चीनी सेना की शर्मनाक करतूत को लेकर भारत ने दर्ज कराई आपत्ति

भारत ने गुरुवार को कहा कि उसने अरुणाचल प्रदेश के किशोर को उस समय यातना दिए जाने का मुद्दा चीनी पक्ष के सामने उठाया है, जब वह चीनी सेना की हिरासत में था। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि हमने चीनी पक्ष के समक्ष यह मामला उठाया है।

बताते चलें कि अरुणाचल प्रदेश के सियांग जिले से 17 वर्षीय मिराम टैरोम 18 जनवरी को लापता हो गया था। इस तरह की खबरें आई कि उसे वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास लुंगटा जोर क्षेत्र में चीनी सेना ने कथित तौर पर अगवा कर लिया।

चीनी सेना ने 27 जनवरी को किशोर को भारतीय सेना को सौंप दिया था। मिराम के पिता ओपांग तारो ने कहा था कि चीनी सेना की हिरासत के दौरान मिराम को बांधकर रखा गया और उसे हल्का बिजली का झटका दिया गया।

वहीं, लोकसभा में कांग्रेस नेता राहुल गांधी के उन आरोपों के बारे पूछे जाने पर कि मोदी सरकार ने पाकिस्तान और चीन को साथ लाने का काम किया है, बागची ने कोई टिप्पणी करने से मना कर दिया। कहा कि इस बारे में विदेश मंत्री एस जयशंकर पहले ही प्रतिक्रिया व्यक्त कर चुके हैं।

आइएएनएस के अनुसार, बागची ने कहा कि भारत और चीन के बीच कोर कमांडर स्तर की अगले दौर की वार्ता के लिए कोई तारीख निर्धारित नहीं की गई है। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के सैन्य अधिकारियों के बीच पिछले महीने बातचीत हुई थी। इसमें दोनों पक्षों ने विवादित मुद्दों का जल्द समाधान करने की सहमति जताई।

पेगासस मामले पर कोई जानकारी नहीं

एएनआइ के अनुसार, पेगासस मुद्दे को लेकर बागची ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त एक समिति की निगरानी में मामले की जांच की जा रही है। विदेश मंत्रालय के पास इस मुद्दे पर कोई जानकारी नहीं है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि 2017 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की इजरायल यात्रा के दौरान सात समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर होने की जानकारी सार्वजनिक रूप से उपलब्ध है।

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