राजस्थान में जारी सियासी उठापटक के बीच CM अशोक गहलोत ने कहा- अच्छी अंग्रेजी बोलना ही सबकुछ नहीं

राजस्थान में जारी सियासी उठापटक के बीच राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि जयपुर में हॉर्स ट्रेडिंग हो रही थी। इसके हमारे पास सबूत है। हमें विधायकों को एक होटल में 10 दिनों के लिए रखना पड़ा, अगर हमने ऐसा नहीं किया होता तो मानेसर में जो हुआ, वह यहां भी हो सकता था। गहलोत ने इस दौरान सचिन पायलट पर निशाना साधते हुए कहा, ‘मैं 40 साल से राजनीति में हूं, हम नई पीढ़ी से प्यार करते हैं, भविष्य उनका होगा। वे केंद्रीय मंत्री और राज्य अध्यक्ष बनगए। यदि नई पीढ़ी हमारे समय में होती और हमने जो किया अगर उन्हें करना पड़ता, तो उन्हें समझ आता। अच्छी अंग्रेजी बोलना, अच्छी बाइट देना और हैंडसम होना ही सबकुछ नहीं है। देश के लिए आपके दिल के अंदर क्या है, आपकी विचारधारा, नीतियां और प्रतिबद्धता भी मायने रखती है।’

इससे पहले प्रदेशभाजपा अध्यक्ष सतीश पूनिया ने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात की। इससे पहले पार्टी ने कहा कि फिलहाल फ्लोर टेस्ट की जरूरत नहीं है। वहीं आज शाम तक वसुंधरा राजे राजस्थान पहुंच सकती हैं। समाचार एजेंसी एएनआइ के अनुसार राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता गुलाब चंद कटारिया ने फ्लोर टेस्ट को लेकर कहा है कि अभी इसकी जरूरत महसूस नहीं हो रही है। अगर इसकी जरूरत महसूस होती है, तो पार्टी (भाजपा) एक साथ बैठकर फैसला करेगी। कटारिया ने कहा, ‘ हमने सचिन पायलट की प्रेस कॉन्फ्रेंस के आधार पर अपनी (भाजपा) बैठक का समय तय किया था, लेकिन अब इसे रद कर दिया गया है। ऐसे में मैंने वसुंधरा राजे जी से कहा है कि वह शाम तक यहां पहुंचने की कोशिश करें।’

वहीं पायलट समेत 19 विधायकों को कांग्रेस अयोग्य घोषित करने की तैयारी में है। पार्टी की शिकायत के बाद राजस्थान विधानसभा के स्पीकर ने सचिन पायलट और 18 अन्य बागी कांग्रेस विधायकों को नोटिस जारी किया है। ये नोटिस विधायकों द्वारा व्हिप का उल्लंघन करने और सोमवार और मंगलवार को आयोजित कांग्रेस विधायक दल की बैठकों में शामिल नहीं होने पर जारी हुआ है। इन्हें शुक्रवार तक नोटिस का जवाब देने के लिए कहा गया है। समाचार एजेंसी पीटीआइ के अनुसार मंगलवार को नोटिस जारी किया गया था। इसे लेकर ने विधायक गजेंद्र सिंह शक्तावत के वल्लभनगर और हेमाराम चौधरी के गुड़ामालानी  स्थित आवास पर नोटिस चिपकाया गया है।

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भाजपा में शामिल नहीं होंगे सचिन पायलट 

सचिन पायलट ने आज सुबह बड़ा बयान देते हुए कहा है कि वे भाजपा में शामिल नहीं होंगे। उन्होंने इसे लेकर कहा, ‘ राजस्थान में कुछ नेताओं ने अटकलों को हवा देने की कोशिश की कि मैं भाजपा में शामिल हो रहा हूं, लेकिन मैं ऐसा नहीं कर रहा हूं। यह उनकी छवि को धूमिल करने की कोशिश है। मैंने राज्य में कांग्रेस को सत्ता वापस लाने के लिए बहुत मेहनत की है।’ कटारिया ने आगे कहा, ‘हमने सचिन पायलट की प्रेस कॉन्फ्रेंस के आधार पर अपनी (भाजपा) बैठक का समय तय किया था, लेकिन अब इसे रद कर दिया गया है। ऐसे में मैंने वसुंधरा राजे जी से कहा है कि वह शाम तक यहां पहुंचने की कोशिश करें।’

कांग्रेस ने मंगलवार को की पायलट पर कार्रवाई

बता दें कि भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने उनको पार्टी में शामिल होने के लिए आमंत्रण दिया, लेकिन करीबियों का कहना है कि पायलट अपना अलग मोर्चा बनाने की तैयारी में हैं। इससे पहले कांग्रेस ने मंगलवार को कार्रवाई करते हुए पायलट को उप-मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पद से हटा दिया, लेकिन पार्टी से बाहर नहीं किया गया। इस दौरान पायलट के दो समर्थक मंत्रियों विश्वेंद्र सिंह और रमेश मीणा को भी मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया गया।

राज्य पार्टी इकाई के सभी प्रकोष्ठों और विभागों को कांग्रेस ने किया भंग

अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) के महासचिव और राजस्थान के पार्टी प्रभारी अविनाश पांडे ने राज्य पार्टी इकाई के सभी प्रकोष्ठों और विभागों को भंग कर दिया। ट्विटर पर पांडे ने मंगलवार देर रात इस फैसले की जानकारी दी। एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा कि कोई भी कांग्रेसी नेता राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा की अनुमति के बिना मीडिया से संवाद नहीं करेगा।

पायलट को लेकर भाजपा ने क्या कहा

पायलट को लेकर राजस्थान के भाजपा नेताओं ने मंगलवार को कहा कि उनकी पार्टी के दरवाजे किसी भी व्यक्ति के लिए खुले हैं, जो उसकी विचारधारा पर भरोसा व्यक्त करते हैं। केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा, ‘अगर कोई भी व्यापक जनाधार वाला व्यक्ति भाजपा या किसी भी राजनीतिक दल में शामिल होता है, तो हर कोई उसका स्वागत करता है। हमारी विचारधारा पर भरोसा जताते हुए अगर कोई भी हमारे साथ आता है तो हम उसका स्वागत करेंगे। यह एक सामान्य प्रक्रिया है।’

30 विधायकों के साथ का दावा

सचिन पायलट ने पिछले दो दिनों में अपने साथ कुल 30 विधायक होने का दावा किया। हालांकि, उनके समर्थकों द्वारा जारी एक वीडियो में 16 विधायक नजर आए। अगर 30 विधायक भी सरकार से अलग होते हैं तो भी गहलोत सरकार पर कोई तात्कालिक खतरा नहीं है, क्योंकि 200 सदस्यों वाली विधानसभा में कांग्रेस के अकेले 107 सदस्य हैं और उसका दावा निर्दलीयों समेत 18 अन्य विधायकों के समर्थन का है। भाजपा के 72 विधायक हैं और उसके साथ तीन विधायकों का एक अन्य समूह है।

सड़क पर उतरे समर्थक, हाई अलर्ट

सचिन पायलट की बर्खास्तगी के बाद मंगलवार को राजस्थान में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। गुर्जर बहुल जिलों दौसा, धौलपुर, भीलवाड़ा, अजमेर, टोंक, सवाईमाधोपुर व करौली में हाई अलर्ट है। बानसूर में गुर्जर समाज के लोगों ने मुख्यमंत्री और स्थानीय विधायक का पुतला फूंका। दौसा में भी प्रदर्शन किया गया।

ऐसे चला घटनाक्रम

सचिन पायलट को संदेश दिया गया कि बगावत छोड़कर आ जाएं तो कांग्रेस पार्टी उनकी शिकायतों पर गौर करेगी। पायलट को मौका देने के लिए जयपुर में विधायक दल की बैठक को कुछ देर टाला भी गया, ताकि पायलट दिल्ली में प्रेस कांफ्रेंस कर मामला खत्म कर दें। पायलट के अड़े रहने के बाद कांग्रेस ने उन्हें डिप्टी सीएम और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद से बर्खास्त कर दिया। उनके दो समर्थक मंत्रियों को भी हटा दिया गया। संगठन से पायलट के अन्य करीबियों को भी हटाया गया है।

क्यों बने ऐसे हालात?

2018 विधानसभा चुनाव में जीत के बाद अशोक गहलोत को मुख्यमंत्री बनाए जाने से सचिन पायलट मायूस थे। पायलट और उनके समर्थकों का मानना था कि राजस्थान में पार्टी की वापसी का श्रेय पायलट को मिलना चाहिए। धीरे-धीरे यह मतभेद अहम की लड़ाई में तब्दील हो गया।

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