गंगा दशहरा पर शुभ संयोग में करें स्नान, मिलेगा पुण्य

ज्येष्ठ मास में पड़ने वाले तमाम व्रत और त्योहारों में एक गंगा दशहरा का पर्व भी काफी खास है। हिंदू धर्म में गंगा नदी का एक अलग स्थान है और माता गंगा की लोग पूजा व आरती करते हैं। प्रकृति की पूजा में नदी, जल, पेड़, पहाड़, अग्नि व सूर्य को पूजने का महत्व ही भारत को अलग बनाता है। ऐसे ही गंगा को पूजने का पर्व गंगा दशहरा इस बार नौ जून को बनाया जाएगा। बताया जाता है कि इसी दिन माता गंगा धरती पर अवतरित हुई थीं। इस बार गंगा दशहरा पर कई संयोग भी हैं। आइए जानते हैं।

शुभ योग में करें गंगा स्नान
गंगा दशहरा ज्येष्ठ मास की शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को पड़ रही है। यह हर साल हिंदू कैलेंडर के अनुसार इसी समय पड़ती है। धरती पर आने के दिवस को लेकर मनाए जाने वाले इस पर्व से लोगों की आस्था जुड़ी हुई है। कहा जाता है कि इस दिन गंगा स्नान करना चाहिए, जिससे आपके धरती पर किए बुरे कार्यों के लिए आपको प्रायश्चित करने का मौका मिलता है। लेकिन गंगा स्नान करने के साथ ही यह प्रण भी लेना चाहिए कि आप कोई बुरा कार्य नहीं करेंगे। तभी असल मायने में मोक्षदायिनी गंगा आपके लिए लाभदायक सिद्ध होती हैं। इस बार तो एक नहीं चार शुभ संयोग पड़ रहे हैं।

क्या पड़ रहा है संयोग
इस साल जो गंगा दशहरा पड़ रहा है वह काफी खास है। इस बार चार शुभ संयोग पड़ रहे हैं जो काफी अच्छे हैं। यह ग्रह और नक्षत्र के हिसाब से भी काफी शुभ है। बताया जा रहा है कि ऐसा योग बहुत कम बार ही बना है और इस बार काफी अच्छे से मौका है कि इस योग में पुण्य कमाया जाए। इसलिए इस योग में न केवल स्नान बल्कि दान भी करें। जानकारी के मुताबिक, सूर्य और बुध ग्रह वृष राशि में रहकर बुधादित्य योग बनाएंगे। साथ ही रवि योग भी है और हस्त नक्षत्र भी है। हस्त नक्षत्र के दिन माता का अवतरण धरती पर हुआ था। इसलिए यह सभी काफी खास हैं। गंगा दशहरा नौ जून को सुबह साढ़े 8 बजे से सात मिनट पहले यानी 8:23 पर शुरू होगा और यह शुक्रवार को सुबह सात बजकर 27 मिनट तक रहेगा।  इस समय में स्नान उत्तम है। घर पर भी नहा सकते हैं। इस दिन खरबूजा, सत्तू जैसे मौसमी चीजें, शरबत, दीया, फूल, इत्र, पंखा, जौ, तिल का दान करें। गरीबों को भोजन कराएं तो अच्छा होगा।

GB Singh

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