भारत की संप्रुभता-अखंडता विरोधी गतिविधियों के आरोप में सरकार ने चीन के 47 ऐप्स पर लगाया बैन

केंद्र सरकार ने चीन पर एक और डिजिटल स्ट्राइक की है। भारत की संप्रुभता और अखंडता विरोधी गतिविधियों के आरोप में सरकार ने चीन के 47 और ऐप्स पर बैन लगा दिया है। यह सभी पहले बैन किए गए ऐप के क्लोन के तौर पर काम कर रहे थे। पीटीआई के सूत्रों के मुताबिक, इन ऐप्स पर बैन लगाने के संबंध में शुक्रवार को नोटिफिकेशन जारी किया गया था। इसके साथ ही अब तक 106 चीनी ऐप्स पर बैन लग चुका है।

पबजी समेत 275 ऐप्स भी निशाने पर

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, राष्ट्रीय सुरक्षा और यूजर प्राइवेसी को लेकर 275 ऐप भी सरकार के निशाने पर आ गए हैं। इसमें पबजी और अली एक्सप्रेस जैसे ऐप भी शामिल हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सरकार ने इन 275 ऐप्स की पहचान जांच के लिए की है। यदि इन ऐप्स में राष्ट्रीय सुरक्षा या अन्य कोई उल्लंघन पाया जाता है तो इन पर बैन लगाया जा सकता है। सरकार चीनी ऐप्स के अलावा ऐसे ऐप पर भी नजर रख रही है जिनका चीन में भी निवेश है।

सरकार ने निशाने पर हैं ये ऐप

ऐप कंपनी
पबजी टेसेंट
जिली शाओमी
अली एक्सप्रेस अलीबाबा ग्रुप
रेसो बाइट डांस
यूलाइक बाइट डांस

पिछले महीने टिकटॉक समेत 59 चीनी ऐप पर बैन लगाया था

गलवान घाटी में सीमा विवाद के बाद केंद्र सरकार ने चीन के 59 ऐप्स पर बैन लगाया था। जिन ऐप्स पर यह बैन लगाया गया था, उनमें शॉर्ट वीडियो ऐप टिकटॉक, वी-चैट, यूसी ब्राउजर, यूसी न्यूज जैसे ऐप भी शामिल थे। इन सभी ऐप्स पर राष्ट्रीय सुरक्षा के खिलाफ गतिविधियों के आरोप में बैन किया गया था।

ऐप्स के लिए नए कानून बना रही है सरकार

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, केंद्र की मोदी सरकार ऐप्स के लिए नए कानून बना रही है। नए कानूनों का ड्राफ्ट तैयार करने के लिए कई सरकारी एजेंसी काम कर रही हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, यदि कोई ऐप इन कानूनों का उल्लंघन करेगा तो उसे बैन किया जा सकता है। साइबर सुरक्षा बढ़ाने और भारतीयों का डाटा सुरक्षित रखने के मकसद से यह उपाय किए जा रहे हैं।

चीन-ऑस्ट्रेलिया ने भी दिए बैन के संकेत

भारत की ओर से 59 चीनी ऐप्स पर बैन लगाए जाने के बाद पूरी दुनिया में चीनी ऐप्स पर बैन लगाने की मांग उठने लगी है। अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया टिकटॉक समेत कई चीनी ऐप्स पर प्रतिबंध लगाने का संकेत दे चुके हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप टिकटॉक के बहाने चीन पर कई बार टिप्पणी कर चुके हैं।

चीनी ऐप पर बैन लगाने वाला भारत पहला देश

जे सागर एसोसिएट्स के पार्टनर सजय सिंह का कहना है कि 47 चीनी ऐप्स पर बैन लगाना कोई आश्चर्य की बात नहीं है। भारत ही नहीं वैश्विक स्तर पर कई देशों में अपने नागरिकों के डाटा की सुरक्षा को लेकर यह ट्रैंड दिख रहा है। नागरिकों के डाटा की सुरक्षा के लिए देश विभिन्न मैकेनिज्म अपना रहे हैं। 2022 में भारत में स्मार्टफोन यूजर्स की संख्या 44 करोड़ के पार हो जाएगी। ऐसे में भारत सरकार ने अपने नागरिकों के डाटा की सुरक्षा की पहचान की है। चीन में टेलीकॉम, ओटीटी समेत कई बड़ी कंपनियां सरकार के साथ लिंक हैं। यही कारण है कि डाटा सुरक्षा के मुद्दे पर कंपनियां चीनी कंपनियों का विरोध कर रही हैं। चीनी ऐप पर बैन लगाने वाला भारत पूरी दुनिया में पहला देश है।

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