दवाओं के कारोबार से जुड़े मेडप्लस के आईपीओ की जानें खास बातें

    दवाओं यानी फार्मेसी के कारोबार से जुड़े मेडप्लस का आईपीओ सोमवार को खुल गया है। इसमें दो दिन तक लोग अपने आवेदन कर सकते हैं। लगातार आ रहे आईपीओ के बीच मेडप्लस भी बाजार से पैसा उठाना चाह रहा है। पिछले दिनों आए तमाम आईपीओ में फार्मेसी के खुदरा चेन में अपना कारोबार चमकाने वाले मेडप्लस ने भी अपना दांव लगाया है। बता दें कि गंगादि मधुकर रेड्डी ने मेडप्लस की स्थापना 2006 में की थी। वह कंपनी के एमडी और सीईओ हैं। यह सोमवार को खुल गया है। पहले दिन खुदरा निवेशकों ने 51 फीसद बिड लगाई और गैर संस्थान निवेशकों ने दो फीसद की बिड लगाई है। कुल मिलाकर देखें तो करीब 26 फीसद बिड पहले दिन दोपहर 12 बजे तक लगी। मंगलवार को भी हलचल की संभावना है। आइए जानते हैं कंपनी की खास बातें।

क्या है शेयर का प्राइस बैंड
फार्मा सेक्टर में खुदरा दवाओं की बड़ी कंपनी मेडप्लस हेल्थ सर्विसेज है। यह अपना सार्वजनिक आरंभिक निर्गम यानी आईपीओ बाजार में लाकर अपनी पूंजी और कारोबार बढ़ाना चाहते हैं। इससे निवेशकों को भी अच्छा मौका मिलेगा कमाई का। इसका सब्सक्रिप्शन 13 से 15 दिसंबर तक लोगों के लिए खुलेगा। वह आवेदन कर सकते हैं। कंपनी की ओर से शुरुआती शेयर की बिक्री के लिए 780 से 796 रुपए का प्राइस बैंड रखा गया है। आईपीओ में 600 करोड़ रुपए के नए इक्विटी शेयर प्रमोटर और मौजूदा शेयरधारकों के लिए 798 करोड़ रुपए बिक्री पेशकश की गई है।

कैसी है कंपनी
कंपनी 2006 में खुली थी। मेडप्लस ने फाइनेंशियल ईयर 2021 में आपरेशन से राजस्व और मार्च 2021 तक स्टोर की संख्या के आधार पर देश की दूसरी सबसे बड़ी खुदरा दवा कंपनी बन गई है। यह कंपनी फार्मास्युटिकल और वेलनेस उत्पाद व होम व निजी देखभाल उत्पाद भी पेश करती है। इन्हें एफएमसीजी उत्पाद कहते हैं। मधुकर रेड्डी, एजाइलमेड इंवेस्टमेंट और लोन फुरो के पास कंपनी की 43.16 फीसद हिस्सेदारी है। जानकारी के मुताबिक कंपनी ने कोरोन काल में अच्छा काम किया और अपना कारोबार बढ़ाया। बीते साल 350 नए स्टोर जोड़े गए और लाकडाउन में 350 नए स्टोर और खोले गए। दिक्कत के समय में कंपनी ने 700 स्टोर खोलकर कारोबार को बनाए रखा।

GB Singh

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