A M777A2 howitzer is airlifted from Forward Operating Base Hadrian to Kandahar Airfield by a US Army CH-47 Chinook from Task Force Knighthawk, 2-10 Aviation Regiment, on June 18.

भारतीय वायुसेना के बेड़े में आज शामिल हुआ चिनूक हेलीकॉप्टर, जानिए इसकी खासियतें

नई दिल्ली: भारतीय वायुसेना के बेड़े में आज चिनूक हेलीकॉप्टर शामिल हो गया। अमेरिकी कंपनी बोइंग द्वारा बनाए गए चार चिनूक सीएच 47आई हेलीकॉप्टर भारत आए हैं। ऐसे 15 हेलीकॉप्टर खरीदे गए हैं। इसमें एकीकृत डिजिटल कॉकपिट मैनेजमेंट सिस्टम है।

इसमें कॉमन एविएशन आर्किटेक्चर कॉकपिट और एडवांस्ड कॉकपिट जैसी विशेषताएं हैं। इस हेलिकॉप्टर में एक बार में गोला बारूद, हथियार के अलावा सैनिक भी जा सकते हैं। इसे रडार से पकड़ पाना मुश्किल है। यह भारी मशीनों, तोपों को उठाकर ले जा सकता है। 20000 फीट की ऊंचाई तक उड़ सकता है। यह 10 टन तक के वजन को उठाकर कहीं भी ले जा सकता है।

यह 280 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ सकता है। इसकी ऊंचाई 18 फीट और चौड़ाई 16 फीट है। इसे दो पायलट उड़ा सकते हैं। दुनिया के 26 देशों में इसका इस्तेमाल किया जाता है और इन देशों में अब भारत भी जुड़ गया है। वियतनाम युद्ध, लीबिया, ईरान, अफगानिस्तान समेत इराक में भी यह हेलीकॉप्टर बड़ी और निर्णायक भूमिका निभा चुका है। भारत में इसका विशेष उपयोग किया जाएगा।

चंडीगढ़ में भारतीय वायुसेना की ओर से एक इंडक्शन समारोह का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में एयर चीफ मार्शल बीएस धनोआ शामिल हुए। उन्होंने ही औपचारिक तौर पर चिनूक हेलीकॉप्टरों को वायुसेना के बेड़े में शामिल किया। एयर चीफ मार्शल बीएस धनोआ ने इस मौके पर बताया कि चिनूक हेलीकॉप्टर हमारे कई ऑपरेशन पूरे करने में मददगार रहेगा। न केवल दिन मेंएबल्कि रात में भी इसका बखूबी इस्तेमाल किया जा सकता है। इसकी दूसरी ईकाई पूर्वी बेड़े में शामिल की जाएगी।

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