उत्तरप्रदेश

उन्नाव में भाजपा नेता की दबंगई, परिवार को दौड़ा- दौड़ाकर पीटा, देखती रही पुलिस

भाजपा नेता के रेस्टोरेंट पर आने वाले वाहनों की पार्किंग घर के दरवाजे पर करने के विरोध पर एक परिवार पर जमकर कहर ढहाया गया। भाजपा नेता और गुर्गों ने परिवार को लोहे की रॉड और तमंचे की बट से पीटकर लहूलुहान कर दिया। दबंगों ने गर्भवती महिला तक को …

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उन्नाव में बालू लदा ओवरलोड ट्रक कार में टक्कर मारकर पलटा, दबने से पांच की मौत

चकलवंशी-मियागंज मार्ग पर तेज रफ्तार बालू लदे ट्रक ने ओवरटेक की कोशिश में इनोवा कार को जोरदार टक्कर मार दी। कार बेकाबू होकर खंती में जाकर पलट गई। ओवरलोड ट्रक भी कार पर ही जा पलटा। हादसे में बालू के नीचे दबकर एक परिवार के चार लोगों समेत पाच की …

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सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा, उत्तर प्रदेश के अाम से बढ़ानी होगी किसानों की आय

राजधानी में लोकप्रिय आम महोत्सव का शुभांरभ शनिवार को इंदिरागांधी प्रतिष्ठान में हुआ। दो दिन (23 और 24 जून) चलने वाले इस महोत्सव का शुभारंभ सीएम योगी आदित्यनाथ ने दीप जलाकर किया। सीएम ने उद्यान विभाग की स्मारिका का विमोचन किया। इस दौरान सीएम ने कहा कि प्रदेश के अंदर मंडियों …

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योगी मंत्रिमंडल में फेरबदल की सुगबुगाहट, जुलाई में हो सकता है बदलाव

योगी मंत्रिमंडल में फेरबदल की सुगबुगाहट फिर शुरू हो गई है। नीति आयोग की मंशा के अनुरूप विभागों के पुनर्गठन में सरकार की तेजी से इसकी उम्मीद बढ़ी है। वैसे तो फेरबदल पिछले वर्ष ही होना था लेकिन, कभी सरकार के एक वर्ष पूरा होने तो कभी उपचुनाव तो कभी …

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Gang Rape: किशोरी से आधा दर्जन युवकों ने किया गैंगरेप, बनाया वीडियो भी!

बुलंदशहर: उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में एक बड़ी घटना सामने आयी है। सगाई समारोह में शामिल होने के लिए आयी एक किशोरी के साथ आधा दर्जन से लोग ने गैंगरेप किया और फिर उसको वीडियो भी बनाया। आरोपी घटना के बाद किशोरी को बेहोशी की हालत में खेत में छोड़कर फरार …

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Accident: कार पर पलटा बालू लदा ट्रक, पांच की मौत, दो घायल!

उन्नाव: उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले में बालू से लदा हुआ एक ट्रक शुक्रवार को मुड़ते वक्त एक कार के ऊपर पलट गया। इस दौरान ट्रक के नीचे दबने की वजह से पांच लोगों की मौत हो गई जबकि दो लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। दोनों घायलों को इलाज …

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Big News: रिटायर्ड अएिडशनल डिस्ट्रिक्ट जज ने गोली मारकर की आत्महत्या!

गाजियाबाद: नेहरू नगर कॉलोनी में शुक्रवार को एक रिटायर्ड अडिशनल डिस्ट्रिक्ट जज ने खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली। इस बात की जानकारी पुलिस द्वारा दी गई। गाजियाबाद एसपी आकाश तोमर ने बताया 80 वर्षीय देव दत्त शर्मा की पत्नी का निधन हो गया था जिसके बाद वह भी डिप्रेशन …

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उन्नाव मे भाजपा नेता की गुंडई, दबंगों के साथ पड़ोसी के घर पर हमला

देर रात एक परिवार ने इसका विरोध कर वाहन हटाने की बात कही तो रेस्टोरेंट मालिक भाजपा नेता प्रवेश सिंह उर्फ सिंडिकेट के इशारे पर गुर्गों ने पड़ोस के घर में घुसकर राजबहादुर और उनके बेटों विनोद, राजेंद्र, धर्मेंद्र को लहूलुहान कर दिया। घर की महिलाओं ने बचाने की कोशिश की तो उनको भी बेरहमी से पीटा। गर्भवती महिला पर घर से सड़क पर खींचकर डंडे बरसाए। भाजपा नेता के गुर्गों के उपद्रव के दौरान मौके पर अजगैन थाने का एक दारोगा और दो सिपाही खड़े तमाशा देखते रहे है। घायल परिवार ने बचाने की गुहार भी लगाई पर सत्ता की हनक के आगे उन्होंने मुंह मोड़ लिया। परिवार पर हमला करने वाले लाइसेंसी असलहों से लैस होकर आए थे। पांच महिलाओं समेत अन्य घायल सीएचसी नवाबगंज में इलाज चल रहा । घायलों ने बीजेपी नेता सिंडिकेट और उनके भाई रवि सिंह उर्फ कल्लू समेत अन्य 10-12 लोगों पर वाहनों की पार्किंग से रोकने पर हमला करने का आरोप लगाया। पुलिस नामजद मुकदमा दर्ज करने से टालमटोल कर रही, उसकी ओर से दबाव बनाया जा रहा कि तहरीर से भाजपा नेता और उसके भाई का नाम हटा लिया जाए। घटना के समय अजगैन थाने का एक दारोगा और दो सिपाही मौके पर मौजूद थे पर वह भी सत्ता की हनक के आगे पीछे हट गए। आरोपी लाइसेंसी असलहों से लैस होकर पहुंचे थे। इनके हमले में पांच महिलाओं समेत अन्य घायल का सीएचसी नवाबगंज में इलाज चल रहा है। घायलों ने भाजपा नेता सिंडिकेट और उनके भाई रवि सिंह, अरुण उर्फ कल्लू समेत अन्य 10-12 लोगों पर मारपीट का आरोप लगाया है। इसके बाद भी पुलिस मामला दर्ज करने में टालमटोल कर रही है। प्रदेश में बीजेपी नेताओं पर सत्ता का नशा सिर चढ़कर बोल रहा है। सत्ता की हनक के आगे पुलिस भी बेबस नजर आ रही है।भाजपा नेता प्रवेश सिंह सिंडिकेट का अनंत भोग के नाम से एक रेस्टोरेंट चलता है। पार्किंग की व्यवस्था न होने के कारण यहां आने वाले ग्राहक पास के घरों के सामने हाईवे पर अपनी गाडिय़ां पार्क करते हैं। जिस कारण इन घरों में रहने वालों को आने-जाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।

लखनऊ तथा कानपुर को जोडऩे वाला उन्नाव भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के बाद आज फिर चर्चा में है। भाजपा नेता ने यहां दंबगई दिखाई और अपने गुर्गों के साथ मिलकर पड़ोसियों पर हमला बोल दिया। जिसमें गर्भवती महिलाओं को भी बेरहमी से पीटा गया। इस सारे प्रकरण में पुलिस …

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पासपोर्ट विवाद में ट्विस्ट, अधिकारी ने कहा- नोएडा की महिला को लखनऊ से कैसे दे देता पासपोर्ट

नाम शामिल नहीं करवाना चाहती थीं आवेदक महिला विकास मिश्रा ने नाम के सवाल पर कहा कि नाम पूछने पर दंपति ने निकाहनामा दिखाया जिसमें सादिया हसन नाम था लेकिन उस नाम को वो आवेदन पत्र में शामिल नहीं कराना चाहती थीं। इसके बाद मैंने उनसे आवेदन पत्र में नाम चढ़ाने के लिए आग्रह किया तो उन्होंने इसके लिए मना कर दिया। इसके बाद हमने मामले को एपीओ अधिकारी के पास भेज दिया। उन्होंने दंपति से पूछा कि आप नोएडा में रहती हैं तो पता चढ़ाने के लिए क्यों मना कर रही हैं। दंपति ने वहां भी मना कर दिया। जिसके बाद एपीओ ने उनकी फाइल को यहां के पॉलिसी सेंटर भेज दिया। मैंने कोई भी अभद्र व्यवहार नहीं किया विकास मिश्रा ने कहा कि अभद्रता तथा चिल्लाने का आरोप गलत है। उन्होंने कहा कि मैं उनके ऊपर नहीं चिल्लाया बल्कि वो यहां दफ्तर में चिल्ला रहे थे। इसके साथ ही उन्होंने हमें धमकी भी दी कि हम सक्षम लोग हैं, हम पुलिस रिपोर्ट भी दर्ज करवाएंगे। हम नोएडा में जरूर रहते हैं लेकिन हम लखनऊ के पते पर रिपोर्ट लिखवा लेंगे जिसके बाद आपको गंभीर परिणाम भुगतना पड़ेगा। ट्रांसफर तथा नोटिस जारी होने के बारे में उन्होंने कहा कि अगर कोई नोटिस मिली है तो हम उसका जवाब देंगे, ट्रांसफर की किसी कार्रवाई की जानकारी हमारे पास नहीं है। इस प्रकरण में जो भी हो रहा है वह गलत हो रहा है। सब कुछ नियम के खिलाफ विकास मिश्र ने भी अंतरजातीय विवाह किया है। विकास मिश्र ने कहा कि एक तो तन्वी का पता नोएडा का था। इस पर उनको गाजियाबाद पासपोर्ट सेवा केंद्र में अप्लाई करना चाहिए था। दूसरा पासपोर्ट मैन्यूअल 2016 के तहत यदि अंतरजातीय विवाह करने पर आवेदक को एक घोषणा पत्र पर केवल इतना लिखना होता है कि उसने जिससे शादी की है उसका नाम व पता यह है। पासपोर्ट एक्ट 1967 के तहत नाम बदलने पर पासपोर्ट के आवेदन में लगे एक बाक्स में सही का निशान लगाकर दूसरा नाम भी जोडऩा पड़ता है। यहां तक कि घर का नाम भी बताया जाता है। जिससे एक आदमी के अलग नाम से पासपोर्ट न बन सकें। तन्वी के पति का नाम मुस्लिम होने पर मैंने यहीं कहा था कि यदि अंतरजातीय विवाह हुआ है तो उनको दूसरा नाम बताना चाहिए। तन्वी ने निकाह के बाद धर्म परिवर्तन कर लिया था। उनका नाम निकाहनामा में सादिया असद था। ऐसे में नाम आवेदन पर बढ़ाने के लिए उनको एपीओ के पास भेजा था। यह भी कहा था कि मैं नियम नहीं तोड़ सकता। यदि एपीओ स्वीकृति दे देंगे तो मैं आपके आवेदन की प्रक्रिया को मंजूर कर लूंगा। पासपोर्ट अधिकारी पीयूष वर्मा ने कहा कि इससे पहले विकास मिश्र के किसी और पासपोर्ट आवेदक के साथ अभद्रता करने की शिकायत नहीं मिली है। ट्विटर पर ट्रेंड हुआ #ISupportVikasMishra लखनऊ में पासपोर्ट ऑफिस, रतन स्क्वायर में अधिकारी विकास मिश्रा को हिंदू-मुस्लिम कपल को धर्म के नाम पर अपमानित करने के कथित आरोप में गोरखपुर ट्रांसफर कर दिया गया। विकास मिश्रा का पक्ष मीडिया में आने के बाद सोशल मीडिया पर वे ट्रेंड होने लगे। विकास मिश्रा का पक्ष सामने आने पर उनके समर्थन में ट्विटर पर एक मुहिम छिड़ गई और हैशटैग #ISupportVikasMishra ट्रेंड होने लगा। ट्विटर पर कई नामी हस्तियों ने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, पीएमओ और विदेश मंत्रालय को टैग करते हुए विकास के समर्थन में आवाज उठाया। किसी ने कहा कि अफसर अपनी ड्यूटी कर रहा था। किसी को पासपोर्ट जारी करने से पहले कई तरह की जांच की जाती है, ये उसी का हिस्सा है। ऐसे में अफसर पर की गई कार्रवाई सही नहीं है। वहीं, मामले पर लोकप्रिय गायिका मालिनी अवस्थी ने भी अपना पक्ष रखा है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि सरकारी नियम की एक प्रक्रिया है। पासपोर्ट के लिए तो और भी गहन गंभीर प्रक्रिया है। मामले की पूरी जांच बिना अफसर को हटाना ठीक नहीं। फिल्ममेकर अशोक पंडित ने लिखा कि विकास मिश्रा के पक्ष को भी सुनने की जरुरत है, जिसे मामले में पक्षकार बनाया गया है। वह अर्थपूर्ण सवाल उठा रहे हैं। एक ही महिला के दो नाम उपयोग करने पर सवाल उठा रहे हैं। उन्हें दस्तावेजों की जांच का पूरा हक है। हमें कैसे पता की तन्वी जो आरोप लगा रही हैं वह सही है। पासपोर्ट बनवाने के लिए वे झूठ भी बोल सकती हैं। इसके साथ ही ट्विटर पर लोगों ने विकास मिश्रा के तबादले और तन्वी को घंटे के भीतर बिना जांच के पासपोर्ट जारी करने पर भी सवाल उठाए।

सूबे की राजधानी लखनऊ में हाईप्रोफाइल पासपोर्ट मामले में नया ट्विस्ट आ गया है। नोएडा के निवासी हिंदू महिला तथा मुस्लिम पति को भले ही लखनऊ में पासपोर्ट दे दिया गया है, लेकिन सोशल मीडिया पर अधिकारी विकास मिश्रा की ईमानदारी की मिसाल दी जा रही है। लखनऊ में नोएडा …

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सब्जी विक्रेता से रमेश शाह बना टेरर फंडिग नेटवर्क का संचालक

सात साल पहले एक दिन अचानक उसने सब्जी का ठेला लगाना बंदकर दिया और प्रापर्टी के कारोबार से जुड़ गया। इसी दौरान वह टेरर फंडिंग नेटवर्क के संपर्क में आया। पांच वर्ष तक जमीन के धंधे से जुड़ा रहा। इस दौरान करीब दो वर्ष पहले जमीन का कारोबार बंद उसने कौन से धंधा किया, इस बारे में तो किसी को नहीं पता लेकिन, इसी बीच वह बेहिसाब दौलत का मालिक बन गया। डेढ़ साल पहले शाहपुर में असुरन चौराहे के पास मेडिकल कालेज रोड पर उसके कीमती जमीन खरीदने और उस पर सत्यम लान खोलने के बाद लोगों को उसकी कमाई के बारे में पता चला। बीते नवरात्र के पहले दिन उसने मार्ट का उद्घाटन करवाया था। रमेश की दूसरी पत्नी के बेटे का नाम सत्यम है। उसी के नाम पर उसने मार्ट का नाम सत्यम मार्ट रखा है। नेटवर्क से जुड़े लोगों की गिरफ्तारी के बाद सामने आया था नाम लखनऊ एटीएस की टीम ने 24 मार्च को मध्य प्रदेश, बिहार और उत्तर प्रदेश के कई शहरों में छापेमारी कर टेरर फंडिंग नेटवर्क से जुड़े दस लोगों को गिरफ्तार किया था। इसमें से छह लोग गोरखपुर से गिरफ्तार थे। पूछताछ में उन्होंने रमेश शाह का नाम बताया था। उस समय एटीएस ने रमेश के पिता और भाई को हिरासत में लेकर पूछताछ भी किया गया था। उसी समय से एटीएस उसकी तलाश कर रही थी। पाकिस्तानी हैंडलर के सीधे संपर्क में था रमेश टेरर फंडिंग का नेटवर्क पाकिस्तान में बैठा लश्कर-ए-तैयब्बा का एक आतंकी संचालित करता था। एटीएस की छानबीन में पता चला है कि रमेश शाह, पाकिस्तानी हैंडलर के सीधे संपर्क में था। इंटरनेट काल के जरिये पाकिस्तानी हैंडलर उसे बताता था कि किसको, कितनी रकम पहुंचानी है। रमेश शाह के गुर्गों के बैंक खातों में पाकिस्तानी हैंडलर ही मध्य-पूर्व के देशों और पूर्वोत्तर के कई राज्यों से रकम भेजता था। बाद में उसके कहने पर रमेश शाह, अपने गुर्गों के जरिये इस रकम को आतंकी गतिविधियों से जुड़े लोगों तक पहुंचाता था। 26 मई को गोरखपुर में था रमेश एटीएस की गिरफ्त में आने से बचने के लिए वैसे तो रमेश शाह भागता फिर रहा था। इस बीच 26 मार्च को अंतिम बार वह गोरखपुर आया था। इस दौरान घर, सर्वोदय नगर जाकर माता-पिता से मुलाकात भी की थी लेकिन, एक शादी में शामिल होने के लिए दिल्ली जाने की बात कहकर उसी दिन चला भी गया था। माता-पिता की माने तो इसके बाद से रमेश से उनका कोई संपर्क नहीं हो पाया।

टेरर फंडिंग नेटवर्क के जिस संचालक रमेश शाह को दो दिन पहले पुणे से गिरफ्तार किया गया वह कुछ वर्ष पहले तक गोरखपुर में चार फाटक रोड पर पिता के साथ सब्जी का ठेला लगाता था। एक दिन अचानक उसने सब्जी का ठेला लगाना बंद कर दिया और प्रापर्टी कारोबार …

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