.
अगस्त से शुरू हुई नीलामी की कार्रवाई
अंबी वैली की नीलामी की कार्रवाई 14 अगस्त से शुरू की गई है. इसकी नीलामी के लिए शुरुआत में 37,392 करोड़ रुपये का रिजर्व प्राइस रखा गया था. सेबी ने अगस्त, 2017 में सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था. सेबी ने ग्रुप से निवेशकों के पैसे लौटाने के लिए 36 हजार करोड़ रुपये रिकवर करने के लिए कोर्ट का सहारा लिया था.