G20 समिटः इटली और ब्रिटेन के नेताओं के साथ बैठक करेंगे PM मोदी

जी20 सम्मेलन के पहले दिन आतंकवाद के खिलाफ पुरजोर तरीके से वैश्विक स्तर पर कार्रवाई की मांग करने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समिट के दूसरे दिन ब्रिटेन के नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठक करेंगे. इसके अलावा दक्षिण कोरिया, इटली, मेक्सिको, अर्जेंटीना, वियतनाम के नेताओं के साथ उनकी द्विपक्षीय बैठक का कार्यक्रम है.

G20 समिटः इटली और ब्रिटेन के नेताओं के साथ बैठक करेंगे PM मोदी

इसके साथ ही जी20 सम्मेलन में दूसरे दिन दो औपचारिक सत्र हैं, जिसमें दुनिया के शीर्ष नेता विचार विमर्श करेंगे. सम्मेलन के दूसरे दिन तीसरे सत्र में अफ्रीका के साथ भागीदारी, पलायन और स्वास्थ्य पर चर्चा होगी. वहीं दूसरे सत्र में डिजिटलाइजेशन, महिला सशक्तिकरण और रोजगार पर चर्चा होगी.

सम्मेलन के पहले दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने राजनीतिक हितों के लिए आतंकवाद का समर्थन कर रहे राष्ट्रों के खिलाफ वैश्विक स्तर पर ठोस कार्रवाई की अपील की. प्रधानमंत्री ने अलकायदा और आईएसआईएस के साथ लश्कर ए तैयबा एवं जैश ए मोहम्मद को भी बड़ा आतंकवादी संगठन बताया.

आतंकवाद का समर्थन करने वालों पर लगे रोक

जी20 देशों के नेताओं ने आतंकवाद एवं जलवायु परिवर्तन जैसी समस्याओं के समाधान एवं मुक्त व्यापार जैसे मामलों पर विचार विमर्श किया. ऐसे में, मोदी ने आतंकवाद के खिलाफ कड़ा संदेश दिया और आतंकवाद का समर्थन करने वाले देशों के अधिकारियों के जी20 देशों में प्रवेश पर रोक लगाने की वकालत की.

आतंकी फंडिंग के खिलाफ हो एक्शन

हिंसक प्रदर्शनों के बीच जर्मन शहर में शिखर सम्मलेन शुरू हुआ. जर्मनी की चांसलर एंजेला मार्केल ने विवादास्पद मुद्दों पर कोई सर्वसम्मति नहीं बन पाने की स्थिति में समझौता करने का भी प्रस्ताव रखा, जबकि भारत उन अधिकतर देशों के पक्ष में प्रतीत हुआ जिन्होंने ग्लोबल वार्मिंग, संरक्षणवाद एवं आतंकवाद को वित्तीय मदद के खिलाफ लड़ाई में निर्णायक कदम उठाने की मांग की.

जी20 देशों ने नेताओं ने इंटरनेट एवं सोशल मीडिया के जरिए कट्टरपंथ के प्रसार को रोकने और आतंकवादियों की पनाहगाहों के खिलाफ कार्रवाई करने का संकल्प लिया. घोषणापत्र में कई उन मामलों का जिक्र किया गया जो मोदी ने सुबह सम्मेलन की शुरुआत में नेताओं के रिट्रीट के दौरान उठाए थे.

चीनी राष्ट्रपति से मिले PM मोदी

सिक्किम क्षेत्र में भारत और चीन की सेनाओं के बीच चल रहे गतिरोध के बावजूद प्रधानमंत्री मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने ब्रिक्स नेताओं की अनौपचारिक बैठक के दौरान एक दूसरे से हाथ मिलाया और व्यापक मुद्दों पर चर्चा की. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गोपाल बागले ने बताया कि मोदी और शी ने व्यापक मुद्दों पर चर्चा की है.

मोदी ने चीन की अध्यक्षता में ब्रिक्स ब्राजील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका समूह में गतिशीलता की तारीफ की. मोदी ने बीजिंग की मेजबानी में होने जा रहे ब्रिक्स के आगामी शिखर सम्मेलन के लिए पूर्ण समर्थन देने की भी बात कही. जी-20 शिखर सम्मेलन के इतर ब्रिक्स के नेताओं की एक अनौपचारिक मुलाकात में बोलते हुए मोदी ने समूह के नेताओं से अपील की कि वे आतंकवाद से मुकाबले और वैश्विक आर्थिक वृद्धि में तेजी लाने के लिए नेतृत्व दिखाएं.

चीन ने की भारत की तारीफ

मोदी के ठीक बाद अपने संबोधन में चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने भी भारत की अध्यक्षता के दौरान ब्रिक्स की गतिशीलता की तारीफ की. भारत की अध्यक्षता की अवधि पूरी होने के बाद चीन को ब्रिक्स की अध्यक्षता सौंपी गई है. पांचों ब्रिक्स देशों के नेताओं, जिनमें रूस के राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन भी शामिल हैं, ने आगामी सितंबर में चीन के शियामेन में होने वाले 9वें शिखर सम्मेलन की तैयारियों और प्राथमिकताओं पर चर्चा की.

मुलाकात के बाद विदेश मंत्रालय ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ब्रिक्स दुनिया भर में स्थिरता, सुधार, प्रगति औक उत्तम शासन की सशक्त आवाज है. मोदी ने कहा, जी-20 को आतंकवाद को पैसे मुहैया कराने, फ्रेंचाइजी, सुरक्षित ठिकाना मुहैया कराने, समर्थन करने और प्रायोजित करने का सामूहिक तौर पर विरोध करना चाहिए.

PM मोदी ने साधा पाकिस्तान पर निशाना

प्रधानमंत्री मोदी ने पाकिस्तान आधारित आतंकी संगठनों लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद का नाम लेते हुए पाकिस्तान पर निशाना साधा और कहा कि कुछ देश राजनीतिक लक्ष्यों को हासिल करने के लिए आतंकवाद का एक हथियार के तौर पर इस्तेमाल करते हैं.

उन्होंने जी-20 सदस्य देशों से इस तरह के राष्ट्रों के खिलाफ ऐसा सामूहिक कदम उठाने की मांग की जो प्रतिरोधक बन सके. मोदी ने जी-20 शिखर बैठक को संबोधित करते हुए लश्कर और जैश की तुलना आईएसआईएस और अलकायदा से की और कहा कि इनके नाम भले ही अलग हों, लेकिन इनकी विचारधारा एक है.

आतंकवाद के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया कमजोर

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग जैसे विश्व के नेताओं की मौजूदगी में मोदी ने इस बात पर अफसोस जताया कि आतंकवाद को लेकर अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया कमजोर है और उन्होंने कहा कि इस समस्या का मुकाबला करने के लिए और सहयोग की जरूरत है.

प्रधानमंत्री ने 11 सूत्री कार्य एजेंडा पेश किया जिसमें जी-20 देशों के बीच आतंकवादियों की सूचियों के आदान-प्रदान, प्रत्यर्पण जैसी कानूनी प्रक्रियाओं को आसान बनाने एवं गति देने और आंकवादियों को धन एवं हथियारों की आपूर्ति पर अंकुश लगाने के लिए ठोस कदम उठाने के सुझाव शामिल हैं.

इससे पहले दिन में मोदी ने ब्रिक्स नेताओं के साथ अनौपचारिक बैठक में कहा कि उत्तर कोरिया में भूराजनीतिक तनाव और खाड़ी एवं पश्चिम एशिया के घटनाक्रम चिंता का विषय हैं. शिखर बैठक स्थल के बाहर पूंजीवाद विरोधी कार्यकर्ताओं और दूसरे मानवाधिकार समूहों ने प्रदर्शन किया.

ट्रंप, थेरेसा मे के साथ PM मोदी की मुलाकात

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जी-20 शिखर बैठक से इतर जापान और कनाडा के अपने समकक्षों के साथ द्विपक्षीय मुलाकातें की. कई विश्व नेताओं के साथ उनकी अनौपचारिक बातचीत भी हुई. मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, ब्रिटिश प्रधानमंत्री टेरीजा मे, जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल और फ्रांसीसी राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रोन के साथ संक्षिप्त बातचीत की.

मोदी ने ब्रिक्स नेताओं के साथ बैठक में ब्राजील के राष्ट्रपति मिचेल टेमर और दक्षिण अफ्रीकी राष्ट्रपति जैकब जुमा के साथ अनौपचारिक बातचीत की. बाद में मोदी ने जापान के प्रधानमंत्री शिंजो अबे और कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रुडो से द्विपक्षीय मुलाकात की तथा कई मुद्दों पर बातचीत की. चौथे सत्र के बाद समापन समारोह का आयोजन होगा और इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिल्ली के रवाना होंगे.

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