गोरखपुर और आसपास के क्षेत्रों में रूक-रूक कर निरंतर बारिश जारी, 28 तक लगातार बारिश के आसार

पांच दिन पहले शुरू हुआ मानसूनी बारिश का सिलसिला गोरखपुर और आसपास के क्षेत्रों में रूक-रूक कर निरंतर जारी है। रविवार की देर रात से रुक-रुक कर शुरू हुई बारिश मंगलवार तक जारी रही। मंगलवार को दिन में भी धूप और बादलों के जिद्दोजहद के बीच बूंदबादी ने अपनी जगह बना ली। मौसम विशेषज्ञ के मुताबिक बारिश का यह सिलसिला 28 जून तक बना रह सकता है।

बीते सोमवार को हुई बारिश से इस बार जून की बारिश का आंकड़ा 331 मिलीमीटर तक पहुंच गया, जो औसत से 79 फीसद अधिक है। जून की औसत बारिश का मानक 185.5 मिलीमीटर है। मौसम विशेषज्ञ कैलाश पांडेय के मुताबिक राजस्थान से लेकर उत्तर प्रदेश के दक्षिणी हिस्से से होते हुए बंगाल की खाड़ी तक एक निम्न वायुदाब पट्टी बनी हुई है। इसके अलावा उड़ीसा के ऊपरी हवाओं में चक्रवातीय हवाओं का क्षेत्र भी बना हुआ है। ऐसे में बारिश का क्रम फिलहाल जारी रहेगा। मंगलवार को पूर्वी उत्तर प्रदेश के 60 फीसद हिस्से में हल्की से मध्यम वर्षा का पूर्वानुमान है। बुधवार से लेकर 28 जून तक मध्यम से भारी वर्षा की वायुमंडलीय परिस्थितियां तैयार हो रही हैं।

बारिश बनी आफत, घर-गोदाम में घुस गया पानी

बारिश के पानी से शहर के कई इलाके जलमग्न हो गए। पॉश कॉलोनी बेतियाहाता में घरों और गोदामों में बारिश का पानी चला गया। तारामंडल रोड किनारे के मोहल्लों में सोमवार को पूरे दिन जलभराव रहा। मेडिकल कॉलेज रोड किनारे के मोहल्लों में बारिश का पानी जमा होने के कारण लोगों को घरों से निकलने में काफी दिक्कत हुई।

दो पंप चले फिर भी नहीं निकला पानी

दाउदपुर स्थित नगर विधायक डॉ.राधा मोहन दास अग्रवाल के आवास के बगल में दो पंङ्क्षपग सेट लगाने के बाद भी सोमवार देर शाम तक पानी नहीं निकल सका था। दाउदपुर नहर रोड पर पानी लगने के कारण लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा।

पानी निकला नहीं कि फिर जलभराव

मेडिकल कॉलेज रोड किनारे की कॉलोनियों में सबसे ज्यादा दिक्कत है। यहां पिछली बारिश का पानी निकला नहीं कि फिर बारिश हो गई। शक्तिनगर, शताब्दीपुरम, खरैया पोखरा, अशोक नगर, राप्तीनगर फेज चार, रेल विहार आदि इलाकों में हालात भयावह होते जा रहे हैं।

तारामंडल रोड पर भी संकट बरकरार

तारामंडल रोड किनारे के मोहल्लों में घंटों जलभराव सामान्य बात हो गई है। नाले जवाब दे गए हैं। एक किलोमीटर के दायरे में जलभराव के कारण लोग परेशान हैं। सोमवार देर शाम तक यहां पानी नहीं निकल सका था।

नंदानगर इलाके में कीचड़ से आवागमन प्रभावित

नंदानगर इलाके में जल निगम ने सीवर लाइन डाली है। सड़क न बनने के कारण हर तरफ कीचड़ भरा है। इससे आवागमन प्रभावित हुआ है।

लालडिग्गी में महापौर ने चलवाया पंप

लालडिग्गी इलाके में भीषण जलभराव से लोग परेशान रहे। चौरहिया गोला, साहबगंज समेत प्रमुख बाजारों से बारिश का पानी नहीं निकला, तो लोगों ने महापौर सीताराम जायसवाल से शिकायत की। महापौर ने खुद प्रयास कर पंप चलवाया। तब जाकर चार-पांच घंटे बाद पानी निकल सका।

बाढ़ और बारिश से बचाव के लिए वैगनों में भरे गए बोल्डर, बालू और कंकरीट

मानसून के दस्तक के साथ ही पूर्वोत्तर  रेलवे प्रशासन ने पटरियों पर सतर्कता बढ़ा दी है। नदियों के आसपास, बाढ़, कटान व जल जमाव वाले संवेदनशील क्षेत्रों में पडऩे वाली रेल लाइनों पर पेट्रोलिंग शुरू हो गई है। विषम परिस्थिति से निपटने के लिए रेलवे प्रशासन ने बोल्डर, कंकरीट, बालू, बोरे व अन्य जरूरी उपकरणों (जेनरेटर, टार्च, पेट्रोमेक्स, केरोसीन, माचिस और टेंट आदि) को वैगनों में ही भंडारण कर लिया है। लखनऊ मंडल के नकहा जंगल, सहजनवां, जगतबेला, गोंडा, मैलानी, नानपारा और वाराणसी मंडल के छपरा, माधो सिंह, मांझी, बकुलहा, पनियहवा, वाल्मीकिनगर, खड्डा, तुर्तीपार, कप्तानगंज, बेल्थरारोड, दारागंज और झूंसी आदि स्टेशनों पर भंडारण सुनिश्चित कर लिया गया है। नकहा जंगल में 12 वैगन बोल्डर, 1000 घन मीटर पत्थर का चूरा और बालू का भंडारण कर लिया गया है।  इनमें से अधिकतर बोल्डर, बालू, पत्थर का चूरा, कंकरीट व अन्य उपकरण वैगन में ही सुरक्षित रखे गए हैं। ताकि, जरूरत  पडऩे पर वैगन को तत्काल मौके पर पहुंचाया जा सके।

नदियों के जलस्तर पर रेलवे के इंजीनियरों की निगाह

मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह के अनुसार पूर्वोत्तर रेलवे में पडऩे वाली नदियों के जल स्तर पर रेलवे के इंजीनियरों की निगाह है। लखनऊ, वाराणसी व इज्जतनगर मंडल में पडऩे वाली बड़ी नदियों व रेलवे के पुलों की रोजाना मानीटरिंग हो रही है। ताकि, जल स्तर बढऩे से पहले रेल लाइनों को संरक्षित व सुरक्षित किया जा सके।

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